Dubai Extradition Case: दुबई में छिपे कफ सिरप तस्करी के मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल का बड़ा खुलासा, भारत लाने की प्रक्रिया शुरू
Dubai Extradition Case में तेजी, कफ सिरप तस्करी के मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल को प्रत्यर्पण पर भारत लाया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क, फर्जी ई-बिल और कई राज्यों की फर्में जांच के घेरे में।
Dubai Extradition Case: दुबई में छिपे कफ सिरप तस्करी के मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल का बड़ा खुलासा, भारत लाने की प्रक्रिया शुरू

कफ सिरप तस्करी से जुड़े चर्चित Dubai Extradition Case में बड़ा अपडेट सामने आया है। लंबे समय से दुबई में छिपा मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल अब भारत लाए जाने की प्रक्रिया में है। अधिकारियों ने पुष्टि की है, कि Dubai Extradition Case को लेकर सभी कानूनी कदम तेजी से पूरे किए जा रहे हैं। भारत की एजेंसियों को उम्मीद है,कि प्रत्यर्पण पूरा होने के बाद इस अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े कई और राज सामने आएँगे।
यह पूरा मामला तब उजागर हुआ जब लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में फेंसेडिल सिरप की भारी मात्रा पकड़ी गई। इसके बाद जांच आगे बढ़ी और Dubai Extradition Case में विभोर राणा, विशाल, अमित टाटा और बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह की गिरफ्तारी के बाद यह साफ हुआ कि इस पूरे रैकेट का संचालन विदेश से हो रहा था। इसी दौरान शुभम जायसवाल का नाम सामने आया, जो अब दुबई एक्सटॉर्शन केस का सबसे बड़ा चेहरा माना जा रहा है।
Dubai Extradition Case में सामने आए तथ्यों के अनुसार शुभम जायसवाल नेपाल, बांग्लादेश और कई भारतीय राज्यों में कोडीनयुक्त कफ सिरप की सप्लाई कर रहा था। यह सप्लाई फर्जी ई-बिल और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर की जाती थी। जांच एजेंसियों की मानें तो दुबई एक्सटॉर्शन केस केवल एक तस्करी केस नहीं बल्कि एक विस्तृत अंतरराष्ट्रीय माफिया नेटवर्क का खुलासा है।
डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि Dubai Extradition Case में दुबई प्रशासन पूरा सहयोग कर रहा है,और जल्द ही शुभम की वापसी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत लौटते ही शुभम से पूछताछ कर इस नेटवर्क के और कई अहम लिंक सामने लाए जाएँगे।
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एफएसडीए आयुक्त रोशन जैकब ने भी Dubai Extradition Case को गंभीर करार देते हुए बताया कि शैली ट्रेडर्स नाम की फर्म ने सबसे अधिक कोडीनयुक्त कफ सिरप की सप्लाई की थी। जांच में यह सामने आया कि कई राज्यों की फर्मों ने फर्जी बिल का उपयोग कर बड़े पैमाने पर इस सिरप की खरीद-बिक्री दिखाई और वास्तविक सप्लाई नेपाल व बांग्लादेश तक की गई।
दवा निरीक्षकों ने दुबई एक्सटॉर्शन केस से जुड़े सभी दस्तावेज, फर्जी बिल, ट्रांसपोर्ट रिकॉर्ड और मोबाइल चैट्स को अपने कब्जे में लिया है। कई कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। सरकार का कहना है,कि Dubai Extradition Case से जुड़े हर व्यक्ति को सख्त कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
दुबई एक्सटॉर्शन केस को लेकर अब केंद्र और राज्य की एजेंसियाँ मिलकर काम कर रही हैं। अधिकारियों का मानना है, कि शुभम जायसवाल के भारत आते ही केस की दिशा पूरी तरह बदल जाएगी और इस पूरे नेटवर्क के गहरे कनेक्शन सामने आएँगे। विशेषज्ञों का कहना है,कि Dubai Extradition Case भविष्य में दवा तस्करी पर रोक लगाने के लिए एक बड़ा उदाहरण बनेगा।
भारत तेजी से एक्स्ट्राडिशन प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है,और उम्मीद है,कि आने वाले दिनों में दुबई एक्सटॉर्शन केस में और भी अहम गिरफ्तारियाँ होंगी। यह मामला दिखाता है, कि कैसे फर्जी ई-बिल और कागज़ों के खेल के जरिए करोड़ों का अवैध कारोबार छिपाया गया था।
Disclaimer यह लेख दुबई एक्सटॉर्शन केस से जुड़ी उपलब्ध जानकारियों, आधिकारिक स्रोतों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी आरोपी को अदालत में दोष सिद्ध होने तक निर्दोष माना जाता है। यह कंटेंट केवल सूचना के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है।
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