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Gorakhpur fraud case में बुजुर्ग के साथ 19.31 लाख की ठगी, फेसबुक फ्रेंडशिप से शुरू हुआ साइबर फ्रॉड

Gorakhpur fraud case में बुजुर्ग के साथ 19.31 लाख की ठगी, फेसबुक फ्रेंडशिप से शुरू हुआ साइबर फ्रॉड

Gorakhpur fraud case गोरखपुर में एक बुजुर्ग व्यक्ति से फेसबुक दोस्ती के जरिए 19.31 लाख रुपये की ठगी हुई। आरोपियों ने विदेशी व्यापार और टैक्स के नाम पर रकम ऐंठी। पुलिस जांच कर रही है,और नागरिकों को जागरूक रहने की अपील की गई है।.

Gorakhpur fraud case  शुरुआत फेसबुक फ्रेंड रिक्वेस्ट से जुड़ी कहानी

Gorakhpur fraud case गोरखपुर के रामगढ़ताल क्षेत्र में रहने वाले लगभग 60 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति की जिंदगी तब बदल गई जब उनके फेसबुक अकाउंट पर दो अंजान महिलाओं की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। पहली रिक्वेस्ट 19 मई को आई, जिसमें महिला ने खुद को “आरोही मल्होत्रा” बताया। दूसरी रिक्वेस्ट 22 मई को “कृतिका गुलाटी” नामक प्रोफाइल से आई।

दोनों से बातचीत शुरू हुई और धीरे-धीरे दोस्ती गहरी होने लगी।

  Gorakhpur fraud case भरोसा जीतने का खेल

Gorakhpur fraud case
सोर्स बाय गूगल इमेज

 फर्रुखाबाद दवा लेने निकली महिला को जिंदा जलाया 

 

दोनों महिलाओं ने खुद को बिजनेसवुमन बताया। आरोही ने दावा किया कि वह दुबई में जिम इक्विपमेंट की फैक्ट्री चलाती है और लखनऊ में उसका ऑफिस भी है। कृतिका ने भी खुद को एक बड़े ट्रेडिंग नेटवर्क से जुड़ा बताया।

लगातार चैट और वीडियो कॉल के जरिए उन्होंने बुजुर्ग का विश्वास जीत लिया।

Gorakhpur fraud case   पहला निवेश  छोटा मुनाफा दिखाकर बड़ा जाल

जून महीने में दोनों ने बुजुर्ग को “फॉरेन ट्रेडिंग” में निवेश करने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि इसमें निवेश करने पर 20-40% तक का मुनाफा मिलेगा।

बुजुर्ग ने पहले छोटी रकम भेजी और कुछ दिनों बाद उनके खाते में थोड़ा-सा लाभ भी दिखाया गया। इससे उनका विश्वास और मजबूत हो गया।

Gorakhpur fraud case बड़े निवेश की शुरुआत

जुलाई से सितंबर के बीच बुजुर्ग ने बार-बार पैसों का ट्रांसफर करना शुरू कर दिया। आरोही मल्होत्रा के बताए गए बैंक खातों में कुल लगभग 15.17 लाख रुपये जमा कराए गए। कृतिका गुलाटी को भी अलग-अलग किस्तों में करीब 3.50 लाख रुपये भेजे गए।

टैक्स और कस्टडी चार्ज के नाम पर ठगी

जब बुजुर्ग ने निवेश का मुनाफा वापस मांगना चाहा तो महिलाओं ने बहाने बनाने शुरू कर दिए। उन्होंने कहा कि पैसा निकालने के लिए पहले “इनकम टैक्स” और “कस्टडी फीस” चुकानी होगी।

विश्वास में आकर बुजुर्ग ने करीब 63,860 रुपये और जमा कराए। इसके बाद आरोपी अचानक संपर्क से गायब हो गए।

Gorakhpur fraud case  ठगी का एहसास

Gorakhpur fraud case जब बार-बार कॉल और मैसेज का जवाब नहीं मिला तो बुजुर्ग को ठगी का अहसास हुआ। उन्होंने अपने बैंक से ट्रांजेक्शन की डिटेल निकाली और देखा कि कुल 19.31 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए जा चुके हैं।

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 पुलिस की शरण

पीड़ित ने तुरंत रामगढ़ताल थाने और साइबर क्राइम थाने में तहरीर दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और जांच शुरू की।

जांच की जिम्मेदारी साइबर विशेषज्ञों और क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। बैंक खातों की डिटेल निकाली जा रही है,और संदिग्ध मोबाइल नंबरों की ट्रेसिंग की जा रही है।

Gorakhpur fraud case पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने आईपीसी की धारा 419 (छल), 420 (धोखाधड़ी) और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।

साइबर टीम ने खातों को फ्रीज करने और डिजिटल ट्रेल खंगालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही पीड़ित से चैटिंग और कॉल रिकॉर्ड भी सबूत के तौर पर लिए गए हैं।

परिवार और समाज की प्रतिक्रिया

बुजुर्ग के परिवारजन सदमे में हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर हर दिन लाखों लोग एक्टिव रहते हैं, लेकिन इस तरह की धोखाधड़ी आम लोगों के विश्वास को तोड़ देती है।

पड़ोसियों का कहना है कि बुजुर्गों को तकनीक की जानकारी कम होती है, इसलिए वे आसानी से शिकार बन जाते हैं।

10. साइबर विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों का कहना है, कि अपराधी अक्सर फर्जी प्रोफाइल बनाकर भरोसा जीतते हैं। पहले छोटा मुनाफा दिखाकर निवेशक को लालच में डालते हैं, और फिर धीरे-धीरे बड़ी रकम हड़प लेते हैं।

वे सलाह देते हैं

अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें।

किसी भी अनजान ऐप या वेबसाइट पर निवेश न करें।

बैंक डिटेल्स या OTP किसी के साथ शेयर न करें।

ठगी का शिकार होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करें।

 यूपी में बढ़ते साइबर क्राइम

उत्तर प्रदेश में साइबर अपराध के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। पिछले कुछ महीनों में ही लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर में करोड़ों रुपये की ऑनलाइन ठगी के केस सामने आए हैं।

सरकार और पुलिस लगातार जागरूकता अभियान चला रही है, लेकिन अपराधियों की तकनीक भी हर दिन बदल रही है।

निष्कर्ष

गोरखपुर में 60 वर्षीय बुजुर्ग से 19.31 लाख रुपये की ठगी का यह मामला बताता है कि साइबर अपराधी कितने चालाक तरीके से लोगों को जाल में फंसाते हैं।

यह सिर्फ एक व्यक्ति का आर्थिक नुकसान नहीं है, बल्कि समाज के विश्वास और सुरक्षा पर भी चोट है।

इस घटना से सीख लेकर लोगों को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

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