Food Adulteration गोरखपुर में फूड विभाग की बड़ी कार्रवाई: दो ट्रक रंगीन आलू जब्त, जनता की थाली में ज़हर मिलाने की साजिश बेनक़ाब
Food Adulteration गोरखपुर में फूड विभाग की बड़ी कार्रवाई! दो ट्रक रंगीन आलू जब्त, जिन पर हानिकारक रासायनिक रंग चढ़ाया गया था। यह रंग स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं, फूड विभाग ने जांच शुरू की और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
गोरखपुर: त्योहारों का मौसम, सब्ज़ियों की बढ़ती मांग और घरों में चल रही तैयारियों के बीच एक हैरान करने वाली खबर ने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया। फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने शनिवार देर रात दो ट्रक आलू जब्त किए, जिन पर हानिकारक रासायनिक रंग चढ़ाया गया था। ये आलू बाजार में “ताज़ा” और “आकर्षक” दिखने के लिए तैयार किए गए थे, लेकिन हकीकत में ये ज़हर से कम नहीं थे।

इंसानियत के नाम पर धंधा: कैसे पकड़ी गई गोरखपुर की यह साजिश
फूड विभाग को पिछले कुछ दिनों से शिकायतें मिल रही थीं कि शहर के कुछ थोक सब्ज़ी व्यापारी आलू पर कृत्रिम रंग और केमिकल लेप लगाकर उन्हें “नई फसल” की तरह बेच रहे हैं।
Food Adulteration सूचना की पुष्टि होते ही मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी की अगुवाई में विशेष टीम गठित की गई। शनिवार देर रात टीम ने शाहपुर और मोहद्दीपुर इलाके में छापेमारी की, जहाँ से दो ट्रक रंगीन आलू जब्त किए गए।
जांच में पाया गया कि आलुओं पर सिंथेटिक कलर और औद्योगिक रसायनों का प्रयोग किया गया था। इन रंगों का उपयोग आमतौर पर कपड़े या फर्नीचर उद्योग में होता है, न कि खाने योग्य वस्तुओं में।
Food Adulteration सेहत के लिए ज़हर विशेषज्ञों की चेतावनी
फूड टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों का कहना है,कि ऐसे रंगीन और रासायनिक आलू मानव शरीर के लिए बेहद खतरनाक हैं।
ये रसायन लिवर और किडनी को नुकसान पहुँचा सकते हैं,
आंतों में सूजन और पाचन संबंधी बीमारियाँ पैदा कर सकते हैं,
और लंबे समय तक सेवन करने पर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकते हैं।
Food Adulteration एक स्थानीय डॉक्टर ने बताया कि “खाने में इस्तेमाल होने वाले रंग प्राकृतिक या फूड ग्रेड होने चाहिए। लेकिन औद्योगिक रंग शरीर में जाकर धीरे-धीरे अंगों को नुकसान पहुँचाते हैं। यह धीमा ज़हर है, जो वर्षों में असर दिखाता है।”
Food Adulteration कार्रवाई की पूरी कहानी
फूड विभाग की इस कार्रवाई में एसपी कार्यालय और स्थानीय पुलिस की टीम भी शामिल रही। अधिकारियों ने बताया कि जब्त किए गए दोनों ट्रकों के ड्राइवरों और मालिकों से पूछताछ की जा रही है।
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि यह माल बिहार से लाया जा रहा था और गोरखपुर व बस्ती मंडल के कई थोक बाजारों में सप्लाई की तैयारी थी।
फूड विभाग ने आलू के नमूने प्रयोगशाला भेज दिए हैं, जिनकी रिपोर्ट आने के बाद एफएसएसएआई (FSSAI) एक्ट के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। दोषी पाए जाने पर व्यापारियों को जुर्माना और जेल दोनों हो सकते हैं।
Food Adulteration दुकानदारों में हड़कंप, आम लोगों में डर
Food Adulteration फूड विभाग की इस कार्रवाई के बाद गोरखपुर के सब्ज़ी बाजारों में हड़कंप मच गया है। शाहपुर, गोलघर और अलीनगर बाजार के कई थोक विक्रेताओं ने अपने स्टॉक की सफाई शुरू कर दी है।
वहीं, आम लोग अब सब्ज़ियाँ खरीदते समय पहले से अधिक सतर्क नज़र आ रहे हैं।
मोहल्ला बक्शीपुर निवासी गीता देवी ने कहा।
“हम रोज़मर्रा की ज़रूरतों में सब्ज़ियाँ खरीदते हैं। अब तो डर लगता है कि क्या खाएँ, क्या नहीं। सरकार को ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।”
Food Adulteration आम जनता के लिए चेतावनी और सलाह
फूड विभाग ने नागरिकों से अपील की है,कि वे सब्ज़ियाँ खरीदते समय सावधानी बरतें।
अगर कोई आलू या अन्य खाद्य वस्तु असामान्य रूप से चमकदार, चिकनी या रंग में ज़्यादा भिन्न दिखे, तो उसे न खरीदें।
ऐसे मामलों की सूचना तुरंत फूड कंट्रोल हेल्पलाइन 1800-180-5530 पर दें या नजदीकी खाद्य सुरक्षा अधिकारी को सूचित करें।
इसके अलावा, आलू या अन्य सब्ज़ियाँ पकाने से पहले साफ पानी से कई बार धोना, और छिलका उतारकर उपयोग करना सबसे सुरक्षित तरीका है।
Food Adulteration अधिकारियों का बयान
फूड सुरक्षा अधिकारी अरविंद सिंह ने बताया
“हमने रंगीन आलू के दो ट्रक पकड़े हैं। प्राथमिक जांच में रासायनिक पदार्थ की पुष्टि हुई है। इस नेटवर्क में शामिल व्यापारियों की सूची तैयार की जा रही है। जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।”
वहीं, एसपी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, यह मामला राज्यस्तरीय जांच के लिए भेजा जा सकता है ताकि ऐसे कृत्यों पर सख्त उदाहरण पेश किया जा सके।
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Food Adulteration हमारी थाली, हमारी ज़िम्मेदारी
भोजन सिर्फ पेट भरने का साधन नहीं, बल्कि जीवन का आधार है। जब थाली में रखा खाना ही जहरीला बन जाए, तो यह सिर्फ प्रशासन नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति के लिए चेतावनी है।
हमें जागरूक नागरिक बनकर ऐसे खाद्य अपराधों के खिलाफ आवाज़ उठानी होगी।
त्योहारों में जब हम अपने परिवार के साथ स्वाद का आनंद लेते हैं, तो यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है, कि हमारा भोजन शुद्ध और सुरक्षित हो। क्योंकि एक छोटी लापरवाही, ज़िंदगी भर की कीमत बन सकती है।
डिस्क्लेमर
Food Adulteration यह लेख विश्वसनीय समाचार स्रोतों और फूड विभाग की प्रारंभिक रिपोर्ट पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी का उद्देश्य जनजागरूकता बढ़ाना और स्वास्थ्य सुरक्षा को प्रोत्साहित करना है।
कृपया किसी भी स्वास्थ्य संबंधी निर्णय या संदेह की स्थिति में अपने चिकित्सक या संबंधित अधिकारी से परामर्श करें।
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