News Dilse Bharat

Gorakhpur Land Scam गोरखपुर भूमि घोटाला: मृतका को ‘जिंदा’ दिखाकर 30 करोड़ की जमीन कब्ज़ा, खुली साजिश का पर्दाफाश

Gorakhpur Land Scam गोरखपुर भूमि घोटाला: मृतका को ‘जिंदा’ दिखाकर 30 करोड़ की जमीन कब्ज़ा, खुली साजिश का पर्दाफाश

Gorakhpur Land Scam गोरखपुर के खोराबार क्षेत्र में एक बड़ा भूमि घोटाला सामने आया है। मृतका को “जिंदा” दिखाकर 30 करोड़ की जमीन हड़पने की कोशिश की गई। पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया और अन्य की तलाश जारी है। यह घटना प्रशासन और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

गोरखपुर का चौंकाने वाला भूमि घोटाला

गोरखपुर हमेशा से ही राजनीति, अपराध और भूमि विवादों को लेकर सुर्खियों में रहा है। लेकिन इस बार जो मामला सामने आया है, उसने पूरे सिस्टम को हिला दिया। भूमाफियाओं ने 18 साल पहले मृत हो चुकी महिला को “जिंदा” दिखाकर करोड़ों की जमीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश की।

यह घटना न केवल स्थानीय जनता के लिए हैरान करने वाली है, बल्कि यह प्रशासनिक ढांचे की कमज़ोरी और भ्रष्टाचार को भी उजागर करती है।

Gorakhpur Land Scam कैसे हुआ घोटाले का खुलासा

इसे भी पढ़े गोरखपुर के गैंगस्टर विकास सिन्हा का नया कारनामा 

Gorakhpur Land Scam
सोर्स बाय गूगल इमेज

यह मामला गोरखपुर के खोराबार थाना क्षेत्र, ताल कंदला इलाके का है। शिकायतकर्ता रामप्रसाद उर्फ रामाप्रसाद, जो झंगहा क्षेत्र के रहने वाले हैं, ने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी द्रौपदी का निधन 4 जनवरी 2006 को हो गया था।

Gorakhpur Land Scam लेकिन साल 2024 में, अचानक एक महिला सामने आई और खुद को द्रौपदी उर्फ सावित्री देवी बताया। उसने मृतका की पहचान का दुरुपयोग करते हुए जमीन को अपनी बेटियों पूजा और ममता के नाम दान कर दिया।

यहीं से पूरा मामला सामने आया और घोटाले की गुत्थी सुलझने लगी।

Gorakhpur Land Scam फर्जीवाड़े का खतरनाक तरीका

इस घोटाले को जिस तरह से अंजाम दिया गया, वह अपराध जगत के लिए एक नई मिसाल है।

भूमाफियाओं ने मृत महिला का फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज़ बनवाए।

5 जनवरी 2024 को मृतका का रूप धारण कर रजिस्ट्री कराई गई।

1 अप्रैल 2024 को उस जमीन और मकान पर कब्ज़ा करने की कोशिश भी की गई।

विरोध करने पर शिकायतकर्ता और परिवार को धमकियां दी गईं।

यह सब दर्शाता है, कि बिना प्रशासनिक सहयोग और दस्तावेज़ों की जांच के, इतनी बड़ी धोखाधड़ी संभव ही नहीं थी।

Gorakhpur Land Scam  पुलिस की जांच और एफआईआर

लगातार धमकियों और कब्ज़े की कोशिशों के बाद 25 मई 2025 को शिकायतकर्ता रामप्रसाद ने पुलिस से मदद मांगी।

जांच में सामने आया कि पूरा नेटवर्क फर्जी पहचान पत्रों और विभागीय लापरवाही पर टिका हुआ था।

पुलिस ने मुख्य आरोपी द्रौपदी उर्फ सावित्री देवी, उसकी बेटियां पूजा और ममता, सहयोगी रामजी (कुनराघाट निवासी) और बदरी निषाद (मिर्जापुर बरईपार निवासी) को नामजद किया।

