यूपी में कफ सिरप माफिया पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई: 98 FIR, वाराणसी बना हॉटस्पॉट UP Cough Syrup Case से पूरे प्रदेश में हड़कंप
UP Cough Syrup Case में FSDA की statewide छापेमारी, 98 FIR दर्ज, वाराणसी में सबसे ज्यादा केस। जानें पूरी कार्रवाई, जिलों की सूची और सरकार की सख्त चेतावनी।
उत्तर प्रदेश में कोडीनयुक्त कफ सिरप और NRx श्रेणी की दवाओं के अवैध व्यापार ने जो खतरा खड़ा किया था, उसे रोकने के लिए सरकार ने अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई की है। UP Cough Syrup Case न सिर्फ पुलिस और FSDA के लिए चुनौती था, बल्कि समाज के लिए एक बड़ा खतरा भी। यही कारण है, कि सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पूरे प्रदेश में जबरदस्त छापेमारी अभियान चलाया गया। यह अभियान ऐसे समय में शुरू हुआ, जब नशीली दवाओं का गलत इस्तेमाल युवाओं को जकड़ रहा था। प्रशासन ने इसे सिर्फ कानून का मामला नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी मानकर बड़े स्तर पर ऑपरेशन चलाया। इस पूरे अभियान का केंद्र UP Cough Syrup Case रहा, जिसमें कई जिलों से चौंकाने वाले खुलासे हुए।

राज्यव्यापी कार्रवाई में यह सामने आया कि कोडीनयुक्त कफ सिरप को मेडिकल उपयोग की आड़ में नशे के रूप में बड़ी मात्रा में बेचा जा रहा था। FSDA की टीमों ने पाया कि बिना प्रिस्क्रिप्शन, बिना बिल और बिना दस्तावेज के NRx दवाओं का अवैध भंडारण और सप्लाई की जा रही थी। यह नेटवर्क इतना बड़ा था कि शुरुआत में ही समझ आ गया कि UP Cough Syrup Case सिर्फ एक जिला या कुछ दुकानों का मुद्दा नहीं है, बल्कि पूरा राज्य इससे प्रभावित है। इसी आधार पर व्यापक जांच शुरू की गई और हर उस प्रतिष्ठान को निशाने पर लिया गया, जहाँ अनियमितताएं मिलीं।
छापेमारी के बाद FSDA ने प्रदेशभर में 98 फर्मों और संचालकों के खिलाफ FIR दर्ज की है। हैरानी की बात यह है कि इनमें सबसे ज्यादा 28 FIR वाराणसी में दर्ज हुईं, जो इस बात का संकेत है, कि जिले में कफ सिरप की अवैध सप्लाई सबसे ज्यादा सक्रिय थी। इसके अलावा जौनपुर में 16, कानपुर नगर में 8, लखीमपुर खीरी में 4 और लखनऊ में 3 केस सामने आए। शेष 39 FIR अन्य जिलों रायबरेली, चंदौली, सुल्तानपुर, भदोही, गाजीपुर में दर्ज की गईं। यह आंकड़े बताते हैं कि UP Cough Syrup Case कितना बड़ा और फैला हुआ नेटवर्क था।
FSDA और ड्रग कंट्रोल विभाग ने 28–29 नवंबर के दौरान 6 जिलों में विशेष छापेमारी अभियान चलाया। इसमें 11 मेडिकल प्रतिष्ठान सीधे तौर पर अवैध सप्लाई चेन का हिस्सा पाए गए। इन प्रतिष्ठानों पर NDPS Act और BNS 2023 के तहत मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें शामिल हैं,जौनपुर के वान्या एंटरप्राइज, आकाश मेडिकल, मनीष मेडिकल, शिवम मेडिकल; भदोही के राजेन्द्र एंड संस, दिलीप मेडिकल; सोनभद्र के मां कृपया मेडिकल, शिविष्क फार्मा; लखीमपुर खीरी का पीयूष मेडिकल एजेंसी; प्रयागराज का एम के हेल्थकेयर और बहराइच का अवैध मेडिकल स्टोर। इन प्रतिष्ठानों पर आरोप है,कि वे दवाओं को वैध रिकॉर्ड के बिना बड़े पैमाने पर डायवर्ट करते थे। यह मामला UP Cough Syrup Case को और गंभीर बनाता है, क्योंकि इस नेटवर्क में छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े सप्लायर तक शामिल थे।
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सरकार ने इस कार्रवाई के बाद सभी जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि दवाओं की खरीद बिक्री पर 24 घंटे मॉनिटरिंग की जाए। किसी भी मेडिकल स्टोर या एजेंसी को NRx श्रेणी की दवा बिना वैध प्रिस्क्रिप्शन बेचने की इजाजत नहीं है। प्रशासन की कोशिश अब केवल FIR दर्ज करने तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे सप्लाई नेटवर्क को खत्म करना है। यही कारण है कि UP Cough Syrup Case को Priority High-Risk Category में डालकर लगातार सर्विलांस जारी है।
कोडीनयुक्त कफ सिरप के दुरुपयोग को लेकर विशेषज्ञ पहले ही चेतावनी दे चुके हैं। कोडीन एक ओपिऑइड है, जिसका मेडिकल उपयोग सीमित होता है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा सीधे नशे में बदल जाती है। यही वजह है, कि इसे NRx श्रेणी में रखा गया है,और सख्त नियंत्रण जरूरी है। लेकिन UP Cough Syrup Case ने दिखाया कि जब निगरानी कमजोर पड़ती है, तो यह दवा युवाओं के लिए सबसे खतरनाक नशा बन जाती है। इस कार्रवाई से हजारों लोगों को नशे के जाल में फंसने से रोका जा सकता है।
UP सरकार की इस ऐतिहासिक कार्रवाई के बाद साफ संदेश मिल गया है,कि प्रदेश में अवैध दवा कारोबार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। FSDA की यह कार्रवाई आने वाले समय में अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल बन सकती है। UP Cough Syrup Case ने प्रशासन को सचेत किया है कि दवाओं की निगरानी अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होनी चाहिए।
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