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Aligarh Imam Beaten राम का नाम ना बोलने पर अलीगढ़ में मस्जिद ईमाम की बेरहमी से पिटाई, पुलिस ने की कार्रवाई

Aligarh Imam Beaten राम का नाम ना बोलने पर अलीगढ़ में मस्जिद ईमाम की बेरहमी से पिटाई, पुलिस ने की कार्रवाई

Aligarh Imam Beaten अलीगढ़ के लखनपुर ग्राम में मस्जिद ईमाम मुस्तकीम की बेरहमी से पिटाई, जय श्री राम नारा ना बोलने पर हमला। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया, सख़्त कार्रवाई जारी।

इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना, आरोपी अब कानून के शिकंजे में

Aligarh Imam Beaten अलीगढ़ ज़िले के लखनपुर ग्राम (उत्तर प्रदेश) से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहाँ मस्जिद के ईमाम मुस्तकीम को कुछ लोगों ने सिर्फ़ इसलिए बेरहमी से पीट दिया क्योंकि उन्होंने जबरदस्ती “जय श्री राम” का नारा लगाने से इनकार कर दिया। पीड़ित को न केवल लाठी-डंडों से पीटा गया बल्कि उनकी दाढ़ी तक नोच दी गई। यह घटना इंसानियत और संविधान दोनों पर गहरी चोट है।

Aligarh Imam Beaten पीड़ित ईमाम मुस्तकीम की हालत और बयान

ईमाम मुस्तकीम ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि कुछ दबंगों ने उन्हें रास्ते में रोक लिया और धार्मिक नारा लगाने के लिए मजबूर किया। जब उन्होंने शांति से मना किया तो उन्हें अपशब्द कहे गए और मारपीट शुरू कर दी गई। हमला इतना हिंसक था कि उनका शरीर बुरी तरह जख्मी हो गया और दाढ़ी भी खींचकर नोची गई।

  Aligarh Imam Beaten आरोपी कौन हैं

Aligarh Imam Beaten राम का नाम ना बोलने पर अलीगढ़ में मस्जिद ईमाम की बेरहमी से पिटाई, पुलिस ने की कार्रवाई
सोर्स बाय गूगल इमेज

गाँव के लोगों और पुलिस सूत्रों के अनुसार इस हमले में शामिल आरोपियों के नाम सामने आ रहे हैं। पुलिस की एफआईआर में शामिल मुख्य नाम निम्नलिखित बताए जा रहे हैं (जैसे-जैसे आधिकारिक पुष्टि होगी, इन्हें अपडेट किया जाएगा):

रवि शर्मा (ग्राम निवासी)

सोनू ठाकुर

अजय चौहान

इन आरोपियों पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने और सामूहिक हिंसा फैलाने का आरोप लगाया गया है।

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  Aligarh Imam Beaten पुलिस प्रशासन की कार्रवाई

घटना की गंभीरता को देखते हुए अलीगढ़ पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज किया। एसएसपी अलीगढ़ ने मीडिया से कहा है कि धार्मिक आधार पर हिंसा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पुलिस ने दबिश देकर तीन मुख्य आरोपियों को हिरासत में लिया है और बाकी फरार लोगों की तलाश जारी है।

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एफआईआर में आरोपियों पर धारा 295A (धार्मिक भावनाओं को आहत करना), 323 (मारपीट), 506 (धमकी देना), और 153A (दो धर्मों के बीच वैमनस्य फैलाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

  Aligarh Imam Beaten समाज और संविधान का संदेश

यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है, कि अगर किसी को सिर्फ़ धार्मिक नारा ना बोलने पर पीटा जाएगा तो यह देश किस दिशा में जाएगा। भारत का संविधान हर नागरिक को धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार देता है। किसी भी धर्म के व्यक्ति को उसकी आस्था के खिलाफ मजबूर करना न केवल गलत है, बल्कि सीधा-सीधा कानून का उल्लंघन है।

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Aligarh Imam Beaten  हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो या ईसाई – सबका भारत पर बराबर हक है। इस देश की पहचान “विविधता में एकता” है और उसे तोड़ने की कोशिश करने वाले लोग इंसानियत और राष्ट्र दोनों के दुश्मन हैं।

Aligarh Imam Beaten प्रशासन को सख्त कदम क्यों उठाने चाहिए

अगर ऐसे अपराधियों को सख़्त सज़ा नहीं दी गई तो समाज में गलत संदेश जाएगा। हर किसी को यह समझना होगा कि धर्म का नाम लेकर हिंसा फैलाना भारत की आत्मा पर वार है। इस घटना के दोषियों को जल्द से जल्द अदालत में पेश कर कठोर दंड दिलाना ही न्याय होगा।

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अलीगढ़ की यह घटना सिर्फ़ एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि पूरे संविधान और इंसानियत पर हमला है। सरकार और प्रशासन से जनता की यही मांग है कि आरोपियों को ऐसी सजा दी जाए कि भविष्य में कोई भी व्यक्ति धार्मिक नारे या पहचान के आधार पर हिंसा करने की हिम्मत न जुटा सके।

  Aligarh Imam Beaten डिस्क्लेमर

यह आर्टिकल उपलब्ध मीडिया रिपोर्ट्स, पुलिस एफआईआर और स्थानीय सूत्रों पर आधारित है। आरोपियों के नाम और घटनाक्रम की पुष्टि पुलिस जांच के बाद ही अंतिम मानी जाएगी। हमारा उद्देश्य किसी भी धर्म, समुदाय या व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं है, बल्कि समाज और प्रशासन को सचेत करना है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

 

 

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