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Section 163 Mau मऊ जनपद में धारा(144) 163 लागू : शांति और सुरक्षा के लिए प्रशासन ने उठाया बड़ा कदम

Section 163 Mau मऊ जनपद में धारा(144) 163 लागू : शांति और सुरक्षा के लिए प्रशासन ने उठाया बड़ा कदम

Section 163 Mau मऊ जनपद में धारा 163 लागू, त्योहारों और परीक्षाओं के दौरान शांति व सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने कड़े कदम उठाए। जानिए क्या हैं नियम और इसका असर आम जनता पर।

त्योहारों का मौसम आते ही जहां हर कोई खुशियों और उल्लास से भर उठता है, वहीं प्रशासन की जिम्मेदारी भी कई गुना बढ़ जाती है। भीड़भाड़, धार्मिक आयोजनों और विभिन्न परीक्षाओं के समय शरारती तत्वों द्वारा माहौल बिगाड़ने की आशंका हमेशा बनी रहती है। ऐसे में जनपद मऊ में लोगों की सुरक्षा और अमन-चैन बनाए रखने के लिए प्रशासन ने एक बड़ा निर्णय लिया है।

Section 163 Mau अपर जिला मजिस्ट्रेट सत्यप्रिय सिंह ने घोषणा की है,कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (पूर्व धारा 144 सीआरपीसी) को मऊ जनपद में लागू किया गया है। यह आदेश 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होकर 30 नवम्बर 2025 की रात्रि 11 बजे तक लागू रहेगा।

Section 163 Mau मऊ जनपद में धारा 163 लागू : शांति और सुरक्षा के लिए प्रशासन ने उठाया बड़ा कदम
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Section 163 Mau क्यों लागू की गई धारा 163

अक्सर त्योहारों और बड़े आयोजनों के दौरान असामाजिक तत्व सक्रिय हो जाते हैं। वे शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश करते हैं, जिसके कारण आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

अपर जिला मजिस्ट्रेट ने साफ कहा है,कि इस अवधि में दशहरा (महानवमी), महात्मा गांधी जयंती, विजय दशमी, महर्षि वाल्मीकि जयंती, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैयादूज/चित्रगुप्त जयंती, छठ पूजा, सरदार वल्लभभाई पटेल एवं आचार्य नरेंद्रदेव जयंती, गुरुनानक जयंती/कार्तिक पूर्णिमा और गुरु तेग बहादुर शहीद दिवस जैसे महत्वपूर्ण पर्व और अवसर पड़ रहे हैं। साथ ही, इसी अवधि में विभिन्न परीक्षाएं भी होंगी।

Section 163 Mau इन सभी अवसरों पर जनसमूह अधिक संख्या में इकट्ठा होता है। ऐसे समय में असामाजिक तत्व अफवाह फैलाने, आपत्तिजनक नारे लगाने, भाषण देने या शांति व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं। प्रशासन ने इन आशंकाओं को गंभीरता से लेते हुए अग्रिम कदम उठाया है।

धारा 163 के तहत क्या-क्या होगा प्रतिबंधित

धारा 163 का सीधा मकसद है,जनपद में शांति व्यवस्था बनाए रखना और आम नागरिकों को सुरक्षा का भरोसा देना। इसके तहत निम्न प्रतिबंध लागू रहेंगे:

कोई भी व्यक्ति अस्त्र शस्त्र लेकर सार्वजनिक स्थानों पर नहीं जा सकेगा।

बिना अनुमति के 5 या उससे अधिक लोगों का एक स्थान पर एकत्र होना प्रतिबंधित रहेगा।

आपत्तिजनक नारेबाजी और भाषण पूरी तरह से वर्जित होंगे।

किसी भी तरह की उकसाने वाली गतिविधि करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

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  Section 163 Mau आम जनता पर क्या होगा असर

यह आदेश मुख्य रूप से शांति भंग करने वालों और असामाजिक तत्वों को रोकने के लिए है। आम नागरिक जो अपने कार्यों में व्यस्त रहते हैं, उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं होगी। बल्कि यह आदेश उन्हें और अधिक सुरक्षित वातावरण देने वाला साबित होगा।

