Rapti River Murti Visarjan मिर्जापुर बाज़ार में शांतिपूर्ण मूर्ति विसर्जन: पुलिस प्रशासन और ग्रामीणों ने पेश की मिसाल

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Rapti River Murti Visarjan मिर्जापुर बाज़ार में शांतिपूर्ण मूर्ति विसर्जन: पुलिस प्रशासन और ग्रामीणों ने पेश की मिसाल

Rapti River Murti Visarjan मिर्जापुर बाज़ार में राप्ती नदी पर शांतिपूर्ण तरीके से मूर्ति विसर्जन सम्पन्न हुआ। SHO इत्यानन्द पाण्डेय, SI जे.पी. त्रिपाठी, SI सुभम शर्मा और पुलिसकर्मियों की सतर्कता के साथ ग्रामीणों व ग्राम प्रधान का सहयोग आयोजन को यादगार बना गया।

Rapti River Murti Visarjan धार्मिक आस्था और सामाजिक एकता का प्रतीक गणेश मूर्ति विसर्जन इस बार मिर्जापुर बाज़ार में राप्ती नदी पर पूरे अनुशासन और सौहार्द के साथ सम्पन्न हुआ। क्षेत्र के हजारों श्रद्धालु मूर्ति विसर्जन के अवसर पर राप्ती नदी किनारे इकट्ठा हुए, लेकिन कहीं भी अव्यवस्था या विवाद जैसी स्थिति नहीं बनी। यह सब संभव हुआ पुलिस प्रशासन की सतर्कता, अधिकारियों के सक्रिय सहयोग और ग्रामीणों के जिम्मेदाराना रवैये के कारण।

Rapti River Murti Visarjan मिर्जापुर बाज़ार में शांतिपूर्ण मूर्ति विसर्जन: पुलिस प्रशासन और ग्रामीणों ने पेश की मिसाल

SHO इत्यानन्द पाण्डेय की सतर्क निगरानी

थाना मिर्जापुर बाज़ार के प्रभारी निरीक्षक (SHO) इत्यानन्द पाण्डेय स्वयं मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने नदी किनारे सुरक्षा व्यवस्था का गहन निरीक्षण किया और हर छोटे बड़े पहलू पर नज़र बनाए रखी। उनका साफ संदेश था कि श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। उनकी मौजूदगी ने ग्रामीणों और श्रद्धालुओं को भरोसा दिलाया कि प्रशासन पूरी तरह तैयार है।

SI जे.पी. त्रिपाठी और SI सुभम शर्मा की सक्रिय भूमिका

Rapti River Murti Visarjan मिर्जापुर बाज़ार में शांतिपूर्ण मूर्ति विसर्जन: पुलिस प्रशासन और ग्रामीणों ने पेश की मिसाल

इस अवसर पर SI जे.पी. त्रिपाठी और SI सुभम शर्मा भी पूरे दल बल के साथ मैदान में डटे रहे। दोनों अधिकारियों ने न केवल यातायात और भीड़ प्रबंधन का जिम्मा संभाला, बल्कि श्रद्धालुओं को समय समय पर दिशा-निर्देश भी दिए। श्रद्धालु जिस तरह अनुशासन के साथ मूर्ति विसर्जन में शामिल हुए, वह इन अधिकारियों की कुशलता का ही परिणाम था।

Rapti River Murti Visarjan पुलिसकर्मियों की मेहनत और समर्पण

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SHO और SI अधिकारियों के साथ साथ दर्जनों पुलिसकर्मी भी तैनात रहे। उन्होंने नदी किनारे बैरिकेडिंग से लेकर नाव पर सुरक्षा व्यवस्था तक हर जिम्मेदारी बखूबी निभाई। कई पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं के साथ रहकर उन्हें सुरक्षित विसर्जन में मदद करते दिखाई दिए। उनके चेहरे पर थकान के बावजूद सेवा और कर्तव्य का भाव साफ झलक रहा था।

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Rapti River Murti Visarjan  ग्राम प्रधान और ग्रामीणों का सहयोग

इस शांतिपूर्ण आयोजन में पुलिस प्रशासन के साथ साथ स्थानीय लोगों की भी अहम भूमिका रही। मिर्जापुर बाज़ार के ग्राम प्रधान और ग्रामीणों ने प्रशासन का पूरा सहयोग किया। उन्होंने श्रद्धालुओं को शांतिपूर्ण और अनुशासित ढंग से विसर्जन करने की अपील की। ग्रामीणों का यह सहयोग इस बात का प्रमाण है, कि जब जनता और प्रशासन मिलकर काम करते हैं, तो हर चुनौती को आसानी से पार किया जा सकता है।

Rapti River Murti Visarjan श्रद्धालुओं का अनुशासन और आस्था

श्रद्धालुओं ने भी इस बार एक मिसाल पेश की। भीड़ होने के बावजूद कहीं धक्का मुक्की या विवाद की स्थिति नहीं बनी। सभी ने कतारबद्ध होकर मूर्ति विसर्जन किया और आस्था के इस पर्व को श्रद्धा और अनुशासन के साथ पूरा किया। कई श्रद्धालुओं ने कहा कि पुलिस प्रशासन ने जिस तरह सुरक्षा व्यवस्था की, उससे उन्हें परिवार के साथ सुरक्षित माहौल में विसर्जन करने का अवसर मिला।

Rapti River Murti Visarjan सामाजिक सौहार्द की मिसाल

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मूर्ति विसर्जन का यह आयोजन सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं रहा, बल्कि यह सामाजिक एकता और भाईचारे का भी उदाहरण बना। विभिन्न वर्गों और समुदायों के लोग इस आयोजन में शामिल हुए और सभी ने मिलकर त्योहार की शोभा बढ़ाई। यह दृश्य इस बात का प्रमाण था कि गोरखपुर जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक शहर की असली ताकत उसकी आपसी एकता और सहयोग की भावना है।

Rapti River Murti Visarjan अधिकारियों का धन्यवाद

ग्रामीणों और श्रद्धालुओं ने SHO इत्यानन्द पाण्डेय, SI जे.पी. त्रिपाठी, SI सुभम शर्मा और पूरे पुलिस बल के प्रति आभार जताया। सभी ने माना कि अगर पुलिस प्रशासन इतनी सजगता और तत्परता से काम न करता तो इतने बड़े आयोजन को शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न कर पाना मुश्किल होता।

राप्ती नदी पर सम्पन्न हुआ यह मूर्ति विसर्जन सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं था, बल्कि यह अनुशासन, आस्था और प्रशासनिक दक्षता का संगम था। SHO इत्यानन्द पाण्डेय, SI जे.पी. त्रिपाठी, SI सुभम शर्मा और तमाम पुलिसकर्मियों के अथक प्रयासों के साथ-साथ ग्राम प्रधान और ग्रामीणों का सहयोग इस आयोजन को यादगार बना गया।

यह आयोजन आने वाले वर्षों के लिए एक आदर्श बनेगा कि जब पुलिस, प्रशासन और जनता एक साथ खड़े हों, तो किसी भी आयोजन को सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण ढंग से सम्पन्न किया जा सकता है।

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