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Ahmedabad Plane Crash Survival: ‘A Miracle I’m Alive’ – 5 Shocking Revelations by Plane Crash Survivor Vishwas Ramesh

चमत्कार में आप भी ‘विश्‍वास’ करेंगे: अहमदाबाद प्लेन क्रैश में जिंदा बचे इकलौते यात्री के 5 दिल दहला देने वाले खुलासे

अहमदाबाद प्लेन क्रैश में जब पूरा विमान आग के गोले में तब्दील हो गया, हॉस्टल की छत टूटकर जल गई, तबाही का मंजर हर तरफ था, उसी वक्त एक नाम चमत्कार बनकर सामने आया – विश्‍वास रमेश। जी हां, वही युवक जिसने इस भीषण विमान हादसे में जिंदा बचकर न केवल दुनिया को हैरान किया, बल्कि इंसानी हौसले की मिसाल भी बन गया।

Air India की फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन की ओर उड़ान भर रही थी, टेकऑफ के तुरंत बाद ही तकनीकी खराबी का शिकार हो गई और शहर के एक रिहायशी इलाके में स्थित एक हॉस्टल की छत पर क्रैश हो गई। हादसे के बाद मंजर इतना भयानक था कि आग की लपटें आसमान तक उठती दिखाई दीं। दमकल कर्मियों ने बताया कि मौके पर तापमान 600 डिग्री से भी अधिक हो गया था।

Ahmedabad Plane Crash Survival: 'A Miracle I’m Alive' – 5 Shocking Revelations by Plane Crash Survivor Vishwas Rameshकैसे बच गए विश्‍वास रमेश?

इस क्रैश में अकेले जिंदा बचे व्यक्ति हैं विश्‍वास रमेश। उनका बचना किसी दैवी चमत्कार से कम नहीं है। डीडी न्यूज़ से बातचीत में उन्होंने अपनी आंखों देखी वो हकीकत बताई, जिससे किसी की भी रूह कांप जाए।

“मेरे सामने लोग जलकर मर गए। मुझे भी लगा अब मैं मरने वाला हूं। लेकिन जब आंख खुली, तो मैं जिंदा था।” – विश्‍वास रमेश

विश्‍वास ने बताया कि विमान के टेकऑफ के ठीक 5 से 10 सेकंड बाद ही ऐसा महसूस हुआ कि सब कुछ थम गया है। “उस वक्त विमान में हरी और सफेद रंग की लाइटें जल रही थीं। मुझे लगा कुछ गड़बड़ है। तभी विमान तेजी से नीचे गिरा। फिर मुझे होश नहीं रहा,” उन्होंने बताया।

“मैं हॉस्टल की छत पर नहीं, जमीन पर गिरा”

विश्‍वास ने बताया कि हादसे के वक्त वे उस हिस्से में नहीं थे जो हॉस्टल की छत से टकराया। वो सीधे जमीन पर गिरे और जहां गिरे, वहां थोड़ी जगह बची थी जिससे वे किसी तरह बाहर निकलने में सफल रहे। “दूसरी तरफ एक बड़ी दीवार थी, शायद वहां से कोई नहीं निकल पाया,” उन्होंने बताया।

“मैंने सीट बेल्ट खोली और किसी तरह रेंगते हुए बाहर निकला। वहां आग लग गई थी और मेरा एक हाथ जल गया।”

आग, चीखें और मौत – लेकिन पैदल बाहर निकले विश्‍वास

जहां एक ओर पूरा विमान जलकर राख हो गया, वहीं विश्‍वास रमेश उस धधकती हुई जहन्नुम से खुद पैदल चलकर बाहर आए। उन्होंने बताया कि हादसे के वक्त आसपास सबकुछ जल रहा था, लोग चीख रहे थे, कई लोग बेहोश थे। “मुझे नहीं पता कि मैं कैसे बचा, लेकिन भगवान ने शायद मुझे दोबारा जन्म दिया है।”

पीएम मोदी ने लिया हालचाल

हादसे के अगले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद पहुंचे और न केवल घटनास्थल का दौरा किया, बल्कि सिविल हॉस्पिटल जाकर घायल यात्रियों से भी मुलाकात की। उन्होंने विश्‍वास रमेश से भी व्यक्तिगत रूप से बात की और उनका हालचाल जाना।

“पीएम सर ने मुझसे पूछा – क्या हुआ था? कैसे हुआ? अब आप ठीक हो ना बेटा?” – विश्‍वास रमेश

जब कोई हादसा इतना भयानक हो कि जिंदगी की सारी उम्मीदें खत्म सी लगें, और उस मंजर में कोई इंसान खुद जिंदा बाहर चलकर आए, तो उसे चमत्कार ही कहा जाएगा। विश्‍वास रमेश की यह कहानी इंसानी हिम्मत, दैवी कृपा और भाग्य – तीनों का उदाहरण है।

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