अगर कोई व्यक्ति त्योहारों का आनंद लेना चाहता है, पूजा-पाठ करना चाहता है, या सामान्य जीवन जीना चाहता है, तो उसे कोई परेशानी नहीं होगी। बस यह ध्यान रखना होगा कि सार्वजनिक स्थानों पर बिना अनुमति बड़ी संख्या में भीड़ न जुटाई जाए और शांति व्यवस्था का पालन किया जाए।

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Section 163 Mau प्रशासन की अपील

अपर जिला मजिस्ट्रेट ने जनता से अपील की है, कि सभी लोग इस आदेश का पालन करें और प्रशासन का सहयोग करें। त्योहार खुशी और भाईचारे का प्रतीक होते हैं, उन्हें विवाद और तनाव का कारण न बनने दें।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति नियम तोड़ता है,या शांति भंग करने की कोशिश करता है,तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Section 163 Mau  सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण निर्णय

आज के दौर में जब थोड़ी सी अफवाह भी बड़ी अशांति का कारण बन सकती है, तब धारा 163 जैसे आदेश की प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है। मोबाइल और सोशल मीडिया के जमाने में फर्जी खबरें तेजी से फैलती हैं, और भीड़ को भड़काने का काम करती हैं। ऐसे हालात में प्रशासन का यह कदम दूरगामी और समझदारी भरा कहा जा सकता है।

यह केवल कानून व्यवस्था का मसला नहीं है, बल्कि हर नागरिक की सुरक्षा और शांति से जुड़ा हुआ है।

त्योहारों का समय  सहयोग और सद्भाव का संदेश

  Section 163 Mau त्योहार केवल पूजा पाठ या परंपराओं का हिस्सा नहीं होते, बल्कि वे हमें एक दूसरे से जोड़ते हैं। दीपावली हो या छठ, विजयदशमी हो या गुरुनानक जयंती  सभी त्योहार समाज में आपसी प्रेम, भाईचारा और एकता का संदेश देते हैं।

अगर इस दौरान कोई व्यक्ति शांति भंग करने की कोशिश करता है तो वह केवल कानून नहीं तोड़ता, बल्कि त्योहारों की पवित्रता और समाज की एकता को भी आहत करता है।

धारा 163 का पालन क्यों जरूरी है

ताकि त्योहार शांतिपूर्ण और सुरक्षित वातावरण में संपन्न हो सकें।

ताकि छात्रों की परीक्षाएं बिना किसी व्यवधान के पूरी हो सकें।

ताकि मऊ जनपद में अमन-चैन और भाईचारे का माहौल कायम रहे।

ताकि असामाजिक तत्वों के इरादों को समय रहते रोका जा सके।

Section 163 Mau जनता का कर्तव्य

यह केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक का भी फर्ज है, कि वह इस आदेश का पालन करे। अगर कोई भी व्यक्ति कहीं शांति भंग करने की कोशिश करता दिखे तो उसकी सूचना प्रशासन या पुलिस को दें।

जब जनता और प्रशासन मिलकर काम करते हैं,तभी समाज में सच्ची सुरक्षा और शांति कायम होती है।

  Section 163 Mau मऊ जनपद में धारा 163 लागू करना एक एहतियाती और दूरदर्शी कदम है। यह न केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद करेगा बल्कि त्योहारों की खुशी को भी सुरक्षित बनाएगा। प्रशासन का यह फैसला आम जनता की सुरक्षा, शांति और भाईचारे की भावना को मजबूत करने के लिए है।

त्योहारों के इस मौसम में हर नागरिक से अपेक्षा है, कि वह मिलजुलकर खुशियां मनाए और प्रशासन द्वारा दिए गए नियमों का पालन करे। आखिरकार, सुरक्षित समाज ही खुशहाल समाज होता है।

  Section 163 Mau अस्वीकरण (Disclaimer)

यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई सूचनाएं प्रशासन द्वारा जारी आदेश पर आधारित हैं। पाठकों से अनुरोध है,कि किसी भी आधिकारिक जानकारी या नियम के लिए स्थानीय प्रशासन/पुलिस विभाग की आधिकारिक घोषणा को ही मान्य मानें।

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