Operation Sindhu: ईरान-इज़राइल तनाव 2025
ईरान और इज़राइल के बीच तनाव 2025 में चरम पर पहुंच गया है, जो मुख्य रूप से ईरान के परमाणु कार्यक्रम और क्षेत्रीय भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से उपजा है। 13 जून 2025 से शुरू हुआ यह संघर्ष इज़राइल के ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले के साथ तेज हुआ। जवाब में, ईरान ने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’ के तहत इज़राइल पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिससे दोनों देशों में भारी नुकसान हुआ।
प्रमुख कारण परमाणु कार्यक्रम:
इज़राइल, ईरान के परमाणु हथियार विकसित करने की आशंका को अपने लिए अस्तित्व का खतरा मानता है।
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने 12 जून 2025 को ईरान को परमाणु दायित्वों का पालन न करने का दोषी ठहराया, जिसके बाद इज़राइल ने हमले तेज किए।
ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है, लेकिन उसने 60% तक यूरेनियम संवर्धन किया, जो हथियार-ग्रेड के करीब है।

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Iran, हमास और हिज़बुल्लाह जैसे समूहों को समर्थन देता है, जिन्हें इज़राइल आतंकवादी संगठन मानता है।
इज़राइल ने सीरिया और लेबनान में ईरान समर्थित मिलिशिया पर हमले किए, जिससे तनाव बढ़ा।
ईरान ने इज़राइल को “छोटा शैतान” और अमेरिका को “बड़ा शैतान” करार दिया, जबकि इज़राइल ने ईरान को क्षेत्रीय अस्थिरता का स्रोत माना।
Operation Sindhu: ऑपरेशन सिंधु
ऑपरेशन सिंधु Operation Sindhu: भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक मानवीय निकासी अभियान है, जिसका उद्देश्य ईरान में फंसे भारतीय, नेपाली, और श्रीलंकाई नागरिकों को सुरक्षित निकालना है।
22 जून 2025 तक, भारत ने 827 लोगों को सुरक्षित निकाला, जिसमें नेपाली और श्रीलंकाई नागरिक भी शामिल हैं।
भारतीय दूतावास ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर (+989010144557, +989128109115) जारी किए।
नेपाल और श्रीलंका ने भारत के इस प्रयास की सराहना की, जिससे भारत की क्षेत्रीय नेतृत्व क्षमता और मानवीय प्रतिबद्धता उजागर हुई।
इज़राइल के हमलों में ईरान में 400-657 लोगों की मौत, जिनमें अधिकांश नागरिक हैं।
इज़राइल में 10-24 लोगों की मौत और सैकड़ों घायल।
आर्थिक प्रभाव:
लाल सागर मार्ग बाधित होने से भारत के व्यापार पर संकट।
तेल की कीमतें बढ़कर $75.15 प्रति बैरल तक पहुंचीं, जो 5 साल का उच्चतम स्तर है।
भारत की चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर परियोजनाएं प्रभावित।
भारत ने इज़राइल और ईरान दोनों के साथ संतुलित संबंध बनाए रखे हैं, लेकिन तनाव बढ़ने से कूटनीतिक दबाव बढ़ा है।भारत ने शांति और कूटनीति की अपील की, साथ ही SCO के इज़राइल-विरोधी बयान से दूरी बनाई।
अमेरिका:
इज़राइल का समर्थन करते हुए 22 जून 2025 को ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमले किए।
चीन:
इज़राइल के हमलों की निंदा की और ईरान के साथ संवाद बनाए रखने की बात कही।
संयुक्त राष्ट्र:
महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शांति और कूटनीति की अपील की।
भारत की स्थिति
भारत ने तटस्थ रुख अपनाया, दोनों पक्षों से तनाव कम करने की अपील की।
ईरान में फंसे भारतीय छात्रों और नागरिकों की सुरक्षा के लिए दूतावास सक्रिय।
जम्मू-कश्मीर में शिया बहुल क्षेत्रों में हाई अलर्ट जारी, हिंसा की आशंका के चलते।
ईरान-इज़राइल तनाव ने पश्चिम एशिया को 1973 के अरब-इज़राइल युद्ध के बाद सबसे बड़े संकट में डाल दिया है। भारत का Operation Sindhu:
ऑपरेशन सिंधु इस संकट में मानवीय सहायता और कूटनीतिक संतुलन का उदाहरण है। तनाव कम करने के लिए कूटनीति, परमाणु अप्रसार, और क्षेत्रीय सहयोग आवश्यक है।
ताजा जानकारी के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय की वेबसाइट या हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।
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