होलकर राजवंश/साम्राज्य के संस्थापक मल्हार राव होलकर की जयंती की शुभकामनायें
अपने वैभव के लिए विश्वभर में चर्चित इंदौर के होलकर साम्राज्य के संस्थापक मल्हार राव होलकर एक सामान्य चरवाहे परिवार में पिता खंडूजी होलकर के यहां महाराष्ट्र के होल गांव में जन्मे थे।
14 साल की उम्र में मल्हारराव मराठा सेना में भर्ती हो गए थे। अपनी बहादुरी से उन्होंने सेना में एक खास जगह बना ली। बाजीराव पेशवा उनकी बहादुरी के कायल थे। पेशवा ने 5 हजार सैनिकों का नायक बनाकर उन्हें मालवा का सूबेदार नियुक्त किया था। उन्हें 11 महलों की जागीर भी सौंपी गई थी।
1730 में बाजीराव पेशवा ने एक विशाल सेना के साथ दिल्ली पर धावा बोला तब अपनी सेना को दो टुकड़ियों में बांटकर एक की कमान मल्हारराव को सौंपी थी। मराठा सैनिकों से डरकर तत्कालीन मुगल शासक लाल किले में जाकर छिप गया था। बाद में मुगल शासक ने मल्हाराव को महाराजधिराज राजश्वेर बहादुर की उपाधि से नवाजा था।
1734 में मल्हारराव ने इंदौर में एक शिविर की स्थापना की थी। बाद में उन्होंने इंदौर सहित मालवा का राज-काज संभालकर होलकर राजवंश की स्थापना की।
उनके देहांत के बाद उनकी पुत्रवधु अहिल्याबाई होलकर ने राजगद्दी संभाली थी। अपने महान प्रताप और कूटनीति के चलते अहिल्याबाई का नाम भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है।
+ There are no comments
Add yours