क्या इस बार सावन के दौरान कावड़ मार्ग पर शराब की दुकाने खुली रहेगी या बंद आबकारी मंत्री ने तोड़ी चुप्पी, दिया साफ़ जवाब
Sawan Kanwar Yatra liquor (sharab) shops Closed सावन का महीना आस्था की परम बड़ी लहर और शराब पर उठते सवाल
सावन का निर्मल वह पवित्र महीना शुरू होते ही भारत के भिन्न राज्यों मे राज्य के विभिन्न हिस्सों में शिव भक्तों का उत्साह चरम पर होता है खासकर उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड और उत्तराखंड मैं कावड़ यात्रा एक आस्था का समंदर बन जाता है लाखों कावड़ यात्री अपने शहर या गांव से जल लेकर के नंगे पांव शिवलिंग पर चढ़ाने निकल पड़ते हैं
Sawan Kanwar Yatra Liquor Shops Closed कावड़ मार्ग पर क्या शराब की दुकान खुली रहेगी या बंद
अब इस सवाल पर सरकार की तरफ से बड़ी प्रतिक्रिया आई है। उत्तर प्रदेश के आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने इस मुद्दे पर स्पष्ट और दो टूक जवाब दिया है।
आबकारी मंत्री का बड़ा बयान श्रद्धालुओं की भावना का सम्मान सर्वोपर
एक प्रेस वार्ता के दौरान मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा “कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और आस्था की गहराई से जुड़ी हुई है। ऐसे में सरकार का कर्तव्य बनता है कि वह श्रद्धालुओं की भावनाओं का पूरा सम्मान करे। इसी कारणवश सावन के दौरान प्रमुख कांवड़ मार्गों पर शराब की दुकानें पूरी तरह बंद रखी जाएंगी।”
उन्होंने स्पष्ट रूप से यह भी कहा कि यह आदेश सिर्फ कावड़ रूट पर ही लागू होगा ना कि पूरे प्रदेश में शराब की दुकाने सिर्फ कावड़ रोड रूट बंद होगी।
2025 में सावन के दौरान, प्रमुख कांवड़ यात्रा मार्गों पर शराब की दुकानें पूरी तरह बंद रहेंगी, जैसा कि मंत्री नितिन अग्रवाल ने घोषणा की, ताकि श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान हो।
किन मार्गों पर लागू होगा यह प्रतिबंध?
सरकार ने पहले ही कावड़ रूट का रोड मैप तैयार कर लिया है इसके तहत जिन रास्तों से कांवरिया जाएंगे वहां के 5 किलोमीटर दायरे में स्थित सभी देशी और विदेशी शराब की दुकानें, बीयर शॉप्स, बार और ठेके पूरी तरह बंद रहेंगे।
प्रमुख कौन-कौन से जिले शामिल हैं
हरिद्वार से मुजफ्फरनगर, मेरठ होते हुए दिल्ली तक का मार्ग
गाज़ियाबाद, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर, नोएडा, अलीगढ़ और मथुरा मार्ग
काशी में गंगाघाटों से बाबा विश्वनाथ मंदिर तक के सभी रास्ते
इन इलाकों में दुकानदारों को पहले ही नोटिस जारी कर दिए गए हैं। आदेश का उल्लंघन करने पर लाइसेंस रद्द करने और ₹50,000 से ₹2 लाख तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान रखा गया है।
Sawan Kanwar Yatra Liquor (sharab) Shops Closed क्या दुकान मालिकों को मिलेगा मुआवज़ा?
इस सवाल पर भी मंत्री ने जवाब दिया: “उत्तर प्रदेश सरकार के पास इस समय कोई मुआवजा देने की योजना नहीं है लेकिन जिस क्षेत्र और जिन इलाकों में दुकान बंद की जा रही हैं अगले महीने वहां के व्यवसाईयों को टैक्स में कुछ राहत दी जाएगी”
हालांकि इस पर कोई औपचारिक अधिसूचना अभी तक जारी नहीं की गई है।
शिवभक्तों और स्थानीय जनता ने फैसले का किया स्वागत
रामपुर से आए कांवड़िये धर्मपाल सिंह कहते हैं,
“हम हर साल हरिद्वार से गंगाजल लाते हैं, लेकिन रास्ते में कई जगह शराब की दुकानें और नशे में झूमते लोग दिखते हैं। सरकार ने बहुत अच्छा कदम उठाया है। ये हमारी आस्था की रक्षा है।”
वहीं बरेली की रहने वाली पूजा सिंह, जो महिला कांवड़ दल की संयोजक हैं, उन्होंने कहा:
“कांवड़ यात्रा अब महिलाओं की भी आस्था का हिस्सा बन गई है। रास्तों में शराब बंद हो जाएगी, तो हम ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगे।”
शराब विक्रेता की क्या है प्रतिक्रिया
हालांकि कुछ शराब विक्रेताओं ने इस पर नाराज़गी भी जाहिर की है। मुजफ्फरनगर के ठेकेदार अर्जुन वर्मा ने कहा:
“हर साल सावन में दुकानें बंद कर दी जाती हैं। इससे हमें करोड़ों का नुकसान होता है। सरकार को कम से कम कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए।” जिससे हम शराब व्यवसाईयों का नुकसान ना हो
पर सरकार का रुख साफ है –
“आस्था पहले, व्यापार बाद में।”
सुरक्षा व्यवस्था भी होगी और कड़ी
कांवड़ यात्रा के दौरान कई बार शराब पीकर हंगामा करने की घटनाएं सामने आती रही हैं। इसी को देखते हुए पुलिस और आबकारी विभाग ने संयुक्त टीमें बनाई गई हैं, जो कांवड़ मार्ग पर शराब बिक्री पर नजर रखेंगी।
हर जिले में फ्लाइंग स्क्वॉड तैनात किए गए हैं
ड्रोन कैमरों से निगरानी
संदिग्ध दुकानों पर छापेमारी
मोबाइल ऐप के जरिए जनता भी कर सकेगी शिकायत
क्या अन्य राज्यों में भी लागू होगा यह मॉडल?
उत्तराखंड, दिल्ली और हरियाणा में भी इसी तर्ज पर विचार हो रहा है। उत्तराखंड सरकार ने तो पहले ही घोषणा कर दी है कि हरिद्वार में सावन के महीने में शराब बिक्री पर पूर्ण रोक रहेगी।
दिल्ली सरकार भी कुछ सीमावर्ती इलाकों में शराब की बिक्री सीमित करने पर विचार कर रही है।
आस्था और प्रशासन की सटीक तालमेल
सावन का महीना केवल पूजा-पाठ का नहीं, सामाजिक समरसता, सुरक्षा और सम्मान का भी होता है। जब लाखों लोग बिना थके, बिना रुके अपने आराध्य के लिए यात्रा पर निकलते हैं, तो समाज और सरकार दोनों की जिम्मेदारी बनती है कि वे उनके विश्वास को टूटने न दें।
उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला न केवल सांकेतिक है, बल्कि यह बताता है कि प्रशासन अब केवल आदेश जारी करने वाली संस्था नहीं, बल्कि समाज की भावनाओं को समझने वाला और उन्हें प्राथमिकता देने वाला अंग बन रहा है।
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आपका क्या मानना है?
क्या आपको लगता है कि सावन के दौरान शराब की बिक्री बंद करना सही निर्णय है? या क्या इससे व्यापारियों को नुकसान का सामना करना पड़ेगा?
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