Ghazipur Viral Video गाज़ीपुर में गूँजी थप्पड़ की गूँज: महिला कांस्टेबल और SBSP कार्यकर्ता का वीडियो वायरल
Ghazipur Viral Video गाज़ीपुर में सुभासपा कार्यकर्ता और महिला कांस्टेबल के बीच झड़प का वीडियो वायरल। पीले गमछे और ज्ञापन देने की कोशिश से शुरू हुई घटना ने राजनीति और पुलिस-जनता रिश्तों पर गंभीर सवाल खड़े किए। पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें।
इंसानियत से जुड़ी एक घटना जिसने सबको चौंकाया
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Ghazipur Viral Video गाज़ीपुर की गलियों में इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा उस छोटे से वीडियो की है, जिसमें एक महिला कांस्टेबल और सुभासपा (SBSP) के कार्यकर्ता के बीच तीखी झड़प दिखाई देती है। वीडियो में कांस्टेबल खुलेआम कार्यकर्ता को थप्पड़ मारती दिख रही हैं। यह घटना सिर्फ एक राजनीतिक बहस नहीं रह गई, बल्कि अब लोगों के दिलों को झकझोर रही है।
Ghazipur Viral Video घटना कहाँ और कैसे हुई
यह मामला गाज़ीपुर के SP कार्यालय परिसर का है। सुभासपा के कार्यकर्ता वहाँ ज्ञापन देने पहुँचे थे। पार्टी नेताओं का कहना है, कि वे शांतिपूर्वक अपनी बात रखने आए थे। लेकिन माहौल अचानक गरम हो गया और देखते ही देखते महिला कांस्टेबल ने कार्यकर्ता पर हाथ उठा दिया।
Ghazipur Viral Video वीडियो में क्या दिखा
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लगभग 13 सेकंड का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया।
वीडियो में साफ दिखता है कि कार्यकर्ता के गले में पीला गमछा है।
महिला कांस्टेबल बार-बार उसे झिड़क रही हैं और थप्पड़ मार रही हैं।
गुस्से में कांस्टेबल यह भी कहती सुनाई देती हैं “हाथ कैसे लगाया… नेतागिरी घुसेड़ दूंगी।”
यह नज़ारा देखकर वहाँ मौजूद लोग भी सन्न रह गए और अब पूरा देश इस पर सवाल उठा रहा है।
Ghazipur Viral Video पीले गमछे का विवाद
कुछ दिनों पहले ओमप्रकाश राजभर ने अपने समर्थकों से कहा था “पीला गमछा पहनकर थाने जाओ और मेरा नाम बता देना।”
कार्यकर्ताओं ने इस सलाह को गंभीरता से लिया और उसी अंदाज़ में SP दफ्तर पहुँचे।
पुलिस ने शायद इस कदम को चुनौती की तरह लिया और वहीं से टकराव की चिंगारी भड़क उठी।
Ghazipur Viral Video पुलिस का रुख और चुप्पी
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पुलिस प्रशासन की ओर से अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
यह स्पष्ट नहीं है,कि झड़प कैसे शुरू हुई।
न ही यह जानकारी है, कि महिला कांस्टेबल के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी या नहीं।
लोगों का सवाल यही है, कि अगर पुलिसकर्मी पर आम जनता हाथ उठाए तो तुरंत कार्रवाई होती है, लेकिन जब मामला उल्टा हो तो चुप्पी क्यों?
कार्यकर्ताओं और जनता की प्रतिक्रिया
Ghazipur Viral Video सुभासपा कार्यकर्ताओं का कहना है,कि वे सिर्फ ज्ञापन देने आए थे और उनके साथ अन्याय हुआ।
उनका आरोप है, कि पुलिस ने बिना वजह उन पर हाथ उठाया।
सोशल मीडिया पर लोग गुस्से में हैं,और कह रहे हैं, कि लोकतंत्र में आवाज़ उठाना अपराध नहीं होना चाहिए।
कई लोग यह भी पूछ रहे हैं,कि क्या वर्दीधारी का गुस्सा आम नागरिक पर उतरना जायज़ है?
Ghazipur Viral Video इस घटना से सीख
यह झड़प सिर्फ एक थप्पड़ की कहानी नहीं है, बल्कि हमारे सिस्टम का आईना है।
पुलिस और जनता के बीच भरोसे की खाई गहरी हो रही है।
राजनीतिक प्रतीक जैसे पीला गमछा जब पुलिस-प्रशासन से टकराते हैं, तो नतीजे टकराव ही होते हैं।
ऐसे मामलों की निष्पक्ष जाँच ज़रूरी है,ताकि जनता का विश्वास कायम रह सके। और अगर नेताजी की गलती हो तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए और अगर पुलिस कर्मचारियों की गलती हो तो उनके खिलाफ भी संवैधानिक कार्रवाई होनी चाहिए
Ghazipur Viral Video गाज़ीपुर की इस घटना ने एक बार फिर हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है, कि पुलिस और जनता के रिश्ते में संवेदनशीलता कितनी ज़रूरी है। लोकतंत्र तभी मजबूत होगा जब जनता और प्रशासन एक-दूसरे का सम्मान करेंगे, न कि ताक़त और गुस्से से जवाब देंगे।
यह लेख उपलब्ध मीडिया रिपोर्ट्स और वायरल वीडियो पर आधारित है। इसमें वर्णित घटनाएँ उन्हीं स्रोतों से ली गई हैं। लेखक या प्रकाशक किसी भी पक्ष की पुष्टि नहीं करता। आधिकारिक जाँच और प्रशासनिक बयान आने तक अंतिम निष्कर्ष निकालना उचित नहीं होगा।