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female criminal encounter in UP यूपी का इतिहास बदलने वाला पहला महिला एनकाउंटर गाजियाबाद में शेरनी जैसी बहादुरी, हिस्ट्रीशीटर ढेर

female criminal encounter in UP यूपी का इतिहास बदलने वाला पहला महिला एनकाउंटर गाजियाबाद में शेरनी जैसी बहादुरी, हिस्ट्रीशीटर ढेर

female criminal encounter in UP उत्तर प्रदेश में महिला अपराधी के एनकाउंटर ने पूरे प्रदेश में सनसनी फैला दी है। जानिए कौन थी वह महिला, उस पर कौन-कौन से गंभीर आरोप थे और पुलिस ने आखिरकार क्यों उसे एनकाउंटर में ढेर किया।”

इंस्पिरेशन से भरी सच्ची घटना

female criminal encounter in UP उत्तर प्रदेश का नाम अक्सर एनकाउंटरों के लिए सुर्खियों में रहता है, लेकिन इस बार कहानी अलग है। गाजियाबाद में हुआ ऐसा एनकाउंटर जिसने पूरे देश का ध्यान खींचा। खास बात यह कि इसमें एक भी पुरुष पुलिसकर्मी शामिल नहीं था पूरी कार्रवाई महिला पुलिसकर्मियों ने की। जिसने भी सुना, गर्व से सीना चौड़ा हो गया कि अब महिलाएँ अपराधियों के खिलाफ मोर्चे पर किसी से पीछे नहीं हैं।

female criminal encounter in UP क्या हुआ गाजियाबाद में

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female criminal encounter in UP रात के समय गाजियाबाद की गलियों में एक हिस्ट्रीशीटर अपराधी अपने चोरी के स्कूटर पर फरार होने की कोशिश कर रहा था। तभी गश्त पर निकली महिला पुलिस टीम ने उसे रोकने का प्रयास किया। आदेश अनसुना कर उसने तेज़ी से भागना चाहा, स्कूटर पलटा और वो गिर पड़ा। घबराकर उसने महिला पुलिसकर्मियों पर गोली चला दी। लेकिन शेरनी जैसे जज़्बे के साथ टीम ने जवाबी फायरिंग की और आरोपी के पैर में गोली लगी।

female criminal encounter in UP  आरोपी कौन था

female criminal encounter in UP यूपी का इतिहास बदलने वाला पहला महिला एनकाउंटर गाजियाबाद में शेरनी जैसी बहादुरी, हिस्ट्रीशीटर ढेर
सोर्स बाय गूगल इमेज

गिरफ्तार आरोपी का नाम जितेंद्र है। वह मूलतः अलीगढ़ का रहने वाला है, और गाजियाबाद के विजयनगर थाने का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर।

उस पर चोरी, लूट और रंगदारी के आठ से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।

वह लंबे समय से इलाके में वाहन चोरी और अपराध की घटनाओं में सक्रिय था।

female criminal encounter in UP  पुलिस रिकॉर्ड्स में उसका नाम कई बार सामने आ चुका है, लेकिन इस बार किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया।

पुलिस टीम की शेरनी जैसी हिम्मत

इस ऑपरेशन की अगुवाई कर रही थीं एसीपी उपासना पांडे और एसएचओ ऋतु त्यागी। उनके साथ पूरी महिला टीम थी।

आरोपी पर गोली चलाने का आरोप है, लेकिन जब वह घायल होकर गिर पड़ा, तो महिला पुलिसकर्मियों ने इंसानियत की मिसाल पेश की।

उसे अपने कंधे पर उठाकर गाड़ी तक ले गईं और तुरंत अस्पताल पहुँचाया।

यह दृश्य देखने वालों के लिए हैरान कर देने वाला था  एक तरफ अपराध के खिलाफ सख्ती, दूसरी तरफ इंसानियत का चेहरा।

female criminal encounter in UP क्यों हुआ एनकाउंटर

एनकाउंटर सिर्फ एक्शन का हिस्सा नहीं था, बल्कि मजबूरी थी।

1. आरोपी ने पुलिस को निशाना बनाकर फायरिंग की।

2. उसके खिलाफ संगीन मामलों का लंबा रिकॉर्ड था।

3. मौके पर पुलिस के पास जवाबी कार्रवाई के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

पुलिस सूत्रों का कहना है,कि अपराधी न सिर्फ इलाके के लिए खतरा था, बल्कि उसकी गतिविधियों ने आम नागरिकों को भी दहशत में डाल रखा था।

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सोशल मीडिया पर चर्चा और जनता की प्रतिक्रिया

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें घायल आरोपी महिला पुलिसकर्मी से रहम की गुहार करता दिखा। लोग इसे देखकर दंग रह गए कि जिन पुलिसवालियों पर उसने गोली चलाई, वही उसकी जान बचाने में जुट गईं।

जनता ने महिला टीम को ‘शेरनी ऑफ यूपी’ कहा।

सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं “ये है असली नारी शक्ति।”

आम लोगों ने कहा कि ऐसी घटनाएँ अपराधियों के मन में खौफ और महिलाओं के दिल में हिम्मत भर देती हैं।

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  female criminal encounter in UP आरोपी से बरामद सामान

पुलिस ने मौके से बरामद किया

चोरी की स्कूटर

पिस्तौल

चोरी का मोबाइल फोन

टैबलेट

इनसे यह साफ हो गया कि आरोपी आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय था और लगातार वारदातें अंजाम दे रहा था।

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इस एनकाउंटर की अहमियत

यह एनकाउंटर इसलिए ऐतिहासिक है, क्योंकि:

पहली बार उत्तर प्रदेश में महिला पुलिस टीम ने अकेले एनकाउंटर किया।

आरोपी को पकड़ने के साथ-साथ उसकी जान बचाने की भी जिम्मेदारी निभाई।

इस घटना ने पूरे देश को दिखा दिया कि अब महिलाएँ हर मोर्चे पर बराबरी से खड़ी हैं।

गाजियाबाद का यह एनकाउंटर सिर्फ एक अपराधी की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि महिला शक्ति की गूँज है। यह घटना बताती है,कि बहादुरी का कोई लिंग नहीं होता। पुलिस की वर्दी पहनने वाला हर इंसान न्याय और इंसानियत का प्रतिनिधि है। गाजियाबाद की महिला पुलिस टीम ने अपराध और दया दोनों की तस्वीर एक साथ दिखाकर इतिहास रच दिया है।

डिस्क्लेमर: यह लेख उपलब्ध रिपोर्ट्स और पुलिस सूत्रों के आधार पर तैयार किया गया है। किसी भी एनकाउंटर की अंतिम सच्चाई आधिकारिक जांच और अदालत की कार्यवाही से ही तय होती है।

 

 

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