दिव्यांगजनों को ट्राई साईकिल एवं अन्य उपकरणों का किया वितरण
गोरखपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योगीराज बाबा गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह एवं सांस्कृतिक केन्द्र में दिव्य कला एवं कौशल प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया। दिव्यांगजनों को ट्राई साईकिल एवं अन्य सहायता उपकरणों का वितरण किया और दिव्यागों के द्वारा बनाये गये उत्पादो के स्टालो का अवलोकन किया। विभिन्न दिव्यांग आईकान को सम्मानित किया। इस अवसर पर लोगो को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां तीन दिवसीय दिव्यकला एवं कौशल प्रदर्शनी का आयोजन से दिव्यांगजनो की प्रतिभा को आम लोगो से जोड़ने के लिए अवसर प्राप्त हो रहा है। यह एक अभिनंदनीय पहल है। उ0प्र0 देश का संभवतः पहला राज्य होगा जिस राज्य में दिव्यांगजन के लिए दो विश्वविद्यालय सरकार द्वारा संचालित किये जा रहे है।

शासन द्वारा संचालित शकुन्तला दिव्यांग विश्वविद्यालय लखनऊ एवं जगतगुरू राम भद्राचार्य विश्वविद्यालय चित्रकूट के दिव्यांग छात्रों ने भी अपना उत्कृष्ट प्रदर्शनी को प्रस्तुत किया है। सरकार द्वारा दिव्यांगो के अनेक कार्यक्रम शुरू किये गये है। जिसके द्वारा दिव्यांगजनों को बेहतरी का कार्य हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अलग अलग स्थानों पर दिव्यांगों के लिए अनेक संस्थान भी संचालित है। इन संस्थानों का नियमित निरीक्षण भी शासन द्वारा किया जाता है। शासन वहां पर अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर,शिक्षको की उपलब्धता, तकनीक से जुड़ाव आदि के कार्य को सुनिश्चित भी किया जा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां तीस मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल एवं सौ मैन्यूअल ट्राइसाइकिल, चार स्मार्ट छड़ी, तीन हियरिंग एैड, चालीस स्टाल प्रदर्शनी, पांच फूडकोर्ट, तीन पुस्तक गैलरी आदि देखने को मिला है।
प्रदेश में वर्तमान में दस लाख 40 हजार से अधिक दिव्यांगजनों को एक हजार रू प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग से आहवान है कि दिव्यांग परिवार के पास आवास, पेंशन, मुफ्त शिक्षा आदि की व्यवस्था अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें। दिव्यांग चलने फिरने में असमर्थ है, लेकिन हाथ कार्य कर सकते है तो उनको मोटराइज्ड ट्राइ साइकिल देने की कार्यवाही तेजी से की जाये। उन्होने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रतिभावान दिव्यांग जो लगनशील व कार्यशील है उनको आगे बढ़ाया जाये। उन्होंने कहा कि पहले दिव्यांगो को 300 रू प्रतिमाह ही पेशन प्राप्त होती थी, शासन ने उसे 1000 कर दिया है। इसको भी आगे बढ़ाने का कार्य किया जायेगा। शासन द्वारा 11671 लोगो को कुष्ठावस्था पेंशन 3000 प्रतिमाह उपलब्ध करायी जा रही है और मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत उन्हें आवास का लाभ भी दिया जा रहा है। दो लाख 53 हजार दिव्यांगजनों के परिवार को आयुष्मान योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा कार्ड भी उपलब्ध कराया जा रहा है। कानक्लियर इमप्लांट के तहत 115 बच्चों को छःलाख रूपये प्रति बच्चा के खर्च से सर्जरी का भी कार्य कराया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश में 21 विशेष विद्यालयों में 1608 दिव्यांग बच्चें शिक्षा प्राप्त कर रहे है। दो दिव्यांग विश्वविद्यालय में लगभग 7600 दिव्यांग छात्र अध्ययन कर रहे है। आज प्रदेश में 18 बचपन डे केयर सेंटर,तीन बेल प्रेस की सुविधा उपलब्ध है। रोडवेज बसों में दिव्यांगों के लिए निःशुल्क यात्रा उपलब्ध है। खेलकूद के लिए भी शासन द्वारा विशिष्ठ स्टेडियम उपलब्ध कराये जा रहे है। मेरठ, बरेली व गोरखपुर में सरकारी मानसिक मंदित आश्रय स्थल भी दिव्यांगजनों के बेहतरी के लिए कार्य कर रहे है। सरकार इनके बुनियादी संरचना को और भी अच्छा करने के लिये कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों की प्रतिभा व आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकार हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। दिव्यांगजनों में विशिष्ट ईश्वरीय शक्ति के कारण ही प्रधानमंत्री ने इन्हें विकलांग के स्थान पर दिव्यांग शब्द को सम्बोधित किया है।
इस अवसर प्रमुख सचिव दिव्यांग एवं सशक्तिकरण सुभाष चन्द्र शर्मा एवं सांसद रविकिशन ने लोगों को सम्बोधित किया।इस अवसर पर महापौर डा0 मंगलेश श्रीवास्तव, जिला पंचायम अध्यक्ष साधना सिंह विधायक विपिन सिंह, राजेश त्रिपाठी सहित विभिन्न जनप्रतिनिधिगण एंव अधिकारीगण उपस्थित रहे।