महाकुंभ के बाद संगम से आई अच्छी खबर
प्रयागराज के संगम क्षेत्र से एक अच्छी खबर सामने आई है, जिसने वैज्ञानिकों को भी चौंका दिया है। महाकुंभ 2025 के समापन के 15 दिन बाद भी यहां विदेशी पक्षियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्ज की गई है। आमतौर पर, रूस, साइबेरिया और पोलैंड जैसे ठंडे देशों से आने वाले ये प्रवासी पक्षी फरवरी के अंत तक लौट जाते हैं, लेकिन इस वर्ष मार्च के मध्य तक संगम क्षेत्र में उनकी मौजूदगी देखी गई है।
गंगा जल की स्वच्छता का प्रमाण
विशेषज्ञों के अनुसार, यह घटना गंगा के जल की शुद्धता का संकेत देती है। पक्षी विज्ञानी प्रो. संदीप मल्होत्रा ने बताया कि लारस रीडिबंडस प्रजाति के ये पक्षी स्वच्छ जल और प्रदूषण मुक्त वातावरण में ही टिकते हैं। उनकी लंबे समय तक उपस्थिति यह दर्शाती है कि महाकुंभ के दौरान गंगा की सफाई और प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए गए प्रयास सफल रहे हैं।
गंगा में डॉल्फिन की संख्या भी बढ़ी
पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, गंगा नदी में डॉल्फिन की संख्या बढ़कर 6,324 हो गई है, जो 2021 में मात्र 3,275 थी। यह भी गंगा जल की गुणवत्ता में सुधार का एक बड़ा संकेत माना जा रहा है।
महाकुंभ के दौरान सफाई अभियान का असर
महाकुंभ 2025 के दौरान सरकार और प्रशासन ने गंगा की सफाई को लेकर विशेष अभियान चलाए थे। नमामि गंगे परियोजना और अन्य योजनाओं के तहत किए गए प्रयासों का असर अब साफ दिखाई दे रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर गंगा की सफाई इसी तरह जारी रही, तो यह न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि जैव विविधता को भी बढ़ावा मिलेगा।
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