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Ravi Kishan Illegal Construction: गोरखपुर में नाले पर बना घर? सीएम योगी की टिप्पणी ने मचाई हलचल

Ravi Kishan Illegal Construction: गोरखपुर में नाले पर बना घर? सीएम योगी की टिप्पणी ने मचाई हलचल

ravi kishan गोरखपुर | जुलाई 2025: भाजपा सांसद और बॉलीवुड एक्टर रवि किशन एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह कोई फिल्म या बयान नहीं, बल्कि गोरखपुर में बने उनके कथित ‘नाले के ऊपर बने घर’ को लेकर उठे विवाद हैं। सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ चैनलों तक एक ही चर्चा – “क्या सांसद रवि किशन ने नगर निकाय के नियमों को ताक पर रखकर नाले पर निर्माण कराया है?”

क्या है मामला?

ravi kishan स्थानीय नागरिकों और विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि गोरखपुर के राजेंद्र नगर क्षेत्र में रवि किशन ने एक सरकारी नाले पर कब्जा कर घर बना लिया है। दावा है कि यह निर्माण बिना किसी वैध अनुमति के किया गया और यह सीधे-सीधे Nagar Nigam Act और Encroachment Rules का उल्लंघन है।

ravi kishan
सोर्स बाय गूगल

वीडियो वायरल और जनता का आक्रोश

ravi kishanसोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि जिस जगह घर खड़ा है, वहाँ नीचे से नाला गुजरता है। वीडियो में एक स्थानीय व्यक्ति कहते हुए सुना जा रहा है –

“अगर आम आदमी यही करता, तो बुलडोजर चल गया होता। क्या सांसद होने का मतलब कानून से ऊपर होना है?”

CM योगी का बयान: “मशीन सब पकड़ लेती है”

जब यह मुद्दा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुँचा, तो उन्होंने एक तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा:

“कोई भी हो, मशीन सब पकड़ लेती है। कानून सभी के लिए समान है। अगर कहीं गड़बड़ी है, तो कार्रवाई होगी।”

यह बयान साफ संकेत देता है कि मामला अब सिर्फ प्रशासनिक नहीं, राजनीतिक रूप से भी गंभीर हो गया है।

Ravi Kishan Illegal Construction: प्रशासन की कार्रवाई के घेरे में आया गोरखपुर के सांसद रवि किशन का घर क्या कार्रवाई होगी

गोरखपुर नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि –

 “हमें शिकायत मिली है। टीम को मौके पर भेजा गया है। यदि नियमों का उल्लंघन पाया गया तो निर्माण ध्वस्त किया जा सकता है।”

हो सकता है प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और किसी प्रकार का कोई बयान भी नहीं है इसका मतलब यह नहीं है।

Ravi Kishan कानून से बड़े कानून नहीं है। प्रशासन अपने तरीके से कार्रवाई जरूर करेगा

विपक्ष का हमला: “डबल इंजन सरकार में डबल स्टैंडर्ड”

समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा:

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“यह वही यूपी है जहां गरीब की झोपड़ी पर बुलडोजर चलता है, लेकिन सांसद के बंगले पर कार्रवाई से पहले जांच कमेटी बैठती है।”

कांग्रेस ने भी तंज कसते हुए कहा

“क्योंकि रवि किशन बीजेपी में हैं, इसलिए उन्हें विशेष छूट मिली हुई है।”

नकारात्मक छवि और पार्टी की मुश्किलें

इस विवाद ने बीजेपी को असहज कर दिया है, खासकर उस वक्त जब पार्टी ‘भ्रष्टाचार मुक्त शासन’ का दावा कर रही है। Ravi Kishan Illegal Construction विवाद ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पार्टी अपने ही नेताओं पर सख्ती से कार्रवाई कर सकेगी?

रवि किशन की सफाई: “मैंने कुछ गलत नहीं किया”

रवि किशन ने मीडिया को दिए बयान में कहा:

“यह जमीन मेरे नाम पर है। निर्माण वैध है और मैंने सभी टैक्स जमा किए हैं। मेरे खिलाफ साजिश की जा रही है।”

उनकी यह सफाई जहां कुछ लोगों को संतुष्ट कर सकती है, वहीं सबूत और भू-स्वामित्व के रिकॉर्ड जांच के बाद ही स्पष्टता लाएंगे।

जनता की प्रतिक्रिया: मिली-जुली राय

कुछ लोग रवि किशन के समर्थन में खड़े हैं और उन्हें “गोरखपुर का बेटा” कहकर बचाव कर रहे हैं, जबकि कई लोग सीधा सवाल उठा रहे हैं

“क्या कानून सिर्फ आम लोगों के लिए है?”

एक्सपर्ट व्यू: क्या वाकई नाले पर बना है मकान?

नगर नियोजन विशेषज्ञ अजय गुप्ता का कहना है:

“यदि नाले पर कोई पक्का निर्माण होता है, तो वह पूरी तरह अवैध माना जाएगा, चाहे वह किसी भी रैंक का व्यक्ति हो।”

उन्होंने आगे जोड़ा कि Focus Keyword: Ravi Kishan Illegal Construction मामले में प्रशासन को पूरी पारदर्शिता के साथ काम करना चाहिए।

सोशल मीडिया पर बवाल

ट्विटर और इंस्टाग्राम पर #RaviKishanIllegalConstruction ट्रेंड कर रहा है। कई यूज़र्स ने व्यंग्य करते हुए लिखा –

“अब नालों पर घर बनने लगे हैं, और हम मिडिल क्लास EMI भर रहे हैं।”

आगे क्या?

इस पूरे मामले में अब जनता, विपक्ष और सरकार की नजरें नगर निगम और योगी सरकार पर हैं। क्या कार्रवाई होती है? क्या वाकई नाले पर मकान बना है? क्या कानून सब पर बराबर लागू होगा?

इसका जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा, लेकिन एक बात तय है —

अब ‘Ravi Kishan Illegal Construction’ अपने ही संसद पर कार्रवाई करना क्या यह संभव है अगर आम जनता कानून के दायरे में आती है उसे संसद भी आते हैं इनके ऊपर भी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए चाहे वह सत्ता पक्ष हो या विपक्ष के

न्याय की आंखों पर पट्टी होती है, इसलिए वहाँ न कोई चेहरा बड़ा होता है और न ही कोई नाम—सिर्फ सच बोला और सुना जाता है। ऐसे में अगर Ravi Kishan जैसे लोकप्रिय नेता नियमों को ताक पर रखते हैं, तो उनके लिए भी वही सख्त कानून होना चाहिए जो आम जनता के लिए होता है।”

 

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