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चुनाव में बेटे की हार से बिगड़ा अवधेश शर्मा का मानसिक संतुलन

चुनाव में बेटे की हार से बिगड़ा अवधेश शर्मा का मानसिक संतुलन

मिल्कीपुर से चुनाव जीतने का कर दिया ऐलान जबकि हार चुके हैं अजीत प्रसाद, बेटे की हार से हिला अवधेश प्रसाद का दिमाग:

अयोध्या से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद का मानसिक संतुलन बिगड़ता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल, अवधेश प्रसाद का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वे अपने पुत्र अजीत प्रसाद की जीत की घोषणा कर रहे हैं।

अयोध्या से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद का मानसिक संतुलन बिगड़ता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल, अवधेश प्रसाद का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वे अपने पुत्र अजीत प्रसाद की जीत की घोषणा कर रहे हैं। वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उनका बेटा अजीत प्रसाद 35612 वोटों से मिल्कीपुर उपचुनाव जीत गया है। जबकि सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद मिल्कीपुर उपचुनाव हार चुके हैं।

बेटे की हार से हिला अवधेश प्रसाद का दिमाग, मिल्कीपुर से चुनाव जीतने का कर दिया ऐलान जबकि हार चुके हैं अजीत प्रसाद

बेटे की हार से हिला अवधेश प्रसाद का दिमाग, मिल्कीपुर से चुनाव जीतने का कर दिया ऐलान जबकि हार चुके हैं अजीत प्रसाद

अयोध्या से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद का मानसिक संतुलन बिगड़ता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल, अवधेश प्र साद का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वे अपने पुत्र अजीत प्रसाद की जीत की घोषणा कर रहे हैं।

अवधेश प्रसाद
Image Source : SOCIAL MEDIAअवधेश प्रसाद

अयोध्या से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद का मानसिक संतुलन बिगड़ता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल, अवधेश प्रसाद का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वे अपने पुत्र अजीत प्रसाद की जीत की घोषणा कर रहे हैं। वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उनका बेटा अजीत प्रसाद 35612 वोटों से मिल्कीपुर उपचुनाव जीत गया है। जबकि सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद मिल्कीपुर उपचुनाव हार चुके हैं।    

जीत के बाद बोले भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु शर्मा

बता दें कि मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु शर्मा ने जीत हासिल की है। उनके सामने सपा की ओर से अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद चुनाव लड़ रहे थे। अजीत प्रसाद को इस चुनाव में चंद्रभानु शर्मा ने करीब 45 हजार वोटों से हराया है। जीत के बाद चंद्रभानु शर्मा ने कहा कि, “प्रभु की इच्छा से, सम्मानित जनता के आशीर्वाद से इतनी बड़ी जीत मिली है। विपक्ष के पास आरोप लगाने के सिवा और कोई काम बचा नहीं है। आप सब जानते हैं, चुनाव एकदम निष्पक्ष हुआ है। एक बार सपा के लोग लोगों को बरगला ले गए थे। अब ऐसा कभी नहीं होगा, ये मोदी जी-योगी जी की जीत है। अब मिल्कीपुर की जनता के विकास के लिए काम करना है।”

लोकसभा में सपा ने दिखाया था जोर

मिल्कीपुर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। लेकिन सीएम योगी के सामने वे टिक नहीं पाएं और हार का सामना करना पड़ा। लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अयोध्या की फैजाबाद सीट से बीजेपी को हराकर सबसे गहरा जख्म दे दिया था। जिसके बाद सपा के हौसले सातवें आसमान पर जा चुके थे। फैजाबाद सीट से बीजेपी की हार की चर्चा प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में हुई और भाजपा को लज्जित होना पड़ा। सपा की जीत पर उत्साह से लबरेज अखिलेश यादव ने अवधेश प्रसाद को भारतीय राजनीति का सेक्युलर चेहरा तक बता दिया था और नारा दिया था ‘मथुरा न काशी, हमें चाहिए अवधेश पासी।”

कहां चूक गए अखिलेश 

इस जीत के बाद अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर सीट से अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को टिकट देकर वहां से प्रत्याशी घोषित कर दिया। जानकारों की मानें तो उत्साह में डूबे अखिलेश यादव की यह सबसे बड़ी भूल थी। सांसद के बेटे को प्रत्याशी बनाकर अखिलेश ने अपने जमीनी कार्यकर्ताओं को निराश किया। जिन्होंने लोकसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद को जीताने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी। कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि विधानसभा उपचुनाव में उन्हीं में से किसी को प्रत्याशी बनाया जाएगा। यही वजह रही कि उपचुनाव से पहले सपा जिलाध्यक्ष अंतोष चौधरी उर्फ़ सूरज चौधरी अपने समर्थकों संग सपा छोड़कर आजाद समाज पार्टी में शामिल हो गए और बागी के तौर पर मैदान में उतरे।

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