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UP Government का बड़ा कदम: 10,827 प्राथमिक विद्यालयों के विलय के बाद खाली भवनों में आंगनबाड़ी केंद्र शुरू करने की तैयारी

UP Government का बड़ा कदम: 10,827 प्राथमिक विद्यालयों के विलय के बाद खाली भवनों में आंगनबाड़ी केंद्र शुरू करने की तैयारी

UP Government में 10827 प्राथमिक विद्यालयों का जो विलय हुआ है उन खाली पड़े विद्यालयों में आंगनबाड़ी केंद्र चलाने की तैयारी की

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षा व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य में 10,827 परिषदीय विद्यालयों का विलय (पेयरिंग) पूरा कर लिया गया है, जिसके बाद अब इन खाली पड़े विद्यालय भवनों का उपयोग आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन के लिए किया जाएगा। यह कदम बच्चों की शिक्षा और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई नई पहल का हिस्सा है।

परिषदीय विद्यालयों का विलय: एक नई शुरुआत

बेसिक शिक्षा विभाग ने कम छात्र संख्या वाले परिषदीय स्कूलों को मजबूत और बेहतर सुविधाओं वाले स्कूलों में मिलाने की प्रक्रिया शुरू की थी। इस पेयरिंग प्रक्रिया के तहत, राज्य भर में 10,827 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का विलय किया गया है। विलय के बाद खाली हुई इन बिल्डिंगों को अब बाल विकास और पोषण के लिए उपयोग में लाया जाएगा, जो एक सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करता है।

UP GovernmentUP Government की योजना और भविष्य की रणनीति

राज्य सरकार ने इस पहल के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश और आदेश जारी कर दिए हैं। इन केंद्रों को संचालित करने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और प्रशिक्षित कर्मचारियों की नियुक्ति पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह कदम न केवल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को एकीकृत करेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने में भी योगदान देगा।

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शिक्षकों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया

हालांकि, इस विलय और शिफ्टिंग प्रक्रिया को लेकर शिक्षकों और अभिभावकों में कुछ असमंजस भी देखा जा रहा है। कई शिक्षकों ने स्कूलों के विलय का विरोध करते हुए अभियान शुरू किया है, उनका कहना है कि इससे शिक्षण व्यवस्था पर असर पड़ सकता है। दूसरी ओर, कुछ अभिभावक आंगनबाड़ी केंद्रों की नई सुविधाओं से उत्साहित हैं और इसे बच्चों के लिए लाभकारी मान रहे हैं।

UP Government की यह पहल शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू कर सकती है। 10,827 परिषदीय विद्यालयों के विलय और खाली बिल्डिंगों में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना से न केवल संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा, बल्कि बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने में भी मदद मिलेगी। आने वाले दिनों में इस योजना के परिणामों पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।

जिन केंद्र की दूरी लगभग 500 मीटर होगी केंद्र वहीं शिफ्ट किया जाएगा जर्जर वह खराब भवन होने पर सेंटर शिफ्ट  नहीं किया जाएगा

बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से प्रमुख सचिव ने कहा है कि जितने भी आंगनबाड़ी केंद्र हैं उन सभी केदो को शिफ्ट करने के लिए प्रस्ताव अवश्य किया जाएगा शिफ्ट करने से पहले ध्यान पूर्वक देखना है कि शिफ्ट करने वाला विद्यालय पूरी तरह बच्चों के लिए सुरक्षित है या नहीं शिफ्ट होने वाले विद्यालय की दूरी लगभग 500 मीटर होगी और अगर जहां पर आंगनवाड़ी केंद्र संचालित है वह पूरी तरह से ठीक है और सभी मानक के अनुरूप काम कर रहा है वह सारी व्यवस्था उसके पास है तो उस केंद्र को शिफ्ट नहीं किया जाएगा

परिषदीय विद्यालय के अध्यापकों ने विद्यालय विलय के खिलाफ शुरू किया आंदोलन 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर चलाया अभियान जो काफी समय तक ट्रेन करता रहा है। डीएलएड प्रदेश मोर्चा के उपाध्यक्ष विष्णु यादव ने बताया कि इस आंदोलन में लाखों लोगों ने शिरकत की  उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में परिषदीय विद्यालय के विलय का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूलों का विलय संविधान और निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है। और उन्होंने यह भी कहा कि परिषदीय विद्यालय के बंद होने से गरीब बच्चों की शिक्षा पर बहुत बड़ा असर पड़ेगा जिसको UP Government बिल्कुल अनदेखा कर रही है

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