Sanjay Singh house arrest, Farooq Abdullah meeting denied आप नेता संजय सिंह नजरबंद: फारूक अब्दुल्ला मिलने पहुंचे लेकिन रोक दिए गए, विपक्ष ने तानाशाही करार दिया
Sanjay Singh house arrest, Farooq Abdullah meeting denied दिल्ली में आप नेता संजय सिंह को नजरबंद किया गया, पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला उनसे मिलने पहुंचे लेकिन पुलिस ने रोक दिया। विपक्ष ने सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया। पूरी खबर पढ़ें।
Sanjay Singh house arrest, Farooq Abdullah meeting denied दिल्ली में आप नेता संजय सिंह नजरबंद
गोरखपुर सहजनवा थाना के अंतर्गत ग्राम प्रधान मनजीत सिंह और अतिरिक्त तीन लोगों के खिलाफ FIR

दिल्ली की सियासत में शनिवार का दिन बेहद गर्म रहा। आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को उनके ही घर में पुलिस ने नजरबंद कर दिया। आरोप है, कि उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना या स्पष्ट कारण बताए बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी गई।
फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात नहीं होने दी गई
इस घटनाक्रम के बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता डॉ. फारूक अब्दुल्ला संजय सिंह से मिलने सरकारी गेस्ट हाउस पहुंचे। लेकिन पुलिस ने उन्हें मुलाकात की इजाजत नहीं दी। इस पर फारूक अब्दुल्ला ने गहरी नाराज़गी जताई और कहा कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है।
Sanjay Singh house arrest, Farooq Abdullah meeting denied संजय सिंह का बयान
संजय सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा,
“यह बेहद दुखद है,कि डॉ. फारूक अब्दुल्ला जी मेरे नजरबंद होने की खबर सुनकर मिलने आए, लेकिन उन्हें मुझसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई। अगर यह तानाशाही नहीं है,तो और क्या है?”
उनके इस ट्वीट ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी और विपक्षी दलों ने तुरंत सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया।
Sanjay Singh house arrest, Farooq Abdullah meeting denied विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया
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1. आप के प्रवक्ता – “संजय सिंह की आवाज़ सरकार को चुभ रही है, इसलिए उन्हें घर में कैद कर दिया गया।”
2. कांग्रेस नेताओं ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए कहा कि यह घटनाक्रम देश के लिए शर्मनाक है।
3. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, “जब सत्ता को सवालों से डर लगने लगे तो समझ लीजिए लोकतंत्र खतरे में है।”
Sanjay Singh house arrest, Farooq Abdullah meeting denied सोशल मीडिया पर आक्रोश
एक यूज़र ने लिखा, “आज विपक्ष को बोलने से रोक दिया जा रहा है, कल आम जनता को चुप करा दिया जाएगा।”
दूसरे यूज़र ने लिखा, “संजय सिंह ईमानदारी से आवाज उठा रहे हैं, इसीलिए उन्हें नजरबंद किया गया।”
तीसरे यूज़र ने लिखा, “फारूक अब्दुल्ला जैसे वरिष्ठ नेता को मिलने से रोकना लोकतंत्र की सबसे बड़ी विडंबना है।”
Sanjay Singh house arrest, Farooq Abdullah meeting denied सरकार की चुप्पी
इस पूरे घटनाक्रम पर अब तक केंद्र सरकार या दिल्ली पुलिस की ओर से कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि सूत्रों का कहना है, कि सुरक्षा कारणों से यह कदम उठाया गया है, लेकिन विपक्ष का आरोप है,कि असल वजह आलोचनात्मक आवाज़ों को दबाना
लोकतंत्र बनाम तानाशाही की बहस
Sanjay Singh house arrest, Farooq Abdullah meeting denied यह घटना सिर्फ एक नेता को नजरबंद करने का मामला नहीं है, बल्कि इससे लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बहस छिड़ गई है। विपक्ष का मानना है,कि अगर इस तरह से विपक्षी नेताओं को चुप कराया जाएगा, तो आम जनता की आवाज़ कैसे सुनी जाएगी?
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राजनीतिक संदेश: संजय सिंह के नजरबंद होने से साफ है,कि विपक्ष की आवाज़ को सीमित करने की कोशिश हो रही है।
जनता का नजरिया: सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोग इस कदम को गलत ठहरा रहे हैं।
लोकतांत्रिक खतरा: विशेषज्ञों का मानना है, कि यह घटनाक्रम आने वाले समय में लोकतंत्र की बुनियाद को कमजोर कर सकता है।
निष्कर्ष
आप नेता संजय सिंह को घर में नजरबंद किए जाने और फारूक अब्दुल्ला को उनसे मिलने से रोके जाने की घटना ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। विपक्ष इसे तानाशाही करार दे रहा है, जबकि जनता भी इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला मान रही है। अब देखना होगा कि सरकार इस विवाद पर कब और क्या प्रतिक्रिया देती है।
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