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Muzaffarnagar SDM Jayendra Singh suspended सरकार का बड़ा ऐक्शन  भ्रष्टाचार के आरोप में मुजफ्फरनगर के एसडीएम जयेंद्र सिंह निलंबित

 Muzaffarnagar SDM Jayendra Singh suspended सरकार का बड़ा ऐक्शन  भ्रष्टाचार के आरोप में मुजफ्फरनगर के एसडीएम जयेंद्र सिंह निलंबित

Muzaffarnagar SDM Jayendra Singh suspended योगी सरकार ने भ्रष्टाचार पर बड़ा ऐक्शन लेते हुए मुजफ्फरनगर के जानसठ एसडीएम जयेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया है। आरोप है, कि उन्होंने करीब 750 बीघा विवादित जमीन को गलत तरीके से लाभार्थियों के नाम दर्ज कर दिया। जानें पूरी घटना, जांच और आगे की कार्रवाई।

Muzaffarnagar SDM Jayendra Singh suspended योगी सरकार का बड़ा ऐक्शन

Muzaffarnagar SDM Jayendra Singh suspended
सोर्स बाय गूगल इमेज

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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और सख्त कदम उठाया है। मुजफ्फरनगर जिले के जानसठ तहसील में तैनात उप जिलाधिकारी (एसडीएम) जयेंद्र सिंह को गंभीर आरोपों के चलते निलंबित कर दिया गया है। आरोप है,कि उन्होंने सरकारी और विवादित भूमि को गलत तरीके से निजी व्यक्तियों के नाम कर दिया और मनमाने तरीके से आदेश जारी किए। यह कार्रवाई सरकार के “जीरो टॉलरेंस फॉर करप्शन” वाले स्टैंड को एक बार फिर स्पष्ट करती है।

  Muzaffarnagar SDM Jayendra Singh suspended मामला क्या है?

जानसठ तहसील क्षेत्र के ग्राम इसहाकवाला में करीब 750 बीघा जमीन का मामला सामने आया। इसमें से लगभग 473 बीघा सरकारी जमीन थी, जबकि शेष भूमि एक सोसाइटी और कुछ किसानों के नाम दर्ज थी। लंबे समय से यह जमीन विवादित थी और कोर्ट तक मामला पहुँच चुका था। कोर्ट ने अपने आदेशों में इस जमीन को सरकारी श्रेणी में माना था।

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Muzaffarnagar SDM Jayendra Singh suspended लेकिन आरोप है, कि एसडीएम जयेंद्र सिंह ने जनवरी 2024 से इस प्रकरण की सुनवाई शुरू की और 19 जुलाई 2025 को अचानक आदेश जारी कर दिया। इस आदेश में जमीन को संक्रमणीय भूमिधर घोषित करते हुए कुछ व्यक्तियों को लाभ पहुंचाया गया।

शिकायत और खुलासा कैसे हुआ?

भाजपा के पूर्व विधायक विक्रम सैनी ने इस मामले की शिकायत की। उनका आरोप था कि सोसायटी की जमीन और सरकारी भूमि को मिलाकर गलत तरीके से निजी नामों पर दर्ज कर दिया गया है। शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने एक त्रि-सदस्यीय जांच समिति गठित की।

जांच में प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए गए। रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि एसडीएम ने अपने अधिकार क्षेत्र का गलत इस्तेमाल करते हुए नियमों को ताक पर रखा और जमीन का गलत बंटवारा किया।

Muzaffarnagar SDM Jayendra Singh suspended  योगी सरकार की सख्त कार्रवाई

जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने तत्काल प्रभाव से एसडीएम जयेंद्र सिंह को निलंबित करने का आदेश जारी किया। निलंबन के दौरान उन्हें राजस्व परिषद कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। साथ ही, पूरे मामले की विस्तृत जांच की जिम्मेदारी बरेली मंडलायुक्त को सौंपी गई है।

सरकार का कहना है,कि अगर आगे की जांच में और गड़बड़ियाँ सामने आती हैं, तो विभागीय कार्रवाई और संभवतः आपराधिक मामला भी दर्ज किया जा सकता है।

  Muzaffarnagar SDM Jayendra Singh suspended कोर्ट का इतिहास

इस जमीन विवाद की कहानी बहुत पुरानी है। मामला पहले हाईकोर्ट तक गया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि संबंधित सोसायटी और किसानों को मुआवजा देने का कोई आधार नहीं है, क्योंकि जमीन सरकारी मानी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का भी हवाला दिया गया था।

Muzaffarnagar SDM Jayendra Singh suspended इसके बावजूद जब एसडीएम ने जमीन का बंटवारा किया और नामांतरण कर दिया, तो पूरा विवाद दोबारा गर्म हो गया। प्रशासन और सरकार को लगा कि यह आदेश पूरी तरह नियमविरुद्ध और संदिग्ध है।

समाज और राजनीति में हलचल

इस कार्रवाई ने स्थानीय स्तर पर हलचल मचा दी है। विपक्ष का कहना है, कि ऐसे मामलों में सिर्फ निलंबन काफी नहीं है, बल्कि दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए। वहीं, भाजपा समर्थक इस कदम को योगी सरकार की कड़े निर्णय लेने वाली छवि का उदाहरण बता रहे हैं।

स्थानीय किसानों और सोसायटी के सदस्यों का कहना है,कि इस मामले ने उनकी जमीन और मुआवजे के अधिकार को और जटिल बना दिया है। वे चाहते हैं कि सरकार निष्पक्ष जांच कराए और असली दोषियों को सजा मिले।

Muzaffarnagar SDM Jayendra Singh suspended योगी सरकार का संदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही कई मौकों पर कह चुके हैं,कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। हाल के वर्षों में प्रदेश में कई राजस्व और भूमि से जुड़े मामलों में कार्रवाई हुई है।

जयेंद्र सिंह पर हुई कार्रवाई यह संदेश देती है,कि चाहे अधिकारी कितना भी बड़ा क्यों न हो, भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर उसे बख्शा नहीं जाएगा।

आगे क्या?

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट में क्या निष्कर्ष निकलता है। अगर रिपोर्ट में और गड़बड़ियाँ साबित होती हैं, तो जयेंद्र सिंह पर न सिर्फ विभागीय कार्रवाई होगी बल्कि आपराधिक मुकदमा भी चल सकता है।

यह मामला प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एक चेतावनी है, कि किसी भी तरह की अनियमितता, खासकर भूमि विवाद जैसे संवेदनशील मामलों में, बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

निष्कर्ष

मुजफ्फरनगर के एसडीएम जयेंद्र सिंह का निलंबन सिर्फ एक प्रशासनिक कार्रवाई नहीं है, बल्कि यह योगी सरकार के उस संदेश का हिस्सा है, जिसमें भ्रष्टाचार को राज्य की सबसे बड़ी बीमारी माना गया है।

यह मामला बताता है कि अगर सरकारी पद का दुरुपयोग किया जाएगा तो उसके परिणाम बेहद गंभीर होंगे। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आगे की जांच में क्या सामने आता है और दोषियों को कितनी सख्त सजा मिलती है।

 

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