Mahant Ram Milan Das Death Case महंत राम मिलन दास की रहस्यमयी मौत: अयोध्या मंदिर की ज़मीन बिकने के बाद बैंक खाते में 9 करोड़, कहीं पैसों की लालच तो नहीं बनी वजह?
Mahant Ram Milan Das Death Case अयोध्या के रावत मंदिर के महंत राम मिलन दास की संदिग्ध मौत ने संत समाज को हिला दिया है। मंदिर की ज़मीन बेचने के बाद खाते में थे 9 करोड़ रुपये, अब शक है, कि ज़हर देकर हत्या की गई। पुलिस जांच जारी।
अयोध्या की पवित्र धरती पर एक ऐसी घटना घट गई जिसने हर श्रद्धालु का दिल हिला कर रख दिया।
रामघाट स्थित रावत मंदिर में वर्षों से पूजा पाठ और सेवा में लीन रहे महंत राम मिलन दास रामायणी अब इस दुनिया में नहीं रहे। लेकिन उनके जाने का तरीका साधारण नहीं रहस्यमय और शक के घेरे में है।
Mahant Ram Milan Das Death Case शनिवार की शाम, जैसे ही महंत ने भोजन किया, कुछ ही मिनटों में उनके मुंह से झाग निकलने लगा।
सेविका शकुंतला, जो बीते 13 सालों से उनकी सेवा में लगी थी, चीखती हुई बाहर निकली
“महंत जी के मुंह से झाग निकल रहा है!”
और देखते ही देखते मंदिर में मातम छा गया।
Mahant Ram Milan Das Death Case बेची गई मंदिर की ज़मीन और बैंक में पड़े 9 करोड़ क्या यही है, मौत की असली वजह?

महंत की मौत के बाद पुलिस जांच में अब एक चौंकाने वाला एंगल सामने आया है।
कुछ दिन पहले रावत मंदिर की करीब चार बिस्वा जमीन बेची गई थी, जिससे मिले आठ करोड़ रुपये महंत के बैंक खाते में जमा थे।
पहले से ही उनके खाते में करीब डेढ़ करोड़ मौजूद थे। यानी कुल मिलाकर 9 करोड़ रुपये की रकम उनके खाते में थी।
अब पुलिस को शक है,कि कहीं पैसों की लालच में महंत की हत्या तो नहीं कर दी गई?
भोजन के तुरंत बाद मुंह से झाग निकलना ज़हर दिये जाने की ओर सीधा इशारा कर रहा है।
Mahant Ram Milan Das Death Case रावत मंदिर में पसरा सन्नाटा पुलिस पूछताछ में सेविका शकुंतला
अयोध्या के रामघाट इलाके का रावत मंदिर, जहां कभी भजन और आरती की ध्वनि गूंजती थी,
अब वहां सन्नाटा और सिसकियां सुनाई दे रही हैं।
महंत राम मिलन दास के शिष्य, श्रद्धालु और संत समुदाय गहरे सदमे में हैं।
Mahant Ram Milan Das Death Case पुलिस ने इस मामले में सेविका शकुंतला को हिरासत में लिया है।
वह करीब 13 साल से महंत की सेवा कर रही थी।
पुलिस उससे लगातार पूछताछ कर रही है, कि आखिर शनिवार की शाम भोजन में क्या हुआ,
और महंत के साथ उस वक्त और कौन लोग मौजूद थे।
Mahant Ram Milan Das Death Case संत समाज में खलबली साजिश का शक गहराया
संतों और भक्तों में चर्चा है,कि महंत राम मिलन दास की मौत एक साधारण घटना नहीं,
बल्कि सोची समझी साजिश का हिस्सा हो सकती है।
कई शिष्य मानते हैं कि जमीन बिक्री के बाद अचानक बैंक में आई भारी रकम
किसी को लोभ और लालच के अंधेरे में धकेल गई।
भोजन में ज़हर मिलाए जाने की आशंका पर
फॉरेंसिक जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का बेसब्री से इंतज़ार किया जा रहा है।
Mahant Ram Milan Das Death Case गुरु रामदास कोकिल से थी योगी आदित्यनाथ की करीबी
महंत राम मिलन दास के गुरु रामदास कोकिल
राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख संतों में रहे हैं, और
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी अत्यंत करीबी माने जाते थे।
योगी आदित्यनाथ कई बार रावत मंदिर जाकर उनसे आशीर्वाद ले चुके हैं।
इसी कारण, इस घटना ने अब राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है।
Mahant Ram Milan Das Death Case महंत पद को लेकर भी चल चुका है विवाद
रावत मंदिर का महंत पद पहले भी विवादों में रहा है।
कुछ वर्ष पहले एक अन्य संत ने भी स्वयं को महंत बताने का दावा किया था,
जो मामला कोर्ट तक पहुंच गया था।
बाद में कोर्ट ने राम मिलन दास को वैध महंत माना,
और तभी से वे मंदिर की देखरेख कर रहे थे।
महिला ने लगाया था शोषण का आरोप बाद में मिली क्लीनचिट
करीब एक साल पहले अंबेडकरनगर की एक महिला ने
महंत राम मिलन दास पर शोषण का आरोप लगाया था।
हालांकि जांच में आरोप झूठे निकले और
महंत को क्लीनचिट दे दी गई थी।
लेकिन इस घटना ने उनके जीवन में कई शत्रु और विवाद जरूर पैदा कर दिए थे।
Mahant Ram Milan Das Death Case अयोध्या में शोक की लहर सच्चाई जानने की मांग तेज
अयोध्या के संत, भक्त और स्थानीय लोग
महंत राम मिलन दास की न्यायपूर्ण जांच की मांग कर रहे हैं।
रामघाट से लेकर हनुमानगढ़ी तक संत समाज कह रहा है,
“हम अपने महंत के हत्यारों को सजा दिलाकर रहेंगे।”
पुलिस फिलहाल
सेविका शकुंतला, शिष्यों और जमीन बिक्री से जुड़े लोगों से पूछताछ कर रही है।
जांच में बैंक ट्रांजेक्शन और मोबाइल कॉल डिटेल भी खंगाले जा रहे हैं।
क्या पैसों का खेल ले गया एक संत की जान?
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इस सवाल का जवाब अब सिर्फ पुलिस जांच ही दे सकती है।
लेकिन अयोध्या के लोग मानते हैं।
“जो जीवन दूसरों के लिए समर्पित था,
वह लालच की भेंट चढ़ गया।”
अस्वीकरण
यह लेख मीडिया रिपोर्ट्स और पुलिस जांच में उपलब्ध प्रारंभिक सूचनाओं पर आधारित है।
पुलिस की आधिकारिक जांच और रिपोर्ट आने के बाद तथ्यों में बदलाव संभव है।
किसी भी व्यक्ति को दोषी ठहराने या निर्दोष साबित करने का उद्देश्य नहीं है।
हमारा उद्देश्य केवल जनता को सत्य से अवगत कराना है।