News Dilse Bharat

State Lalit Kala Akademi गोरखपुर बनेगा कला का अंतरराष्ट्रीय केंद्र: ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ कार्यशाला 17 से 20 सितम्बर, 2025

State Lalit Kala Akademi गोरखपुर बनेगा कला का अंतरराष्ट्रीय केंद्र: ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ कार्यशाला 17 से 20 सितम्बर, 2025

State Lalit Kala Akademi गोरखपुर में 17–20 सितंबर 2025 को ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ अंतरराष्ट्रीय कला कार्यशाला आयोजित होगी। Rampus School Gorakhpur में होने वाले इस कार्यक्रम में भारत व श्रीलंका, मॉरीशस, नेपाल, बांग्लादेश और सऊदी अरब के लगभग 50 कलाकार हिस्सा लेंगे और कला के माध्यम से वैश्विक एकता का संदेश देंगे।

गोरखपुर की मिट्टी में संस्कृति की खुशबू हमेशा रही है। इस रूहानी और रचनात्मक माहौल को और ऊँचा उठाने के लिए ललिता ट्रस्ट, गोरखपुर और State Lalit Kala Akademi, उत्तर प्रदेश मिलकर 17 से 20 सितंबर, 2025 तक रैंपस स्कूल, गोरखपुर में एक विशेष अंतरराष्ट्रीय मैत्री कला कार्यशाला एवं संगोष्ठी ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ आयोजित कर रहे हैं। यह गोरखपुर अंतर्राष्ट्रीय कला कार्यशाला कला के माध्यम से यह संदेश देगी कि दुनिया एक परिवार है — “Vasudhaiva Kutumbakam”।

State Lalit Kala Akademi समारोह और प्रमुख अतिथि

 इसे भी पढ़े मुख्यमंत्री के शहर में बेघर कलाकार 

State Lalit Kala Akademi गोरखपुर बनेगा कला का अंतरराष्ट्रीय केंद्र: ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ कार्यशाला 17 से 20 सितम्बर, 2025
सोर्स बाय गूगल इमेज

उद्घाटन 17 सितंबर, बुधवार को अपराह्न 3 बजे रैंपस स्कूल के प्रांगण में होगा। उद्घाटन में विश्वविद्यालय, संस्कृति और नगर प्रशासन के नामचीन लोग उपस्थित रहेंगे — दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टण्डन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक रमेश जी, वरिष्ठ स्वयंसेवक जगदीश गुप्त, गोरखपुर महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, राज्य ललित कला अकादमी के अध्यक्ष तथा प्रख्यात चित्रकार डॉ. सुनील कुमार विश्वकर्मा, उपाध्यक्ष गिरीश चंद्र मिश्र और साहित्य के वरिष्ठ कला-प्रिय प्रो. रामदेव शुक्ल। आयोजक मंडल की ओर से यह भी कहा गया है,कि कार्यक्रम में कला और विचार दोनों का समन्वय रहेगा।

कलाकारों की भागीदारी  देश-विदेश का संगम

इस वसुधैव कुटुंबकम कार्यशाला में लगभग 50 से अधिक कलाकार हिस्सा लेंगे  जिसमें वरिष्ठ व नवोदित दोनों तरह के कलाकार शामिल हैं। भारत के अलग-अलग राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, झारखंड और चंडीगढ़ के चित्रकार यहाँ अपनी कृतियाँ बनाएंगे। साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रीलंका, मॉरीशस, नेपाल, बांग्लादेश और सऊदी अरब के कलाकार भी इस कला उत्सव में भागीदारी देंगे। Rampus School Gorakhpur Art Workshop को इससे एक विशेष वैश्विक पहचान मिलेगी।

कला के जरिए संदेश पूरा विश्व एक परिवार

कार्यशाला और संगोष्ठी का केन्द्रीय संदेश है — वसुधैव कुटुंबकम्: कला के माध्यम से कैसे वैश्विक भाईचारा, पारिवारिक भावना और आपसी सम्वेदनशीलता को बढ़ाया जा सकता है। भाग लेने वाले कलाकार अपनी चित्र-भाषा में ऐसे कई पहलुओं को उकेरेंगे — जैसे पारिवारिक सहारा, आपसी समझ, सांस्कृतिक समन्वय और शांति का संदेश। संगोष्ठी में विद्वान और कला विशेषज्ञ इस सोच पर चर्चा करेंगे कि किस तरह कला सामाजिक बदलाव और वैश्विक एकता को प्रेरित कर सकती है।

  State Lalit Kala Akademi आयोजन का महत्व और संभावित प्रभाव

इस आयोजन से गोरखपुर न सिर्फ कला का मंच बनेगा, बल्कि पूर्वांचल और उत्तर प्रदेश की कला-परंपरा को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप मिलेगा। Lalita Trust Gorakhpur और State Lalit Kala Akademi UP के संयुक्त प्रयास से आने वाली पीढ़ियों को भी यह प्रेरणा मिलेगी कि कला केवल सजावट नहीं, बल्कि समाज बदलने की एक ताकत है। स्थानीय छात्रों, कलाकारों और दर्शकों के लिए यह एक ऐसा अवसर होगा जहाँ वे Rampus School में अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के साथ नज़दीक से जुड़कर सीख सकेंगे।

State Lalit Kala Akademi   कार्यक्रम अवधि और समापन

चार दिवसीय यह कला महोत्सव 20 सितंबर, 2025 को सायंकाल 5 बजे समापन समारोह के साथ संपन्न होगा। समापन पर भी कला और साहित्य के विद्वान उपस्थित रहेंगे तथा प्रदर्शित कृतियों का संकलन और समालोचन होगा। आयोजक उम्मीद करते हैं, कि यह कार्यशाला न सिर्फ कलात्मक संवाद बढ़ाएगी बल्कि सामाजिक एकता का एक जीवंत उदाहरण भी प्रस्तुत करेगी।

यह लेख आयोजकों द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी और उपलब्ध स्रोतों के आधार पर तैयार किया गया है। आयोजन की तिथियाँ, समय और अतिथि सूची आयोजकों द्वारा बदली जा सकती है; अंतिम सत्यापन के लिए कृपया आयोजक या संबंधित संस्थान से संपर्क करें। लेख का उद्देश्य केवल सूचना प्रेषण है, न कि किसी प्रकार का आधिकारिक प्रमाणीकरण।

Exit mobile version