Abbas Ansari MLA membership restored मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधायकी बहाल, हाईकोर्ट के आदेश के बाद विधानसभा सचिवालय ने जारी की अधिसूचना
Abbas Ansari MLA membership restored मऊ विधायक अब्बास अंसारी की विधायकी बहाल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हेट स्पीच मामले में सजा रद्द की। विधानसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर फिर से विधायक मान्यता दी। जानिए पूरा मामला।
लखनऊ/मऊ। मऊ से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक और दिवंगत बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद उनकी विधायकी एक बार फिर बहाल कर दी गई है। उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने सोमवार (8 सितंबर 2025) को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर अब्बास अंसारी को फिर से मऊ का विधायक मान लिया है।
सजा के चलते खत्म हुई थी सदस्यता

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Abbas Ansari MLA membership restored मई 2025 में मऊ के एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने अब्बास अंसारी को भड़काऊ भाषण (हेट स्पीच) मामले में दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद 1 जून 2025 को विधानसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता समाप्त कर दी थी। संविधान के प्रावधानों के अनुसार, यदि किसी विधायक या सांसद को दो साल या उससे अधिक की सजा मिलती है,तो उसकी सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है।
इस फैसले से अब्बास अंसारी की विधायकी पर संकट मंडराने लगा था और मऊ विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया था।
Abbas Ansari MLA membership restored हाईकोर्ट से मिली राहत
अब्बास अंसारी ने निचली अदालत के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट की 21 अगस्त 2025 की सुनवाई में निचली अदालत का निर्णय रद्द कर दिया गया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सजा और दोषसिद्धि उचित नहीं है, इसलिए इसे रद्द किया जाता है।
हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब्बास अंसारी की सदस्यता बहाली का रास्ता साफ हो गया।
Abbas Ansari MLA membership restored विधानसभा सचिवालय की अधिसूचना
हाईकोर्ट के आदेश के बाद विधानसभा सचिवालय ने 8 सितंबर 2025 को औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी। इस अधिसूचना में साफ कहा गया कि अब्बास अंसारी को फिर से मऊ का विधायक माना जाएगा और उनकी सदस्यता बहाल की जाती है।
इस आदेश के साथ ही विधानसभा पोर्टल और रिकॉर्ड में भी अब्बास अंसारी का नाम विधायक के तौर पर दर्ज कर दिया गया है।
Abbas Ansari MLA membership restored राजनीतिक महत्व
अब्बास अंसारी की बहाली का असर पूर्वांचल की राजनीति पर साफ तौर पर देखने को मिलेगा।
सुभासपा को अपने कद्दावर नेता की वापसी से बल मिलेगा।
मऊ में अंसारी परिवार का राजनीतिक प्रभाव फिर से मजबूत होगा।
विपक्षी दल इस फैसले को लेकर सरकार पर सवाल उठा सकते हैं, कि सत्ता विरोधी नेताओं को टारगेट कर कार्रवाई की जाती है।
वहीं, समर्थकों के बीच यह फैसला एक बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है। मऊ और आसपास के इलाकों में अब्बास अंसारी के समर्थकों ने जश्न भी मनाया।
Abbas Ansari MLA membership restored क्या है पूरा विवाद?
2019 में अब्बास अंसारी पर एक चुनावी सभा के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था। उन पर यह आरोप था कि उन्होंने समाज में तनाव पैदा करने वाले बयान दिए। इसी मामले में 2025 में निचली अदालत ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी।
हालांकि, हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में पर्याप्त सबूत नहीं थे और सजा न्यायोचित नहीं है। इसलिए उन्हें राहत दी गई।
Abbas Ansari MLA membership restored आगे की राह
कानूनी प्रक्रिया अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है, क्योंकि राज्य सरकार या अन्य पक्ष हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। लेकिन फिलहाल अब्बास अंसारी विधायक पद पर बने रहेंगे और विधानसभा में उनकी भूमिका पहले की तरह जारी रहेगी।
निष्कर्ष
Abbas Ansari MLA membership restored अब्बास अंसारी की विधायकी बहाली न केवल उनके लिए बल्कि सुभासपा और अंसारी परिवार के लिए भी राजनीतिक रूप से बड़ी राहत है। हाईकोर्ट के आदेश और विधानसभा सचिवालय की अधिसूचना ने उन्हें फिर से सक्रिय राजनीति में ला दिया है। आने वाले दिनों में इस फैसले का असर उत्तर प्रदेश की सियासत और विशेषकर पूर्वांचल की राजनीतिक समीकरणों पर जरूर पड़ेगा।
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