Rising North East Investors Summit: नॉर्थ ईस्ट का हर राज्य विकास के लिए तैयार: राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट में पीएम मोदी का बड़ा ऐलान
इस ब्लॉग पोस्ट में हम प्रधानमंत्री के संबोधन की मुख्य बातें, नॉर्थ ईस्ट की प्रगति की दिशा, सरकारी योजनाएं और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।
राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट: क्या है यह आयोजन?
‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट’ एक बहुप्रतीक्षित आयोजन है जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर राज्यों में निवेश को बढ़ावा देना, स्थानीय संसाधनों का दोहन करना और बुनियादी ढांचे का विकास करना है। इस समिट में देश-विदेश के हजारों निवेशकों, नीति-निर्माताओं और उद्योगपतियों ने भाग लिया।
समिट के प्रमुख उद्देश्य:
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निवेश के अवसरों को बढ़ावा देना
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नॉर्थ ईस्ट को देश की मुख्यधारा से जोड़ना
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बुनियादी ढांचे, कृषि, पर्यटन और ऊर्जा क्षेत्रों में संभावनाओं की पहचान करना
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स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करना
Rising North East Investors Summit: पीएम मोदी का विजन: “नॉर्थ ईस्ट, न्यू इंडिया का न्यू इंजन”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि नॉर्थ ईस्ट अब ‘लास्ट माइल’ नहीं, बल्कि ‘फर्स्ट माइल’ बन चुका है। यानी यह इलाका अब भारत की प्रगति की पहली कतार में खड़ा है।
प्रधानमंत्री के मुख्य संदेश:
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“पहले नॉर्थ ईस्ट को उपेक्षित क्षेत्र माना जाता था, अब यह निवेश का केंद्र बन रहा है।”
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“सरकार ने रोड, रेल, एयर और डिजिटल कनेक्टिविटी पर फोकस किया है।”
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“स्थानीय स्टार्टअप्स, कृषि, ऑर्गेनिक फार्मिंग, और हैंडलूम सेक्टर को बढ़ावा दिया जाएगा।”
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“नॉर्थ ईस्ट की संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता इसे अद्वितीय बनाती है।”
नॉर्थ ईस्ट: निवेश और विकास की नई भूमि
1. इंफ्रास्ट्रक्चर (बुनियादी ढांचा)
पूर्वोत्तर भारत में तेजी से सड़कें, रेलवे लाइनें, एयरपोर्ट्स और ब्रॉडबैंड नेटवर्क विकसित हो रहे हैं। pm-modi-the-rising-northeast-investors-summit प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र को “कनेक्टिविटी क्रांति” का केंद्र बताया।
प्रमुख परियोजनाएं:
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भारतमाला योजना के तहत नई सड़क परियोजनाएं
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बोगीबील ब्रिज जैसे मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर
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UDAN योजना के तहत क्षेत्रीय हवाई संपर्क
2. ग्रीन एनर्जी और ऑर्गेनिक खेती
नॉर्थ ईस्ट प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। pm-modi-the-rising-northeast-investors-summit यहां पर हाइड्रो पावर, सोलर एनर्जी और ऑर्गेनिक फार्मिंग की अपार संभावनाएं हैं।
निवेश के प्रमुख क्षेत्र:
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मेघालय में पवन ऊर्जा परियोजनाएं
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सिक्किम और असम में जैविक खेती क्लस्टर
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अरुणाचल प्रदेश में जलविद्युत परियोजनाएं
3. टूरिज्म और संस्कृति
प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर की “सांस्कृतिक विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य” को भारत की सॉफ्ट पावर बताया। उन्होंने निवेशकों से ‘सस्टेनेबल टूरिज्म’ में निवेश की अपील की।
संभावित क्षेत्र:
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एडवेंचर टूरिज्म (जैसे ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग)
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इको-टूरिज्म और होम-स्टे मॉडल
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स्थानीय हस्तशिल्प और कलाओं को ग्लोबल प्लेटफॉर्म देना
pm-modi-the-rising-northeast-investors-summit: सरकार की योजनाएं: पूर्वोत्तर के लिए विशेष फोकस
1. Act East Policy
इस नीति के अंतर्गत भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ व्यापार, संस्कृति और कनेक्टिविटी से जोड़ा जा रहा है।
2. PM-DevINE (प्रधानमंत्री विकास पहल)
नॉर्थ ईस्ट के लिए शुरू की गई यह योजना तेजी से आर्थिक विकास, रोजगार और इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट को प्राथमिकता देती है।
3. Digital North East Vision
पूर्वोत्तर को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी, डिजिटाइजेशन, और साइबर सुरक्षा पर बल दिया गया है।
युवाओं को मिलेगा लाभ
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में खास तौर पर पूर्वोत्तर के युवाओं की ऊर्जा, कौशल और नवाचार को सलाम किया। सरकार स्किल इंडिया मिशन, स्टार्टअप इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रमों के जरिए उन्हें प्रोत्साहित कर रही है।
संभावनाएं:
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स्थानीय स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग
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आईटी और टेक्नोलॉजी हब्स की स्थापना
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हैंडलूम, कुटीर उद्योग और बांस उत्पादों के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म
pm-modi-the-rising-northeast-investors-summit: निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर
प्रधानमंत्री ने Rising North East Investors Summit कहा कि नॉर्थ ईस्ट अब ‘न्यू गेटवे ऑफ ग्रोथ’ बन चुका है। यह क्षेत्र अब वह भूमि है जहां निवेश करने वाले को लाभ भी मिलेगा और देश की सेवा का गर्व भी।
निवेशकों के लिए लाभ:
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सरकार की ओर से टैक्स छूट और सब्सिडी
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आसान मंजूरी प्रक्रिया और पारदर्शी नीतियां
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CSR और PPP मॉडल के माध्यम से सामाजिक विकास में योगदान
अब कोई कोना नहीं रहेगा पीछे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान कि pm-modi-the-rising-northeast-investors-summit “नॉर्थ ईस्ट का हर राज्य विकास के लिए तैयार है” अब केवल एक नारा नहीं बल्कि नीति, योजना और परिणामों में बदल चुका है। भारत का यह क्षेत्र अब सांस्कृतिक गौरव, प्राकृतिक संसाधनों और रणनीतिक स्थिति के साथ देश के समग्र विकास में भागीदार बन रहा है।