देवरिया की छात्रा के साथ लखनऊ में दरिंदगी, घर में घुसकर पिटाई और छेड़छाड़। अब तक FIR दर्ज नहीं हुई। क्या राजधानी में Women Safety खत्म हो चुकी है? पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
मानवता को झकझोर देने वाली घटना
लखनऊ में घटी यह घटना पूरे प्रदेश की Women Safety पर सवाल खड़ा कर रही है। देवरिया की एक छात्रा, जो लखनऊ में पढ़ाई कर रही थी, के घर कुछ cowards घुस आए और उसके साथ molestation की शर्मनाक हरकत की।
सबसे दुखद बात यह है,कि अब तक उसकी FIR तक दर्ज नहीं की गई। लोग पूछ रहे हैं, “जब राजधानी में बेटियाँ सुरक्षित नहीं, तो बाकी प्रदेश में Women Safety की क्या स्थिति होगी?”
योगी सरकार के वे बयान अब सवालों के घेरे में हैं, जहाँ मुख्यमंत्री कहते हैं, कि “बेटियों पर अत्याचार करने वालों को अगले मोड़ पर Yamraj मिलेगा।” लेकिन सवाल उठता है, क्या वाकई उत्तर प्रदेश में Women Safety नाम की कोई चीज़ बची है?
राजधानी में कानून का डर क्यों गायब है

यह घटना यह बताने के लिए काफी है,कि लखनऊ जैसे शहर में भी Women Safety खतरे में है। राजधानी, जहाँ मुख्यमंत्री कार्यालय है, वहीं एक बेटी अपनी सुरक्षा और न्याय के लिए दर दर भटक रही है। यह केवल एक पीड़िता का मामला नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में Women Safety के सिस्टम की पोल खोलता है।
अगर राजधानी में बेटियाँ असुरक्षित हैं, तो छोटे शहरों और गाँवों की क्या स्थिति होगी? पुलिस की चुप्पी यह दिखाती है कि Women Safety को लेकर प्रशासन में गंभीरता की कमी है।
योगी सरकार के दावे और जमीनी हकीकत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बार बार कहते हैं,कि “बेटियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।”लेकिन जब लखनऊ में ऐसी घटना होती है, और FIR तक दर्ज नहीं होती, तो यह बताता है,कि Women Safety के वादे सिर्फ कागजों में रह गए हैं।
सरकार को चाहिए कि तुरंत सख्त कार्रवाई करे ताकि जनता को भरोसा मिले कि Women Safety कोई नारा नहीं, बल्कि ज़मीनी सच्चाई है।
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सोशल मीडिया पर गुस्सा और जनता की प्रतिक्रिया
घटना सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर गुस्सा साफ दिखा।
लोग @CMOfficeUP, @dgpup, और @UPTakOfficial को टैग कर रहे हैं और सवाल पूछ रहे हैं, “कहाँ है वो Women Safety, जिसके बड़े-बड़े दावे किए गए थे?”
Twitter (अब X) पर #JusticeForDaughter और #LucknowCrime जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
जनता का कहना है, कि अगर अपराधियों को सजा नहीं मिली, तो Women Safety पर लोगों का भरोसा हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा।
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समाज को सोचना होगा कब तक डर में जिएंगी बेटियाँ?
यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है,कि क्या हम सच में सुरक्षित समाज की ओर बढ़ रहे हैं? हर घर में एक बेटी है, एक बहन है, और उनकी Women Safety हम सबकी जिम्मेदारी है।
सरकार और समाज, दोनों को मिलकर ऐसा माहौल बनाना होगा जहाँ कोई लड़की घर में, सड़क पर या स्कूल में असुरक्षित महसूस न करे। अगर आज हमने आवाज़ नहीं उठाई, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए Women Safety एक सपना बनकर रह जाएगी।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जनहित और सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें बताई गई जानकारी सोशल मीडिया और सार्वजनिक रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी व्यक्ति या संस्था की छवि को ठेस पहुँचाना इसका उद्देश्य नहीं है, हम प्रशासन से अपील करते हैं, कि इस मामले की गहन जाँच कर पीड़िता को न्याय दिलाया जाए और के दावों को हकीकत में बदला जाए।

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