IND vs ENG Best XI: 21वीं सदी की भारत-इंग्लैंड टेस्ट एकादश में कोहली, रूट, गांगुली को नहीं मिली जगह!
क्रिकेट जगत में बड़ा झटका: दिग्गजों का बाहर होना चर्चा का विषय
IND vs ENG Best XI: भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की बहुप्रतीक्षित श्रृंखला शुरू होने से पहले एक विवादास्पद निर्णय ने क्रिकेट प्रेमियों को चौंका दिया है। पूर्व इंग्लैंड कप्तानों नासिर हुसैन और माइकल एथरटन द्वारा चुनी गई 21वीं सदी की सर्वश्रेष्ठ भारत-इंग्लैंड टेस्ट एकादश में विराट कोहली, जो रूट और सौरव गांगुली जैसे दिग्गजों को जगह नहीं मिली। यह चयन नई विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र की शुरुआत से ठीक पहले हुआ, जिसने प्रशंसकों और विशेषज्ञों के बीच गर्मागर्म बहस छेड़ दी है।
संतुलन और प्रदर्शन को प्राथमिकता: टीम का गठन
IND vs ENG Best XI: इस एकादश में पांच-पांच खिलाड़ी भारत और इंग्लैंड से चुने गए हैं, जो टीम के संतुलन को दर्शाता है। सलामी बल्लेबाजी की जिम्मेदारी अलस्तैर कुक और वीरेंद्र सहवाग को सौंपी गई, जिन्होंने अपनी आक्रामक शैली और रन बनाने की क्षमता से प्रभावित किया। तीसरे नंबर पर राहुल द्रविड़ और चौथे पर सचिन तेंदुलकर की मौजूदगी टीम को मजबूती देती है, जबकि केविन पीटरसन पांचवें और बेन स्टोक्स (कप्तान) छठे नंबर पर हैं। विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी रिषभ पंत संभालेंगे, जिनकी आक्रामक बल्लेबाजी और कीपिंग कौशल को सराहा गया। गेंदबाजी आक्रमण में जसप्रीत बुमराह, जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड और रविचंद्रन अश्विन शामिल हैं, जो किसी भी पिच पर चुनौती पेश करने में सक्षम हैं।
भारत-इंग्लैंड टेस्ट XI (2000 के बाद)
- वीरेंद्र सहवाग (भारत) – इंग्लैंड के खिलाफ 1,132 रन, औसत 41.92, 3 शतकों के साथ उनकी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए चुने गए।
- अलास्टर कुक (इंग्लैंड) – 2,431 रन, औसत 47.66, 7 शतकों के साथ भारत-इंग्लैंड टेस्ट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले ओपनर। 2012 में भारत में सीरीज जीत उनकी खास उपलब्धि।
- राहुल द्रविड़ (भारत) – 2011 में 3 शतकों सहित इंग्लैंड के खिलाफ 1,468 रन, औसत 52.42। नंबर 3 पर उनकी मजबूती बेजोड़।
- सचिन तेंदुलकर (भारत) – 1,560 रन, औसत 42.16। उनकी ऐतिहासिक महत्ता ने जो रूट (1,581 रन, औसत 58.55) और कोहली (1,991 रन, औसत 52.06) को पीछे छोड़ा।
- केविन पीटरसन (इंग्लैंड) – 1,581 रन, औसत 58.55, खासकर 2012 में मुंबई में 186 रनों की पारी ने उन्हें नंबर 5 पर जगह दिलाई।
- बेन स्टोक्स (इंग्लैंड, कप्तान) – ऑलराउंडर और कप्तान के रूप में चुने गए। उनकी आक्रामक नेतृत्व शैली और निर्णायक प्रदर्शन ने जगह पक्की की।
- ऋषभ पंत (भारत, विकेटकीपर) – इंग्लैंड के खिलाफ 3 शतकों और आक्रामक बल्लेबाजी के दम पर धोनी (औसत 33.05) और मैट प्रायर को पीछे छोड़ा।
- रविचंद्रन अश्विन (भारत) – इंग्लैंड के खिलाफ लगातार 5-विकेट हॉल के साथ एकमात्र स्पिनर। कुंबले, हरभजन, जडेजा और स्वान को पछाड़ा।
- स्टुअर्ट ब्रॉड (इंग्लैंड) – जहीर खान पर बहस के बाद चुने गए। उनकी लंबी करियर और विकेट्स ने बाजी मारी।
- जसप्रीत बुमराह (भारत) – जो रूट के 9 बार आउट करने और घातक गति के लिए अटल चयन।
- जेम्स एंडरसन (इंग्लैंड) – रिकॉर्ड तोड़ विकेट्स और स्विंग में महारत के लिए स्वाभाविक पसंद।
कोहली, रूट और गांगुली क्यों बाहर?
