वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को संसद में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया। इस बजट के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
1. आयकर में राहत:
- नई कर व्यवस्था के तहत, वार्षिक आय ₹12 लाख तक होने पर कोई आयकर नहीं लगेगा।
2. कृषि क्षेत्र:
- ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ की शुरुआत की जाएगी, जो 100 कम फसल उत्पादकता वाले जिलों में लागू होगी, जिससे 1.7 करोड़ किसानों की फसल उत्पादकता बढ़ाने, सिंचाई सुविधाओं में सुधार और ऋण व्यवस्था को सुदृढ़ करने में सहायता मिलेगी।
3. बीमा क्षेत्र:
- बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% की गई है, जिससे इस क्षेत्र में अधिक निवेश आकर्षित होगा।
4. विनिर्माण क्षेत्र:
- ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना की जाएगी, जिसमें लघु, मध्यम और बड़े उद्योग शामिल होंगे।
5. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME):
- MSME के लिए निवेश और कारोबार की सीमाओं को क्रमशः 2.5 और 2 गुना तक बढ़ाया जाएगा, जिससे इन उद्यमों को सशक्त बनाया जा सके।
6. शहरी विकास:
- ‘विकास केंद्रों के रूप में शहर’ पहल के तहत ₹1 लाख करोड़ की ‘शहरी चुनौती निधि’ की स्थापना की जाएगी, जिससे शहरी क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिलेगा।
7. शिक्षा क्षेत्र:
- सरकारी स्कूलों में अगले पांच वर्षों में 50,000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएँ स्थापित की जाएंगी, जिससे छात्रों में नवाचार और कौशल विकास को प्रोत्साहित किया जा सके।
8. स्वास्थ्य और पोषण:
- ‘सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0’ कार्यक्रम के तहत देश में पोषण सहायता को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार होगा।
9. पर्यटन क्षेत्र:
- पर्यटन को रोजगारपरक विकास के रूप में स्थापित किया गया है, जिससे इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
10. जल जीवन मिशन:
- जल जीवन मिशन का बजटीय परिव्यय बढ़ाकर ₹67,000 करोड़ किया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
11. आर्थिक संकेतक:
- वित्त वर्ष 2025 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.4% और सामान्य जीडीपी वृद्धि दर 9.7% रहने का अनुमान है।
12. राजकोषीय घाटा:
- वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4% लक्षित किया गया है, जो पिछले वर्ष के 4.8% से कम है।
यह बजट समावेशी विकास, निवेश को प्रोत्साहन, और आर्थिक सुधारों पर केंद्रित है, जिससे भारत की आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी।
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