SDM Disha Srivastava Success Story गोरखपुर की बेटी दिशा श्रीवास्तव: मुख्यमंत्री योगी के शहर से निकलीं, बीटेक गोल्ड मेडलिस्ट बनीं SDM
SDM Disha Srivastava Success Story गोरखपुर की बेटी दिशा श्रीवास्तव ने बीटेक में गोल्ड मेडल हासिल करने के बाद बिना कोचिंग यूपी पीसीएस परीक्षा पहले प्रयास में पास कर SDM बनकर इतिहास रच दिया। पढ़ें उनकी प्रेरणादायक सफलता की कहानी।
इंसान की मेहनत और आत्मविश्वास जब मिल जाए, तो किसी भी मंज़िल को पाना मुश्किल नहीं रहता। गोरखपुर की बेटी दिशा श्रीवास्तव ने इसी बात को साबित किया है। बिना कोचिंग, बिना किसी बड़े साधन के, उन्होंने यूपी पीसीएस जैसी कठिन परीक्षा को पहले ही प्रयास में पास किया और एसडीएम बनकर न केवल परिवार, बल्कि पूरे गोरखपुर का नाम रोशन किया।
SDM Disha Srivastava Success Story बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल

दिशा का जन्म और पालन-पोषण गोरखपुर में हुआ। बचपन से ही पढ़ाई के प्रति उनका रुझान गहरा था। स्कूल में हमेशा अच्छे अंक लाती रहीं और कभी पढ़ाई में ढिलाई नहीं की। यही कारण था कि 12वीं तक आते-आते उन्होंने जिले में टॉप किया।
SDM Disha Srivastava Success Story उनका यही आत्मविश्वास आगे की पढ़ाई में भी झलका। उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया और वहाँ भी गोल्ड मेडल अपने नाम किया। यह उनकी काबिलियत और मेहनत का सबूत था।
कोचिंग नहीं, खुद पर भरोसा
आज जहाँ ज़्यादातर युवा बड़ी-बड़ी कोचिंग पर लाखों रुपये खर्च करते हैं, दिशा ने एक अलग रास्ता चुना। उन्होंने तय किया कि वे घर पर रहकर ही आत्म-अध्ययन से तैयारी करेंगी।
उन्होंने तय किया कि ज्यादा किताबों के बोझ में उलझने के बजाय कुछ चुनिंदा और भरोसेमंद किताबों को गहराई से पढ़ा जाए। उनके लिए पढ़ाई का फॉर्मूला था कम पढ़ो लेकिन सही और बार-बार पढ़ो।
SDM Disha Srivastava Success Story पढ़ाई की रणनीति
दिशा ने रोज़ाना का लक्ष्य तय किया और उसी हिसाब से पढ़ाई की।
उन्होंने क्वालिटी पर ज्यादा ध्यान दिया, ना कि केवल घंटों गिनने पर।
सोशल मीडिया और फालतू चीज़ों से दूरी बनाई।
हर विषय को छोटे हिस्सों में बांटकर बार-बार रिविजन किया।
पढ़ाई के साथ-साथ व्यक्तित्व विकास और आत्मविश्वास पर भी ध्यान दिया।
SDM Disha Srivastava Success Story पहला प्रयास, बड़ी सफलता
यूपी पीसीएस परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में मानी जाती है। कई छात्र इसे पास करने के लिए सालों मेहनत करते हैं। लेकिन दिशा ने इसे पहले ही प्रयास में पास कर लिया। उन्होंने परीक्षा में बेहतरीन रैंक हासिल की और आज एसडीएम के रूप में जिम्मेदारी निभा रही हैं।
यह सफलता सिर्फ उनका सपना नहीं था, बल्कि गोरखपुर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर की शान भी है।
SDM Disha Srivastava Success Story दिशा का संदेश युवाओं के लिए
दिशा मानती हैं कि हर किसी को अपने सपनों के लिए खुद पर भरोसा रखना चाहिए। उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि
हार से घबराना नहीं बल्कि उससे सीखना चाहिए।
सोशल मीडिया और दिखावे से दूर रहकर लक्ष्य पर फोकस करो।
छोटी-छोटी उपलब्धियों को भी जीत मानकर आगे बढ़ो।
अगर मेहनत ईमानदारी से की जाए तो सफलता तय है।
गोरखपुर की शान, मुख्यमंत्री योगी का गर्व
दिशा श्रीवास्तव की सफलता ने यह साबित कर दिया कि गोरखपुर की मिट्टी से निकले छात्र-छात्राएं किसी भी स्तर पर देश का नाम रोशन कर सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर की यह बेटी आज हजारों युवाओं के लिए रोल मॉडल बन चुकी है।
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SDM Disha Srivastava Success Story दिशा श्रीवास्तव की कहानी सिर्फ एक छात्रा की सफलता की गाथा नहीं है, बल्कि यह प्रेरणा है,उन सभी युवाओं के लिए जो सोचते हैं कि बिना कोचिंग या बड़े साधनों के सफलता पाना मुश्किल है। उनकी मेहनत और आत्मविश्वास ही उनकी सबसे बड़ी ताकत बनी।
आज वह न सिर्फ अपने परिवार की, बल्कि पूरे गोरखपुर और उत्तर प्रदेश की शान बन चुकी हैं।
यह लेख उपलब्ध सार्वजनिक जानकारियों और प्रेरणादायक तथ्यों पर आधारित है। इसमें किसी संस्था, व्यक्ति या कोचिंग का प्रचार या पक्षपात नहीं किया गया है। पाठकों से अनुरोध है,कि परीक्षा की तैयारी से जुड़ी नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों और पाठ्यक्रम को अवश्य देखें।
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