Waqf Property Supreme Court Case,127-Year-Old Mosque in Mau, Kotwali Hatti Madari Mosque: मऊ में 127 साल पुरानी कोतवाली मस्जिद को हटाने का नोटिस | सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी?

PWD का नोटिस और सुप्रीम कोर्ट की रोक के बीच उठे सवाल

मऊ, उत्तर प्रदेश: शहर की एक ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कोतवाली मस्जिद हट्टी मदाड़ी, जिसे वक्फ नंबर 564 के रूप में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में दर्ज किया गया है, को PWD (लोक निर्माण विभाग) द्वारा हटाने का नोटिस जारी किया गया है। यह मस्जिद करीब 127 साल पुरानी है और इसे गजट सर्वे में वक्फ संपत्ति के तौर पर मान्यता प्राप्त है
Waqf Property Supreme Court Case: सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन, फिर भी नोटिस क्यों?
इस मस्जिद से संबंधित मामला वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और 5 मई 2025 से वक्फ संपत्तियों पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई पर रोक लागू है। फिर भी PWD द्वारा नोटिस जारी किया गया, जो कि न्यायिक आदेशों की अवमानना के रूप में देखा जा रहा है।
धार्मिक स्वतंत्रता और कानूनी अधिकारों का उल्लंघन?
स्थानीय लोगों और धार्मिक संगठनों का कहना है कि यह कार्यवाही न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है, बल्कि यह धार्मिक स्वतंत्रता और संविधान प्रदत्त वक्फ संपत्ति अधिकारों के खिलाफ भी है।
waqf Property Supreme Court Case: वक्फ बोर्ड और लीगल टीम की प्रतिक्रिया
waqf Property Supreme Court Case: सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मामले को संज्ञान में लिया है और की कानूनी टीम अब इस पर जस्टिस जेड यू खान के नेतृत्व में अदालत में हस्तक्षेप की तैयारी कर रही है। मकसद मस्जिद की हिफाजत और कानूनी बहाली सुनिश्चित करना है।
जनता की मांग: कार्यवाही तत्काल रोकी जाए
स्थानीय निवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की है कि इस धार्मिक स्थल को हटाने की कार्रवाई तुरंत रोकी जाए और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पूर्ण पालन किया जाए।
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