जुबैर के नेटवर्क पर UP STF का हंटर; गोरखपुर से ध्वस्त होगा तस्करी का साम्राज्य
UP STF action in Gorakhpur गोरखपुर में गोतस्करी के खिलाफ यूपी एसटीएफ का बड़ा एक्शन। बलरामपुर निवासी कुख्यात तस्कर जुबैर अहमद के एनकाउंटर के बाद उसके पूरे नेटवर्क को खत्म करने की तैयारी। STF की कार्रवाई और गोरखपुर पर असर की पूरी रिपोर्ट पढ़िए।
जुबैर का अंत, लेकिन नेटवर्क अभी बाकी
गोरखपुर और आसपास के जिलों में लंबे समय से गोतस्करी और अपराध का जाल फैलाने वाला कुख्यात अपराधी जुबैर अहमद अब पुलिस रिकॉर्ड से खत्म हो चुका है। उसका एनकाउंटर हो गया है, लेकिन उसकी मौत के बाद भी सवाल बना हुआ है कि उसके पीछे खड़ा पूरा नेटवर्क अब कहां जाएगा।
UP STF action in Gorakhpur सिर्फ एक अपराधी को खत्म करने तक सीमित नहीं है, बल्कि उसका मकसद पूरे गैंग को ध्वस्त करना है। यही वजह है, कि जुबैर के एनकाउंटर के बाद STF ने उसके नेटवर्क पर ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू कर दी है।
जुबैर कौन था और कहां का रहने वाला था
UP STF action in Gorakhpur जुबैर अहमद मूल रूप से बलरामपुर जिले (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला था। शुरुआत में वह छोटे स्तर पर मवेशियों की तस्करी करता था, लेकिन धीरे-धीरे उसने अपना नेटवर्क इतना फैला लिया कि पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया
UP STF action in Gorakhpur उसके तार सिर्फ बलरामपुर तक नहीं रहे। गोरखपुर, महराजगंज, बहराइच और लखीमपुर खीरी जैसे जिलों में उसका नेटवर्क सक्रिय था। STF के अनुसार, जुबैर के खिलाफ 20 से ज्यादा केस दर्ज थे, जिनमें गो-तस्करी, हथियारों की सप्लाई और नकली नोटों की तस्करी भी शामिल थी।
Zubair Ahmed Encounter: कब और कहाँ हुआ?
जुबैर का एनकाउंटर लखीमपुर खीरी जिले के पास हुआ। STF और स्थानीय पुलिस को सूचना मिली थी कि जुबैर अपने साथियों के साथ मवेशियों की बड़ी खेप ले जा रहा है।
STF लखनऊ यूनिट और लखीमपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने घेराबंदी की। जब पुलिस ने उसे सरेंडर करने को कहा तो जुबैर ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से वह ढेर हो गया।
UP STF action in Gorakhpur इस ऑपरेशन का नेतृत्व एसटीएफ डीएसपी अजय कुमार सिंह ने किया, जबकि इंस्पेक्टर रमेश पांडेय (लखीमपुर पुलिस) मौके पर टीम के साथ मौजूद रहे।
STF destroys Zubair gang: नेटवर्क कितना बड़ा था?
जुबैर का नेटवर्क इतना मजबूत था कि वह सीमाई जिलों से मवेशी उठवाकर उन्हें नेपाल और बंगाल तक भेजता था। इसके लिए उसने स्थानीय एजेंट्स की फौज खड़ी कर रखी थी।
गोरखपुर में उसके लिए काम करने वाले लोग गाँवों से गाय और भैंस पकड़कर लाते थे।
महराजगंज और बलरामपुर से होकर यह खेप सीमाई इलाकों तक जाती थी।
पुलिस की जांच में सामने आया है, कि जुबैर का कनेक्शन हथियार और नकली करेंसी रैकेट से भी था।
UP police crackdown on cow smuggling
जुबैर के एनकाउंटर के बाद STF ने एक हफ्ते के अंदर उसके करीब आधा दर्जन साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें शामिल हैं:
फैजुल्लाह (बलरामपुर)
इस्माइल (गोरखपुर)
रहीम खान (महराजगंज)
UP STF action in Gorakhpur पुलिस अब जुबैर की संपत्तियों, बेनामी जमीनों और बैंक खातों की जांच कर रही है। STF का कहना है, कि गैंग के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और एनएसए (NSA) में कार्रवाई की जाएगी।
गोरखपुर पर जुबैर के नेटवर्क का असर
गोरखपुर पुलिस की रिपोर्ट बताती है, कि जुबैर ने यहां गरीब और बेरोजगार युवाओं को अपने गैंग में शामिल किया। छोटी रकम देकर उन्हें तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
कई बार पुलिस से मुठभेड़ के दौरान इन्हीं युवाओं को आगे कर दिया जाता, जबकि जुबैर खुद बच निकलता। STF अब इन लोकल एजेंट्स की पहचान कर रही है, और जल्द ही इन्हें गिरफ्तार करने की योजना बना रही है।
UP STF action in Gorakhpur अधिकारियों की सख्त चेतावनी
गोरखपुर रेंज के डीआईजी अखिलेश कुमार सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा
“गोतस्करी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जुबैर का एनकाउंटर इसका सबूत है। अब उसके नेटवर्क से जुड़े हर अपराधी को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।”
UP STF action in Gorakhpur जनता में भरोसा, अपराधियों में डर
गोरखपुर और आसपास के जिलों के लोग अब राहत महसूस कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस तरह के गैंग ने इलाके की शांति और सुरक्षा छीन रखी थी। जुबैर के एनकाउंटर और STF की कार्रवाई से अब अपराधियों में डर और जनता में भरोसा दोनों दिख रहा है।
Zubair Ahmed Encounter सिर्फ एक अपराधी की मौत नहीं, बल्कि यह बड़ा संदेश है,कि कानून से बड़ा कोई नहीं। STF की मुहिम अब सिर्फ जुबैर पर खत्म नहीं होगी, बल्कि उसके पूरे गैंग और नेटवर्क को ध्वस्त करने तक जारी रहेगी।
गोरखपुर और आसपास के जिलों में लोग अब ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं,कि यह कार्रवाई आगे भी जारी रही है।
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डिस्क्लेमर
यह आर्टिकल पुलिस और STF की कार्रवाई से जुड़ी सार्वजनिक सूचनाओं पर आधारित है। किसी भी समुदाय या व्यक्ति की छवि खराब करना इसका उद्देश्य नहीं है।
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