- विराट कोहली: 1,991 रन, औसत 52.06, 2018 में एजबेस्टन में 149 और वानखेड़े में दोहरा शतक। फिर भी, नंबर 4 पर तेंदुलकर की ऐतिहासिक छवि ने उन्हें बाहर रखा।
- जो रूट: 1,581 रन, औसत 58.55, भारत के खिलाफ 10 शतक। लेकिन द्रविड़ का नंबर 3 पर दबदबा और तेंदुलकर का नंबर 4 पर कद उन्हें जगह नहीं दे सका।
- सौरव गांगुली: 2007 में 249 रन, भारत की इंग्लैंड में एकमात्र सीरीज जीत का हिस्सा। लेकिन पीटरसन और स्टोक्स के ऑलराउंड प्रभाव के सामने उनके आंकड़े कमजोर पड़े।

गांगुली और अन्य दिग्गजों का अभाव

IND vs ENG Best XI: सौरव गांगुली, जिन्होंने भारत को इंग्लैंड के खिलाफ 2002 में नाटकीय नतीजे दिलाए, और वीवीएस लक्ष्मण, जिन्होंने 2001 में कोलकाता टेस्ट में ऐतिहासिक 281 रन बनाए, भी इस सूची से बाहर हैं। गांगुली की नेतृत्व क्षमता और लक्ष्मण के तकनीकी कौशल को नजरअंदाज करना कई लोगों को गलत लगा। हालांकि, चयनकर्ताओं का मानना है कि अन्य खिलाड़ियों ने 21वीं सदी में अधिक प्रभावी प्रदर्शन किया, खासकर लंबी अवधि में।
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प्रशंसकों की प्रतिक्रिया
IND vs ENG Best XI: यह चयन सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बन गया है। कुछ प्रशंसक इस फैसले को साहसिक और ताजगी भरा मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे दिग्गजों के अपमान के रूप में देख रहे हैं। एक यूजर ने ट्वीट किया, “कोहली और रूट को बाहर करना गलत है, उनका रिकॉर्ड सब कुछ कहता है!” वहीं, एक अन्य ने लिखा, “नई पीढ़ी को मौका देना सही कदम है।” IND vs ENG Best XI: इस बहस ने श्रृंखला से पहले उत्साह को और बढ़ा दिया है।
भविष्य की राह: श्रृंखला और उसका प्रभाव
IND vs ENG Best XI: इस घोषणा के बाद, सभी की नजरें अब 22 जून से शुरू होने वाली श्रृंखला पर हैं। यह टीम प्रदर्शन से साबित करना होगा कि यह चयन सही था। जियोब्लैकरॉक की तरह, जो वित्तीय क्षेत्र में क्रांति ला रही है, यह एकादश क्रिकेट में नया इतिहास रच सकती है। क्या यह टीम कोहली और रूट के अभाव में सफल होगी, या उनके बिना कमजोर पड़ेगी? इसका जवाब मैदान पर ही मिलेगा।