Gorakhpur News: फेसबुक फ्रेंड रिक्वेस्ट से व्यापारी से 93.61 लाख की Crypto Trading Scam, पुलिस जांच तेज

Written by: akhtar husain

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Gorakhpur News फेसबुक दोस्ती में फंसाकर व्यापारी से 93.61 लाख की Crypto Trading Scam के नाम पर ठगी, पूरा गोरखपुर दहला देने वाला मामला

Gorakhpur News: फेसबुक दोस्ती के जरिए व्यापारी से 93.61 लाख की Crypto Trading Scam, सोशल मीडिया फ्रॉड, फर्जी क्रिप्टो ट्रेडिंग, साइबर क्राइम जांच, व्यापारी से ठगी

Gorakhpur News: फेसबुक फ्रेंड रिक्वेस्ट से व्यापारी से 93.61 लाख की Crypto Trading Scam, पुलिस जांच तेज
Gorakhpur News: फेसबुक फ्रेंड रिक्वेस्ट से व्यापारी से 93.61 लाख की Crypto Trading Scam, पुलिस जांच तेज

गोरखपुर से एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है, जहाँ फेसबुक पर आई एक साधारण सी फ्रेंड रिक्वेस्ट ने एक व्यापारी को 93.61 लाख रुपये के Crypto Trading Scam का शिकार बना दिया। साइबर ठगों ने इतनी सफाई और प्रोफेशनल तरीके से पूरा जाल बुना कि व्यापारी को आखिरी समय तक लगा कि वह सच में क्रिप्टो ट्रेडिंग करके पैसा कमा रहा है। लेकिन असल में यह एक बड़ा सोशल मीडिया फ्रॉड था, जिसकी शुरुआत एक लड़की की खूबसूरती से बुनी बातचीत और भरोसा पाने वाले शब्दों से हुई। इस Gorakhpur News ने पूरे शहर में साइबर सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता बढ़ा दी है।

राजघाट थाना क्षेत्र के साहबगंज के व्यापारी विजय आनंद लोहिया के अनुसार, उन्हें फेसबुक पर ऋतिका गुप्ता नाम की लड़की की फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली। उसने खुद को बिजनेसवुमन बताया और धीरे धीरे बातचीत बढ़ाकर व्हाट्सऐप पर आ गई। यह पहला कदम था, जिसे पिग बुचेरिंग तकनीक में “ट्रस्ट बिल्डिंग स्टेप” कहा जाता है। बातचीत का दायरा बढ़ा और व्यापारी का भरोसा मजबूत होता गया। इसी भरोसे का फायदा उठाते हुए ऋतिका ने अपने “सीनियर पार्टनर” बताकर साकेत मित्तल, आकाश, संजीव और मेघना से भी चैट कराई। इन लोगों ने खुद को “Trust Qoin Trading” नाम की क्रिप्टो कंपनी से जुड़ा बताया और ट्रेडिंग के जरिए भारी मुनाफा दिलाने का वादा किया। यही वह मोड़ था जहाँ वास्तविक Crypto Trading Scam शुरू हुआ।

ठगों ने व्यापारी को एक लिंक भेजकर प्ले स्टोर से “Balance App” डाउनलोड करवाया। शुरू में व्यापारी से केवल 10,000 रुपये निवेश कराए गए। तीन दिन तक ऐप पर लगातार बढ़ता हुआ फर्जी बैलेंस दिखाया गया और थोड़ी-सी रकम वापस भेजकर विश्वास जमाया गया। यह स्कैम की सबसे चालाक चाल थी पहले छोटे प्रॉफिट दिखाकर पीड़ित को मानसिक रूप से भरोसा दिलाना। इस बीच Gorakhpur News में जुड़े कई साइबर मामलों की तरह, यहाँ भी पीड़ित को यह लगा कि वह एक असली ट्रेडिंग में हिस्सा ले रहा है। धीरे-धीरे 1 लाख रुपये से शुरू होने वाली ट्रेडिंग बताई गई, जिसमें हर दिन 30% कमीशन का लालच दिया गया। व्यापारी लालच में फंसते गए और लगातार पैसे भेजते गए।

Crypto Trading Scam कुछ ही समय में बैलेंस ऐप पर 1 करोड़ 31 लाख 7 हजार रुपये तक का फर्जी बैलेंस दिखने लगा, जिसका ज्यादातर हिस्सा सिर्फ स्क्रीन पर दिखाई देने वाला नंबर था। कमीशन के नाम पर 39 लाख 39 हजार रुपये भी निकाल लिए गए। जब व्यापारी ने विड्रॉल मांगा, तभी ठगों ने नया नाटक किया—कस्टमर केयर से बात करने को कहा, जहाँ अलग अलग फीस, टैक्स और चार्ज के नाम पर पैसे मांगे गए। अंत में धमकी दी गई कि यदि और पैसे नहीं भेजे गए तो बैलेंस पूरी तरह फ्रीज कर दिया जाएगा। यही वह क्षण था जब व्यापारी को समझ आया कि वह एक बड़े Crypto Trading Scam का शिकार बन चुके हैं। इसके बाद उन्होंने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।

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Crypto Trading Scam साइबर क्राइम थाना प्रभारी रशीद खान ने बताया कि शिकायत के बाद FIR दर्ज कर ली गई है और जिन बैंक खातों तथा क्रिप्टो वॉलेट में रकम भेजी गई है, उनकी जांच की जा रही है। ब्लॉकचेन ट्रांजेक्शन, विदेशी वॉलेट और लेयरिंग जैसी तकनीकों के चलते ऐसे मामलों की जांच चुनौतीपूर्ण हो जाती है, लेकिन टीम तेजी से काम कर रही है। वहीं एसपी क्राइम सुधीर जायसवाल का कहना है कि यह मामला “पिग-बुचेरिंग स्कैम” का क्लासिक उदाहरण है, जिसमें ठग पहले दोस्ती, फिर भरोसा और अंत में निवेश का लालच देकर पीड़ित को पूरी तरह फंसा लेते हैं। उन्होंने कहा कि 90% सोशल मीडिया आधारित ट्रेडिंग ऑफर फर्जी होते हैं और किसी भी क्रिप्टो ट्रेडिंग पर विश्वास करने से पहले उसकी जांच जरूरी है। यह Gorakhpur News सिर्फ एक केस नहीं, बल्कि सोशल मीडिया से जुड़े हजारों यूज़र्स के लिए चेतावनी है कि डिजिटल दोस्ती के पीछे बहुत बड़ा खतरा छिपा होता है।

साइबर एक्सपर्ट्स की मानें तो ऐसे Crypto Trading Scam में ठग असली ट्रेडिंग वेबसाइट की हूबहू नकल तैयार करते हैं, फर्जी ग्राफ बनाते हैं,और निवेशक को ऐप के माध्यम से नकली बैलेंस दिखाते रहते हैं। जबकि क्रिप्टो वॉलेट में भेजा गया पैसा ब्लॉकचेन पर जाकर ट्रेस करना लगभग असंभव होता है। इसलिए डिजिटल युग में साइबर सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है। गोरखपुर का यह मामला इस बात की जीवंत मिसाल है, कि किस तरह सोशल मीडिया फ्रॉड लगातार बढ़ रहे हैं और बड़े-बड़े व्यापारी तक इसका शिकार बन रहे हैं।

Disclaimer: इस लेख का उद्देश्य केवल जागरूकता बढ़ाना है। किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले अधिकृत संस्थाओं से जानकारी अवश्य प्राप्त करें। यह समाचार उपलब्ध रिपोर्ट्स के आधार पर तैयार किया गया है।

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