Cyber Fraud Case in Gorakhpur गोरखपुर में व्यापारी से ₹1.27 लाख की साइबर ठगी, वीडियो कॉल बना जाल

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 Cyber Fraud Case in Gorakhpur गोरखपुर में व्यापारी से ₹1.27 लाख की साइबर ठगी, वीडियो कॉल बना जाल

Cyber Fraud Case in Gorakhpur गोरखपुर। डिजिटल लेन-देन के दौर में साइबर अपराध लगातार नए-नए तरीके निकाल रहे हैं। शाहपुर थाना क्षेत्र से एक नया मामला सामने आया है, जहाँ पिपराइच निवासी व्यापारी आदर्श कुमार गुप्ता से ₹1.27 लाख की ठगी की गई। ठगों ने खुद को बैंक से जुड़ा बताते हुए वीडियो कॉल वेरिफिकेशन का झांसा दिया और खाते से बड़ी रकम निकाल ली।

घटना का पूरा विवरण

23 अप्रैल को आदर्श कुमार गुप्ता ने गोरखपुर के संगम चौराहा स्थित इंडसइंड बैंक से ₹2.60 लाख का लोन लिया। लोन के समय बैंक कर्मियों ने उनसे कहा कि आगे की औपचारिकताओं के लिए वीडियो कॉल वेरिफिकेशन करना होगा।

कुछ दिनों बाद आदर्श गुप्ता को एक अज्ञात नंबर से वीडियो कॉल आया। कॉल स्वीकार करने के कुछ ही मिनटों के भीतर उनके खाते से ₹1.27 लाख रुपये गायब हो गए। इस अचानक हुए लेन-देन से व्यापारी हक्का-बक्का रह गए।

उन्होंने तुरंत हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराई और शाहपुर थाना जाकर लिखित तहरीर दी।

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा Cyber Fraud Case in Gorakhpur

शाहपुर पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की। जांच के दायरे में दो बैंक कर्मचारी और कॉल करने वाला अज्ञात शख्स शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है,कि साइबर ठगी में अक्सर बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत या लापरवाही सामने आती है। इस मामले में भी तकनीकी जांच के जरिए यह पता लगाया जाएगा कि ठगों को लोन से जुड़ी जानकारी कैसे मिली।

गोरखपुर में लगातार बढ़ रहे साइबGorakhpur

Cyber Fraud Case in Gorakhpur
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गोरखपुर पिछले कुछ महीनों में साइबर अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा है। कई ताज़ा घटनाएँ इसकी गवाही देती हैं:

तिवारीपुर के सुमित कक्कड़: ₹1.07 लाख रुपये की ठगी का शिकार। त्वरित शिकायत पर पुलिस ने रकम वापस दिलाई।

बुढ़नपुरा के अंबिका प्रसाद मौर्य: गिरफ्तारी से बचाने का डर दिखाकर ठगों ने ₹1 लाख ऐंठे, पुलिस ने ₹90,000 लौटाए।

पांच अन्य पीड़ित: क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने और निवेश योजनाओं के नाम पर कुल ₹6.61 लाख गंवाए। साइबर टीम की तत्परता से रकम वापस की गई।

इन मामलों से साफ है,कि ठग हर बार नया तरीका अपनाते हैं, और आम लोगों को अपने जाल में फँसाने की कोशिश करते हैं।

साइबर सेल की टीम की सक्रियता Cyber Fraud Case in Gorakhpur

गोरखपुर पुलिस की साइबर सेल ने हाल के महीनों में कई पीड़ितों की रकम सुरक्षित वापस कराई है। इस टीम में संदीप सिंह (प्रभारी), शशि शंकर राय (मुख्य आरक्षी), शशिकांत जायसवाल, प्रद्युम्न जायसवाल और पंकज कुमार गुप्ता शामिल हैं।

अधिकारियों का कहना है,कि समय पर शिकायत करने से ही पैसे रिकवर होने की संभावना बढ़ती है। देरी होने पर रकम अक्सर संदिग्ध खातों से गायब हो जाती है,और ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है।

पीड़ित का दर्द Cyber Fraud Case in Gorakhpur

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व्यापारी आदर्श गुप्ता का कहना है,

“मैंने कारोबार संभालने के लिए लोन लिया था, लेकिन ठगों ने मेरी मेहनत की कमाई हड़प ली। बिना ओटीपी या अनुमति के इतना बड़ा ट्रांज़ैक्शन कैसे हो गया, यह समझ से बाहर है। बैंक को अपनी सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करनी चाहिए।”

सतर्कता ही है सबसे बड़ा बचाव Cyber Fraud Case in Gorakhpur

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ और पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ठगी से बचने के लिए कुछ बुनियादी सावधानियां बेहद जरूरी हैं:

1. बैंक कभी भी वीडियो कॉल पर वेरिफिकेशन नहीं करता।

2. अनजान नंबर से आई कॉल या लिंक पर क्लिक न करें।

3. कभी भी OTP या बैंकिंग डिटेल साझा न करें।

4. संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत 1930 हेल्पलाइन पर कॉल करें।

5. खाते से रकम निकलने की जानकारी मिलते ही तुरंत बैंक को सूचित करें।

बड़ी तस्वीर: क्यों बढ़ रहा है खतरा? Cyber Fraud Case in Gorakhpur

डिजिटल लेन-देन और ऑनलाइन बैंकिंग के बढ़ते चलन ने सुविधा तो दी है, लेकिन अपराधियों को भी नए रास्ते खोल दिए हैं। अब ठग केवल कॉल या मैसेज ही नहीं, बल्कि वीडियो कॉल और नकली ऐप्स के सहारे भी लोगों को फंसा रहे हैं।

गोरखपुर जैसे तेजी से विकसित होते शहर में साइबर सुरक्षा को मज़बूत करना अब अत्यावश्यक हो गया है।

Cyber Fraud Case in Gorakhpur गोरखपुर के व्यापारी आदर्श कुमार गुप्ता से हुई ₹1.27 लाख की ठगी केवल एक व्यक्ति की समस्या नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

यह घटना दिखाती है, कि सतर्कता, जागरूकता और तुरंत कार्रवाई ही साइबर अपराध से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है। डिजिटल दुनिया में हर नागरिक को यह याद रखना होगा कि “सावधानी ही सुरक्षा है।”

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