Shri Ram Temple Ceremony आज अयोध्या में एक ऐतिहासिक और भावपूर्ण क्षण देखने को मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा झंडा फहराया। यह झंडा सिर्फ मंदिर का प्रतीक नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक एकता और राष्ट्रीय गौरव का भी प्रतीक है। इस अवसर ने देश के हर नागरिक के हृदय में गर्व और श्रद्धा का भाव भर दिया।
Shri Ram Temple Ceremony ध्वजारोहण का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व
प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर के शिखर पर 10 फीट ऊँचा और 20 फीट लंबा त्रिकोणीय झंडा फहराया। झंडे पर तेज़ दमक वाला सूर्य भगवान राम की वीरता और ज्ञान का प्रतीक है। इसके अलावा ‘ॐ’ और कोविडार वृक्ष अंकित हैं, जो हमारे धर्म और संस्कृति की पहचान हैं।
यह अनुष्ठान अभिजित मुहूर्त में संपन्न हुआ, जो हिंदू पंचांग के अनुसार शुभ माना जाता है। मंदिर का यह ध्वजारोहण सिर्फ भौतिक निर्माण का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह हमारे देश के नैतिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों का उत्सव है।
राष्ट्रीय एकता और विकसित भारत का संदेश
भगवा झंडा सिर्फ धार्मिक प्रतीक नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय एकता और न्याय की भावना को भी दर्शाता है। प्रधानमंत्री के इस ध्वजारोहण ने यह संदेश दिया कि विकास और संस्कृति एक साथ चल सकते हैं।
श्री राम के आदर्श — मर्यादा, नीति और न्याय — आज भी हमारे शासन और समाज के लिए मार्गदर्शन करते हैं। इस झंडे के माध्यम से हम प्रार्थना करते हैं कि भारत समृद्धि, नीति और अच्छे शासन की दिशा में हमेशा अग्रसर रहे।
सुरक्षा और आयोजन की तैयारी
इस कार्यक्रम के लिए अयोध्या में लगभग 7,000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया। इसके अलावा, ड्रोन निगरानी, सीसीटीवी और तकनीकी टीमों की मदद से पूरी व्यवस्था को सुरक्षित बनाया गया।
शहर और मंदिर परिसर में ट्रैफिक नियंत्रण, पैदल मार्ग और पार्किंग व्यवस्थाओं का खास ध्यान रखा गया। यह सुनिश्चित किया गया कि श्रद्धालु आराम से दर्शन कर सकें और समारोह सुचारू रूप से संपन्न हो।
To witness the Dharma Dhwajarohan Utsav at Shri Ram Janmabhoomi Mandir is a moment crores of people in India and the world have waited for. History has been made in Ayodhya and this inspires us even more to walk the path shown by Prabhu Shri Ram. pic.twitter.com/3K9j6CQS68
— Narendra Modi (@narendramodi) November 25, 2025
पीएम मोदी का मंदिर दर्शन और संबोधन
प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले सप्तमंदिर, शेषावतार मंदिर और माता अन्नपूर्णा मंदिर में दर्शन किए। इसके बाद वे राम लला गर्भगृह में पहुंचे और वहां पूजा अर्चना की।
ध्वजारोहण के बाद उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित किया। उनके शब्दों में देश की एकता, संस्कृति और विकास के महत्व को बखूबी महसूस किया जा सकता था।
इस समारोह का हिस्सा बनना मेरे लिए बेहद भावपूर्ण अनुभव रहा। यह झंडा केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रीय ऊर्जा का प्रतीक है।
मैं प्रभु श्री राम से प्रार्थना करता हूँ कि यह झंडा नीति और न्याय का प्रतीक बने, विकास और समृद्धि का मार्ग दिखाए और सदैव ऊँचा रहे।
भविष्य की दिशा और पर्यटन संभावनाएँ
राम मंदिर का ध्वजारोहण अयोध्या को एक वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करता है। यह न केवल श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार को भी बढ़ावा देगा।
मंदिर परिसर की वास्तुकला और आध्यात्मिक अनुभव, आधुनिक सुविधाओं के साथ, इसे आने वाले वर्षों में और अधिक प्रमुख बनाएंगे।