गिरफ्तारी और पुलिस की कार्रवाई Gorakhpur Land Scam

खोराबार थाना प्रभारी इत्यनंद पांडेय ने मीडिया को बताया कि मुख्य आरोपी सावित्री देवी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया और जेल भेज दिया गया है।

अन्य नामजद आरोपी अभी फरार हैं,और उनकी तलाश जारी है।

पुलिस यह भी जांच कर रही है,कि फर्जी आधार और पैन कार्ड किस स्तर पर बने और किसने इसमें सहयोग किया।

कोर्ट की स्थिति

यह मामला इस समय न्यायालय में विचाराधीन है। मुख्य आरोपी जेल में है, और जल्द ही अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर पेश किया जाएगा।

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है, कि इस केस को अगर सख्ती से लिया गया, तो यह भूमाफियाओं के खिलाफ मिसाल बन सकता है।

क्यों चर्चा में है यह मामला Gorakhpur Land Scam

यह मामला गोरखपुर समेत पूरे यूपी में चर्चा का विषय इसलिए है क्योंकि:

1. मृतका को “जिंदा” दिखाने का फर्जीवाड़ा  अब तक के घोटालों में ऐसा तरीका बेहद दुर्लभ है।

2. जमीन की कीमत यह संपत्ति लगभग 30 करोड़ रुपये की है, इसलिए दांव बड़ा था।

3. सिस्टम पर सवाल  रजिस्ट्री, आधार और पैन कार्ड जैसे दस्तावेज़ आखिर कैसे फर्जी बनाए गए?

4. विभागीय मिलीभगत की आशंका  इस धोखाधड़ी में कहीं न कहीं सरकारी कर्मचारियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।

जनता की नाराज़गी और प्रतिक्रिया Gorakhpur Land Scam

गोरखपुर और आसपास के इलाके में लोग इस घटना को लेकर बेहद आक्रोशित हैं।

लोगों का कहना है कि:

अगर मृतका का नाम 2006 में मृत्यु प्रमाण पत्र में दर्ज था, तो 2024 में उसके नाम पर रजिस्ट्री कैसे हो गई?

क्या विभागीय स्तर पर वेरिफिकेशन नहीं हुआ?

क्या अधिकारियों ने जानबूझकर आंखें मूंद लीं?

इस पूरे प्रकरण ने जनता का भरोसा प्रशासन और न्याय व्यवस्था पर हिला दिया है।

भविष्य के लिए सबक

इस मामले से समाज और सिस्टम दोनों को सबक लेने की जरूरत है।

1. डिजिटल सत्यापन प्रणाली को और मजबूत किया जाए।

2. जमीन और संपत्ति की समय-समय पर जांच और रिकॉर्ड अपडेट जरूरी हो।

3. ऐसे मामलों में दोषियों को कड़ी सजा मिले, ताकि भूमाफियाओं की कमर टूट सके।

4. जनता को भी चाहिए कि वे अपनी संपत्ति के रिकॉर्ड समय पर अपडेट करते रहें।

हालांकि मामला गंभीर है, लेकिन सकारात्मक पक्ष यह है, कि शिकायतकर्ता ने हार नहीं मानी और न्याय के लिए आवाज़ उठाई।

अगर वे डर जाते तो शायद यह मामला कभी सामने नहीं आता और भूमाफियाओं की चाल सफल हो जाती।

अब इस केस ने पुलिस और प्रशासन को भी सतर्क कर दिया है, कि भविष्य में ऐसे घोटाले दोहराए न जा सकें।

निष्कर्ष

Gorakhpur Land Scam गोरखपुर का यह भूमि घोटाला केवल एक परिवार का नहीं बल्कि पूरे समाज और सिस्टम का मुद्दा है।

यह घटना साफ दिखाती है, कि भूमाफियाओं ने अब धोखाधड़ी के लिए नए और खतरनाक तरीके अपनाने शुरू कर दिए हैं।

लेकिन अगर प्रशासन ने सख्त कदम उठाए और दोषियों को सजा मिली, तो यह केस भविष्य में ऐसे अपराधों को रोकने में टर्निंग प्वाइंट साबित होगा।

Exit mobile version