Fake Teacher Recruitment UP: SOG जांच में 202 शिक्षकों की फर्जी डिग्री से नौकरी का पर्दाफाश
Fake Teacher Recruitment UPलखनऊ। उत्तर प्रदेश की B.P.Ed भर्ती 2022 में एक बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की जांच में पता चला कि 203 चयनित अभ्यर्थियों में से 202 ने JS यूनिवर्सिटी, शिकोहाबाद से जारी फर्जी मार्कशीट का इस्तेमाल कर नौकरी पाई।
इस Fake Teacher Recruitment UP मामले ने न केवल शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा किया है, बल्कि उन ईमानदार उम्मीदवारों के सपनों पर भी पानी फेर दिया है, जिन्होंने मेहनत से परीक्षा दी थी।कैसे सामने आया यह घोटाला?

इसे पढ़ें इकरा हसन ने उठाई कड़ी कार्रवाई की मांग
SOG ने JS यूनिवर्सिटी के सर्वर और बैकअप डेटा का फोरेंसिक ऑडिट किया।
जांच में पाया गया कि कई मार्कशीट्स एग्जाम खत्म होने के बाद बैकडेट में जारी की गई थीं।
JS यूनिवर्सिटी को प्रति वर्ष केवल 100 सीटों की मान्यता है, जबकि 2000 से ज्यादा उम्मीदवारों ने इसी विश्वविद्यालय की डिग्री के आधार पर आवेदन किया।
कई उम्मीदवारों ने गलत सत्र की मार्कशीट दी, जबकि कुछ ने DPEd जैसी डिग्री को B.P.Ed बताकर भर्ती में हिस्सा लिया।
दलाल और विश्वविद्यालय कर्मचारी जांच के घेरे में
Fake Teacher Recruitment UP SOG की जांच में यह भी सामने आया कि कुछ दलालों ने अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर फर्जी डिग्री दिलाई। JS यूनिवर्सिटी के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत की भी आशंका है।
SOG सूत्रों का कहना है – “यह एक संगठित रैकेट है, जिसमें दलालों, विश्वविद्यालय कर्मचारियों और कुछ बाहरी एजेंटों की भूमिका साफ तौर पर सामने आई है।
SOG की कार्रवाई और आगे की तैयारी
202 फर्जी अभ्यर्थियों की सूची तैयार कर ली गई है।
इन सभी के खिलाफ FIR दर्ज करने, नौकरी समाप्त करने और अब तक मिली सैलरी की रिकवरी करने की तैयारी चल रही है।
JS यूनिवर्सिटी प्रशासन और रैकेट से जुड़े दलालों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
SOG की त्वरित कार्रवाई से बड़ा घोटाला सामने आया।
अब भर्ती प्रक्रिया में सुधार की उम्मीद जगी है।
ईमानदार उम्मीदवारों का हक मारा गया।
शिक्षा व्यवस्था की साख को गहरा झटका लगा।
सरकारी भर्ती प्रणाली की निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े हुए।
Fake Teacher Recruitment UP भविष्य के लिए क्या सबक?
1️⃣ फर्जी चयनित अभ्यर्थियों की सेवाएं तुरंत समाप्त की जाएं।
2️⃣ JS यूनिवर्सिटी की मान्यता की समीक्षा और उस पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
3️⃣ भविष्य की भर्तियों में डिजिटल दस्तावेज़ सत्यापन और बायोमेट्रिक प्रक्रिया लागू की जाए।
4️⃣ भर्ती आयोग और शिक्षा विभाग में जवाबदेही तय हो।
Fake Teacher Recruitment UPसरकार और न्यायालय की जिम्मेदारी
सुप्रीम कोर्ट पहले भी फर्जी डिग्री मामलों में सख्त रुख दिखा चुका है। यह मामला बताता है कि अगर समय पर निगरानी न हो, तो फर्जीवाड़ा आसानी से हो सकता है। सरकार को न केवल दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए, बल्कि भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और डिजिटल बनाना चाहिए।
Fake Teacher Recruitment UP मामला क्या है?
यह मामला 2022 की B.P.Ed भर्ती से जुड़ा है, जिसमें 203 में से 202 अभ्यर्थियों ने JS यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री से नौकरी पाई।
2: SOG ने इस मामले में क्या कदम उठाए?
SOG ने जांच में 202 फर्जी अभ्यर्थियों की पहचान की है। इनके खिलाफ FIR दर्ज करने, नौकरी समाप्त करने और वेतन रिकवरी की तैयारी की जा रही है।
3: भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है?
भर्ती प्रक्रिया को डिजिटल बनाना, डिग्री की ऑनलाइन वेरिफिकेशन व्यवस्था लागू करना और फर्जीवाड़ा करने वालों पर सख्त कार्रवाई करना।
Fake Teacher Recruitment UP केवल भर्ती घोटाला नहीं है, बल्कि यह शिक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता और मेरिट सिस्टम पर सीधा हमला है। SOG की त्वरित कार्रवाई ने इस रैकेट को उजागर किया, लेकिन जरूरत है कि दोषियों को सख्त सजा मिले और भविष्य की भर्तियों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो।