Gorakhpur fake salt factory गोरखपुर में नकली नमक फैक्ट्री का भंडाफोड़: 3.43 क्विंटल माल बरामद, आरोपी फरार, पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
Gorakhpur fake salt factory गोरखपुर पुलिस ने राजघाट इलाके में नकली नमक और चाय फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। 3.43 क्विंटल नकली नमक बरामद, आरोपी फरार। SSP राजकरण नैयर और SHO सदानंद सिन्हा की टीम ने कार्रवाई की।
Gorakhpur fake salt factory गोरखपुर, 14 सितम्बर 2025 पूर्वांचल के सबसे चर्चित क्राइम मामलों में से एक सामने आया है। राजघाट थाना क्षेत्र में चल रही नकली ब्रांडेड नमक और चाय पैकिंग फैक्ट्री का पुलिस और एफएमसीजी कंपनी की संयुक्त टीम ने भंडाफोड़ किया है। छापेमारी के दौरान 3.43 क्विंटल नकली नमक और भारी मात्रा में फर्जी पैकेजिंग सामग्री बरामद की गई। चौंकाने वाली बात यह रही कि आरोपी मौके से भाग निकले, लेकिन पुलिस ने साफ कर दिया है, कि दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
Gorakhpur fake salt factory कैसे पकड़ी गई नकली फैक्ट्री की भनक?
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टाटा कंपनी को बाजार में शिकायतें मिल रही थीं कि उनके नाम से नकली नमक और चाय बेची जा रही है। उपभोक्ताओं ने पैकेट्स की क्वालिटी और स्वाद को लेकर सवाल उठाए। इसी आधार पर कंपनी की आंतरिक टीम ने जांच शुरू की और पाया कि बाजार में फर्जी पैकिंग वाले नमक और चाय पत्ती के पैकेट धड़ल्ले से बिक रहे हैं।
कंपनी ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। इसके बाद राजघाट थाना पुलिस और कंपनी की लीगल टीम ने मिलकर कार्रवाई की योजना बनाई।
Gorakhpur fake salt factory पुलिस और कंपनी की संयुक्त कार्रवाई
शुक्रवार को छापा मारा गया। कंपनी की ओर से लीगल एडवाइजर प्रभात कुमार गुप्ता मौजूद रहे, जबकि पुलिस की ओर से एसएसपी राजकरण नैयर के निर्देश पर राजघाट थाना प्रभारी सदानंद सिन्हा और उनकी टीम मौके पर पहुँची।
गोदाम में दाखिल होते ही पुलिस टीम दंग रह गई। अंदर पहले से भरे पैकेट और ढेर सारे टाटा नमक, टाटा चाय और फेवीक्विक के फर्जी रैपर मिले।
Gorakhpur fake salt factory भारी मात्रा में बरामदगी
पुलिस ने मौके से:
3.43 क्विंटल नकली नमक
टाटा चाय पत्ती के दर्जनों फर्जी पैकिंग रैपर
फेवीक्विक के नकली लेबल और गोंद की बोतलें
बरामद किए। यह सारा सामान जब्त कर थाने ले जाया गया।
Gorakhpur fake salt factory आरोपी अभी फरार, तलाश जारी
छापेमारी की भनक मिलते ही फैक्ट्री चलाने वाले आरोपी मौके से फरार हो गए। पुलिस ने बताया कि वे आरोपी की पहचान कर चुकी है,और जल्द ही गिरफ्तारी होगी।
हालाँकि अब तक उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, ताकि गिरफ्तारी अभियान प्रभावित न हो।
Gorakhpur fake salt factory कानूनी धाराएँ और कार्रवाई
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में ट्रेडमार्क एक्ट, कॉपीराइट एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है।
उपभोक्ता धोखाधड़ी (Consumer Fraud)
ट्रेडमार्क उल्लंघन (Trademark Violation)
मिलावटखोरी (Adulteration)
जैसे आरोपों में केस दर्ज होगा।
पुलिस अधिकारियों का बयान
एसएसपी राजकरण नैयर ने कहा:
“गोरखपुर की जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। नकली उत्पाद बनाने और बेचने वालों की धरपकड़ के लिए विशेष टीम गठित की गई है।”
राजघाट थाना प्रभारी सदानंद सिन्हा ने बताया:
“बरामद नमक और चाय पैकिंग पूरी तरह से नकली हैं। इन्हें असली पैकेट में पैक करके बाजार में बेचा जा रहा था। जांच आगे बढ़ रही है और दोषियों की पहचान कर ली गई है।”
Gorakhpur fake salt factory कंपनी की प्रतिक्रिया
टाटा कंपनी के लीगल एडवाइजर प्रभात कुमार गुप्ता ने कहा:
“हमारी ब्रांड की साख को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की जा रही थी। उपभोक्ता के स्वास्थ्य से समझौता करने वाले ऐसे माफिया को पकड़ने के लिए कंपनी पुलिस के साथ खड़ी है।”
उपभोक्ताओं के लिए खतरे की घंटी
विशेषज्ञ मानते हैं,कि नकली नमक और चाय न केवल उपभोक्ता को धोखा देते हैं, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद खतरनाक हैं।
नकली नमक में आयोडीन की कमी हो सकती है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।
नकली चाय में अशुद्धियाँ मिलाकर पैकिंग की जाती है, जिससे पेट और लीवर की बीमारियाँ हो सकती हैं।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि इलाके में लंबे समय से संदिग्ध गतिविधियाँ देखी जा रही थीं। लेकिन किसी ने अंदाज़ा नहीं लगाया था कि यहाँ इतनी बड़ी नकली फैक्ट्री चल रही है।
एक स्थानीय दुकानदार ने कहा:
“हमें अक्सर सस्ते दाम पर पैकेट बेचने वाले सप्लायर आते थे, लेकिन अब पता चला कि वे सब नकली थे।”
गोरखपुर पुलिस की सख्ती
गोरखपुर पुलिस ने यह भी ऐलान किया है,कि आने वाले दिनों में सभी किराना दुकानों और गोदामों की चेकिंग होगी। अगर कहीं भी नकली सामान मिला तो सीधे कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
यह मामला सिर्फ नकली नमक या चाय का नहीं है, बल्कि यह उपभोक्ताओं की जान और स्वास्थ्य से खेलने की साजिश है। पुलिस और कंपनी की सजगता से यह बड़ा नेटवर्क बेनकाब हुआ, लेकिन अभी भी असली चुनौती आरोपियों की गिरफ्तारी है।
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि गोरखपुर पुलिस नकली कारोबार और मिलावटखोरी को लेकर पूरी तरह अलर्ट है। आने वाले दिनों में ऐसे माफिया को पकड़ने के लिए और भी अभियान चलाए जाएंगे।