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Gorakhpur wife murder case गोरखपुर जेल रोड मर्डर केस: पति ने पत्नी को बीच बाजार उतारा मौत के घाट, 15 साल पुराने रिश्ते का खौफनाक अंत

Gorakhpur wife murder case गोरखपुर जेल रोड मर्डर केस: पति ने पत्नी को बीच बाजार उतारा मौत के घाट, 15 साल पुराने रिश्ते का खौफनाक अंत

Gorakhpur wife murder case  गोरखपुर4 सितंबर 2025 को शाहपुर इलाके में बुधवार की शाम ऐसा मंजर देखने को मिला जिसने पूरे शहर को हिला दिया। भीड़भाड़ वाले जेल रोड पर एक पति ने अपनी पत्नी को पिस्तौल से गोली मार दी। देखते ही देखते बाजार का शोर गोलियों की आवाज़ में दब गया और महिला खून से लथपथ सड़क पर गिर पड़ी।

घटना का सिलसिला Gorakhpur wife murder case

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Gorakhpur wife murder case
सोर्स बाय गूगल इमेज

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शाम करीब 8 बजे ममता चौहान नाम की महिला फोटो खिंचवाने स्टूडियो आई थीं। उसी वक्त उनके पति विश्वकर्मा चौहान बाइक से पहुंचे। हेलमेट पहने आरोपी के पास एक पिस्तौल भी थी। जैसे ही ममता बाहर निकलीं, दोनों के बीच कहासुनी शुरू हुई।

कुछ ही पलों में स्थिति बिगड़ गई और आरोपी ने पत्नी पर गोली चला दी।

पहली गोली ममता के हाथ में लगी।

दूसरी गोली सीधे सीने में धंसी।

गोलियां लगते ही ममता सड़क पर गिर गईं। आसपास मौजूद लोग घबरा गए। बाजार में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।

अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत

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स्थानीय लोग महिला को आनन-फानन में नज़दीकी निजी अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों का कहना है कि गोली करीब 10 फीट की दूरी से सीने में मारी गई, जिससे मौके पर ही भारी रक्तस्राव हुआ और उनकी मौत हो गई।

रिश्तों की खटास बनी जानलेवा Gorakhpur wife murder case

पुलिस जांच में सामने आया कि ममता और विश्वकर्मा की शादी को 15 साल हो चुके थे, लेकिन पिछले डेढ़ साल से दोनों अलग रह रहे थे।

ममता अपनी 13 वर्षीय बेटी के साथ किराए के मकान में रह रही थीं।

वे बैंक रोड स्थित एक निजी कंपनी में काम करती थीं।

पारिवारिक कलह और आपसी विवाद के चलते दोनों के बीच लंबे समय से तनाव था।

पड़ोसियों ने बताया कि झगड़े और धमकियों का सिलसिला लगातार जारी था।

आरोपी की गिरफ्तारी Gorakhpur wife murder case

वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी करीब 25 मिनट तक घटनास्थल पर खड़ा रहा। चश्मदीदों के अनुसार, वह बार-बार यही कह रहा था

 “बहुत परेशान था… अब चैन मिलेगा।”

सूचना पर शाहपुर पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पिस्तौल भी जब्त कर ली गई है।

पुलिस की आधिकारिक प्रतिक्रिया

शाहपुर थाना प्रभारी नीरज राय ने बताया:

 “हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। प्रारंभिक जांच में यह मामला घरेलू विवाद का प्रतीत होता है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं।”

बेटी का भविष्य अनिश्चित Gorakhpur wife murder case

ममता और विश्वकर्मा की 13 साल की बेटी इस हादसे के बाद अनाथ जैसी स्थिति में पहुंच गई है। मां की मौत और पिता की गिरफ्तारी ने उसके जीवन को अंधेरे में धकेल दिया है। फिलहाल पुलिस और महिला कल्याण विभाग उसकी देखभाल की व्यवस्था कर रहे हैं।

समाज और कानून पर उठते सवाल

यह वारदात केवल एक हत्या का मामला नहीं है, बल्कि समाज के सामने कई गंभीर प्रश्न खड़े करती है—

1. घरेलू विवाद का हल क्या हत्या है? Gorakhpur wife murder case

विवाह में आई दरार को सुलझाने के लिए बातचीत और कानूनी रास्ते उपलब्ध हैं, लेकिन हिंसा का सहारा लेना समाज को शर्मसार करता है।

2. हथियारों की उपलब्धता पर सवाल

आरोपी के पास पिस्तौल कहां से आई? क्या शहर में अवैध हथियारों की सप्लाई इतनी आसान है?

3. महिला सुरक्षा का मुद्दा

जब पत्नी अपने ही पति के हाथों सार्वजनिक जगह पर असुरक्षित है, तो महिलाओं की सुरक्षा का सवाल और गंभीर हो जाता है।

गोरखपुर में बढ़ते अपराध और प्रशासन की चुनौती Gorakhpur wife murder case

बीते कुछ महीनों में गोरखपुर में हत्या, लूट और पारिवारिक हिंसा जैसी घटनाओं में इज़ाफा हुआ है। यह घटना प्रशासन के लिए चेतावनी है,कि हथियारों पर नियंत्रण और घरेलू विवादों के समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ।

जनता की आवाज

स्थानीय दुकानदारों और राहगीरों ने इस घटना पर गहरा आक्रोश जताया है।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा Gorakhpur wife murder case

 “हम लोग रोज इसी इलाके में दुकान लगाते हैं। अचानक गोलियों की आवाज सुनकर सब भागने लगे। आज तो लगा जैसे जान सलामत बची तो बहुत है।”

Gorakhpur wife murder case गोरखपुर की जेल रोड पर हुई यह वारदात केवल एक महिला की हत्या नहीं, बल्कि समाज के लिए चेतावनी की घंटी है। पारिवारिक कलह, मानसिक तनाव और अवैध हथियार—ये तीनों मिलकर एक ऐसी त्रासदी को जन्म देते हैं, जिसका खामियाज़ा अगली पीढ़ी तक भुगतती है।

अब देखना यह है,कि कानून इस केस में कितनी तेजी और सख्ती दिखाता है। क्योंकि न्याय केवल ममता के लिए ही नहीं, बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए ज़रूरी है जो आज भी घरेलू हिंसा और असुरक्षा का सामना कर रही हैं।

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