गोरखपुर में Medical Extortion in Gorakhpur का सबसे बड़ा खुलासा: 15 दिन इलाज, छह लाख वसूली, हालत बिगड़ी तो रेफर—परिवार की आंखों में आंसू और सवाल
Medical Extortion in Gorakhpur का चौंकाने वाला मामला, निजी अस्पताल ने घायल मरीज से 15 दिन में छह लाख वसूले, फिर हालत बिगड़ते ही रेफर कर दिया। परिवार ने जमीन गिरवी रखी, कार्रवाई की मांग।
हादसा, दर्द और धोखा Medical Extortion in Gorakhpur की कहानी एक परिवार की जुबानी

गोरखपुर में सामने आया Medical Extortion in Gorakhpur का यह मामला सिर्फ एक परिवार की पीड़ा नहीं, बल्कि उस सिस्टम की सच्चाई है, जहाँ इलाज से ज्यादा कमाई को महत्व दिया जाता है। कुशीनगर जिले के बेलवा जंगल कटनवार निवासी सत्येंद्र 8 नवंबर को सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए। सिर में गहरी चोट और खून बहने की वजह से उन्हें तुरंत पडरौना सरकारी अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने हालत नाजुक देखते हुए बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
लेकिन यहीं से शुरू हो गया Medical Extortion in Gorakhpur का वह खेल, जिसने परिवार की जिंदगी की दिशा ही बदल दी।
परिजनों ने बताया कि सरकारी एंबुलेंस आने में देरी हो रही थी। तभी एक निजी एंबुलेंस चालक पहुंचा और बोला कि वह सत्येंद्र को “बेहतर इलाज” के लिए गोरखपुर देवरिया बाईपास के एक बड़े निजी अस्पताल ले चले। परिवार घबराहट में था और भरोसा कर बैठा। यही भरोसा बाद में करोड़ों सवालों में बदल गया।
15 दिनों का इलाज और छह लाख की मार Medical Extortion in Gorakhpur का सबसे क्रूर रूप
परिवार को उम्मीद थी कि बेटा ठीक हो जाएगा, लेकिन निजी अस्पताल ने इलाज के नाम पर उनसे लगातार पैसा वसूलना शुरू कर दिया। परिजनों के अनुसार
15 दिन भर्ती
कई तरह की दवाएं
दो ऑपरेशन
हर दिन नया बिल
और कुल मिलाकर उनसे करीब छह लाख रुपये वसूल कर लिए गए।
यहां Medical Extortion in Gorakhpur का असली चेहरा सामने आया इलाज से ज्यादा ध्यान वसूली पर था।घर की आर्थिक हालत पहले ही ठीक नहीं थी, लेकिन मरीज की जान बचाना जरूरी था। मजबूरी में परिवार को अपनी जमीन तक गिरवी रखनी पड़ी। यह दर्द सिर्फ आर्थिक नहीं था, भावनात्मक भी था।
परिजनों का कहना है,कि जब उन्होंने सही हिसाब मांगा तो उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। उन्हें हर बार सिर्फ नई पर्ची और नया बिल थमा दिया गया।
यह वही सिस्टम है, जहाँ कई निजी अस्पताल जरूरतमंदों की मजबूरी को कैश मशीन की तरह इस्तेमाल करते हैं। यही वजह है,कि Medical Extortion in Gorakhpur अब चर्चा का बड़ा मुद्दा बन गया है।
हालत बिगड़ी तो हाथ खड़े BRD रेफर कर दिया, अब न्याय की जंग शुरू
सबसे चौंकाने वाली बात यह है,कि लाखों रुपये वसूलने के बाद जब सत्येंद्र की हालत अचानक बिगड़ी, तो निजी अस्पताल ने उन्हें तुरंत BRD मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
आज सत्येंद्र वार्ड नंबर 15 के बेड नंबर 1 पर भर्ती हैं। उनका इलाज वहां जारी है। भाई सोनू ने मेडिकल चौकी में शिकायत दर्ज कराई है,और निजी अस्पताल व एंबुलेंस चालक पर कार्रवाई की मांग की है।
इसे भी पढ़ें Private Hospital Loot आगरा निजी अस्पताल घोटाला: 26 दिन 28 लाख का बिल, Private Hospital Loot का खुलासा
मेडिकल कॉलेज चौकी प्रभारी विवेक मिश्रा ने बताया कि मामला रामगढ़ताल थाना क्षेत्र से जुड़ा है, इसलिए शिकायत वहां भेजी जाएगी। वहीं सीएमओ डॉ. राजेश झा ने कहा: “शिकायत मिलने पर अस्पताल के खिलाफ जांच कराई जाएगी। Medical Extortion in Gorakhpur पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।” यह बयान परिवार को थोड़ी राहत जरूर देता है, लेकिन न्याय की राह अभी लंबी है।
क्या बदलेगा सिस्टम Medical Extortion in Gorakhpur ने उठाए बड़े सवाल
यह घटना हमारे स्वास्थ्य तंत्र पर एक बड़ा सवाल है,
क्या मरीज की जान से ज्यादा महत्वपूर्ण बिल है,
क्या निजी अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगेगी?
क्या एंबुलेंस माफिया पर कार्रवाई होगी
देश भर में ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जहाँ मरीज और परिजन इमरजेंसी के नाम पर शोषण का शिकार होते हैं। इस मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की जरूरत अब पहले से ज्यादा है। अगर Medical Extortion in Gorakhpur जैसे मामलों पर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो हालात और बिगड़ेंगे, और आम जनता का सिस्टम पर विश्वास खत्म होता जाएगा।
Disclaimer यह आर्टिकल पीड़ित पक्ष के आरोपों, उपलब्ध जानकारी और प्रारंभिक रिपोर्ट्स पर आधारित है। जांच पूरी होने तक किसी भी अस्पताल या व्यक्ति को दोषी सिद्ध नहीं माना जा सकता। हमारा उद्देश्य पाठकों तक तथ्य और सरोकार पहुंचाना है।
इसे भी पढ़ें Bijnor CMO Caught in Illegal Hospital Practice, बड़ी कार्रवाई, हेल्थ सिस्टम विवाद













