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राजस्थान जासूसी कांड: DRDO Guest House Manager Arrested for Spying

राजस्थान जासूसी कांड: DRDO Guest House Manager Arrested for Spying

DRDO Guest House राजस्थान के जैसलमेर में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। Defence Research and Development Organisation (DRDO) के गेस्ट हाउस में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे मैनेजर महेंद्र प्रसाद को पुलिस ने जासूसी (Espionage) के गंभीर आरोप में गिरफ्तार किया है।

आरोप है कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को देश की संवेदनशील और गोपनीय जानकारी भेज रहा था।

DRDO Guest House  गिरफ्तारी कैसे हुई?  How Was the Arrest Made?

खुफिया एजेंसियों को पिछले कुछ महीनों से DRDO गेस्ट हाउस से जानकारी लीक होने का संदेह था।

संदिग्ध कॉल और मैसेज को ट्रैक किया गया।

आरोपी के मोबाइल, ईमेल और सोशल मीडिया चैट की जांच में गोपनीय तस्वीरें और दस्तावेज भेजने के सबूत मिले।

पता चला कि वह सीधे आईएसआई एजेंट के संपर्क में था।

स्पेशल ब्रांच और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने संयुक्त ऑपरेशन में उसे गुप्त रूप से हिरासत में ले लिया।

  DRDO Guest House कौन है आरोपी?  Who is the Suspect?

DRDO Guest House
सर्च माय गूगल इमेज

महेंद्र प्रसाद DRDO के जैसलमेर गेस्ट हाउस में Contract Basis Manager के पद पर कार्यरत था।

उसकी जिम्मेदारी थी वहां आने वाले वैज्ञानिकों, सेना के अधिकारियों और टेक्निकल टीम की ठहरने की व्यवस्था करना।

इस दौरान उसे आने-जाने वालों की लिस्ट, मीटिंग डिटेल्स और सुरक्षा से जुड़ी कुछ इनसाइड जानकारी मिलती थी।

उसने इसी पोजीशन का दुरुपयोग किया और संवेदनशील डाटा इकट्ठा कर लिया।

  DRDO Guest House क्या-क्या लीक हुआ?  What Information Was Leaked?

शुरुआती जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि आरोपी ने –

DRDO के प्रोजेक्ट से जुड़े दस्तावेज

अधिकारियों और वैज्ञानिकों की विज़िटर लिस्ट

गेस्ट हाउस का सिक्योरिटी पैटर्न और मूवमेंट डिटेल्स

सैन्य अभ्यास से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण तस्वीरें

इन सभी को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पाकिस्तान भेजा गया।

सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा  Why This Is a Big Security थ्रेट

सोर्स बाय गूगल इमेज

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DRDO भारत की रक्षा परियोजनाओं का प्रमुख केंद्र है।

यहां से लीक हुई कोई भी जानकारी दुश्मन देश के हथियार और रणनीति विकास में मदद कर सकती है।

यह केस साबित करता है, कि दुश्मन सिर्फ बड़े अधिकारियों को नहीं, बल्कि छोटे कर्मचारियों को भी टारगेट करते हैं।

देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए यह एक Red Alert है।

DRDO Guest House मकसद क्या था? Possible Motives Behind Spying

जांच एजेंसियों को दो संभावनाओं पर शक है:

1. Financial Gain (पैसों का लालच): हर जानकारी के बदले मोटी रकम मिलना।

2. Honeytrap (हनीट्रैप): सोशल मीडिया पर महिला बनकर दोस्ती करना और फिर ब्लैकमेल करना।

जांच का अगला कदम – Investigation Process

आरोपी से पूछताछ जारी है।

उसके मोबाइल, लैपटॉप, पेन ड्राइव और बैंक रिकॉर्ड की गहन जांच की जा रही है।

NIA और IB भी इस केस में शामिल हो गए हैं, ताकि पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके।

भारत में पहले भी हुए ऐसे केस Past Espionage Cases in India

2018: पोखरण (राजस्थान) में BSF जवान जासूसी के आरोप में गिरफ्तार।

2020: नौसेना के जवान हनीट्रैप में फंसकर जानकारी लीक करते पकड़े गए।

2023: मध्य प्रदेश में रक्षा कर्मचारी से संवेदनशील डेटा लीक करवाया गया।

ये घटनाएं बताती हैं, कि सुरक्षा में जरा सी चूक भी बड़े खतरे में बदल सकती है।

जनता और सरकार की प्रतिक्रिया – Public & Government Reaction

सोशल मीडिया पर लोग कड़ी से कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं।

रक्षा विशेषज्ञ चाहते हैं कि ऐसे मामलों में Zero Tolerance Policy अपनाई जाए।

काफी लोगों ने यह मांग की कांटेक्ट बेसिस पर कर्मचारियों की नियुक्ति की और उनके बैकग्राउंड की विस्तृत जांच हो।

कैसे रोके ऐसे जासूसी केस – How to Prevent Such Espionage Incidents

1. Strict Background Verification – जॉइनिंग से पहले अधिक गहराई से जांच

2. Access Control – सिर्फ जरूरत की जानकारी तक ही पहुंच।

3. Cyber Security Training – सोशल मीडिया और ईमेल फ्रॉड से बचाव।

4. Continuous Surveillance – संदिग्ध गतिविधियों की मॉनिटरिंग।

Conclusion

DRDO गेस्ट हाउस मैनेजर की गिरफ्तारी एक Wake-Up Call है।

DRDO Guest House यह केस साबित करता है कि सुरक्षा खतरा सिर्फ बॉर्डर पर नहीं, बल्कि ऑफिस और गेस्ट हाउस के अंदर भी मौजूद है। अब यह देखना बाकी है, कि आगे की जांच में और कितने नाम सामने आते हैं,और आरोपी को क्या सजा मिलती है।

 

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