Deoria ex-soldier murder case
देवरिया के पूर्व सैनिक की हत्या: अब गोरखपुर पुलिस करेगी जांच, मुख्यमंत्री के आदेश पर केस ट्रांसफर
Deoria ex-soldier murder case देवरिया के पूर्व सैनिक रमदयाल कुशवाहा की हत्या के मामले ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। परिजनों की शिकायत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हस्तक्षेप किया और अब इस संवेदनशील केस की जांच गोरखपुर पुलिस को सौंपी गई है। जानिए पूरी घटना, परिजनों के आरोप और पुलिस की कार्यवाही की पूरी जानकारी।
गोरखपुर। पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक बार फिर पुलिस व्यवस्था और न्याय व्यवस्था पर सवाल उठे हैं। देवरिया जिले के रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर गांव में पूर्व सैनिक रमदयाल कुशवाहा की हत्या के मामले ने न केवल ग्रामीणों को झकझोर दिया बल्कि राज्य स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया। परिवार के लगातार आरोपों और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद अब इस संवेदनशील मामले की जांच गोरखपुर पुलिस को सौंपी गई है।
Deoria ex-soldier murder case घटना कैसे घटी
सूत्रों और परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार, 62 वर्षीय रमदयाल कुशवाहा सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद अपने गांव में रह रहे थे। 28 जुलाई 2025 को गांव में रास्ते के विवाद को लेकर उनका सामना कुछ लोगों से हुआ। विवाद इतना बढ़ गया कि आरोपियों ने लाठी-डंडों से बेरहमी से पिटाई कर दी। गंभीर रूप से घायल रमदयाल को परिवारजन इलाज के लिए अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
Deoria ex-soldier murder case परिजनों का आरोप
रमदयाल के बेटे हीरामन कुशवाहा, जो वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में 17 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात हैं, ने अपने बयान में कहा कि यह कोई साधारण झगड़ा नहीं बल्कि सोची-समझी हत्या की साजिश थी। उन्होंने गांव के प्रधान रामआशीष निषाद सहित कई अन्य लोगों पर हत्या का आरोप लगाया।
परिजनों का आरोप है, कि रुद्रपुर पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और हत्या की धारा लगाने में भी ढिलाई दिखाई। उनका कहना है,कि अगर पुलिस समय रहते निष्पक्ष कार्रवाई करती, तो आरोपी खुलेआम घूमने की बजाय जेल में होते।
Deoria ex-soldier murder case मुख्यमंत्री से शिकायत
हत्या के 20 दिन बाद, 18 अगस्त को हीरामन कुशवाहा अवकाश लेकर गोरखपुर पहुंचे और जनता दर्शन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। उन्होंने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पूरी घटना की जानकारी दी। शिकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने तुरंत मामले को गंभीरता से लिया और डीआईजी गोरखपुर डॉ. एस. चनप्पा को कार्रवाई के निर्देश दिए।
Deoria ex-soldier murder case जांच गोरखपुर पुलिस को ट्रांसफर
डीआईजी ने मामले की केस डायरी और अब तक की पुलिस कार्रवाई की रिपोर्ट गोरखपुर एसएसपी को भेज दी। इसके बाद आदेश जारी किया गया कि इस संवेदनशील मामले की जांच गोरखपुर पुलिस करेगी। गोरखपुर पुलिस के एसपी नॉर्थ जितेंद्र श्रीवास्तव को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अब उन्हें दस दिनों के भीतर विस्तृत जांच पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इस दौरान वे फतेहपुर गांव का दौरा करेंगे, गवाहों और परिजनों के बयान दर्ज करेंगे और घटनास्थल की पुनः जांच करेंगे।
पुलिस पर सवाल
Deoria ex-soldier murder case इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। परिजनों का आरोप है, कि स्थानीय पुलिस आरोपियों से मिली हुई थी और इसी कारण उन्होंने हत्या के बाद भी गंभीर धाराओं में केस दर्ज करने से परहेज किया। यही वजह है,कि मुख्यमंत्री तक शिकायत पहुंची और मामला अब गोरखपुर पुलिस को सौंपना पड़ा।
ग्रामीणों में आक्रोश
गांव के लोगों का कहना है,कि रमदयाल एक ईमानदार और शांत स्वभाव के व्यक्ति थे। सेना से रिटायर होकर वे गांव में ही खेती-बाड़ी का काम देखते थे। उनकी हत्या ने पूरे गांव को हिला दिया है। ग्रामीणों का मानना है कि जब एक पूर्व सैनिक सुरक्षित नहीं है तो आम आदमी की सुरक्षा की गारंटी कौन देगा।
Deoria ex-soldier murder case सरकार की सख्ती
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश में किसी भी हालात में अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है,कि पुलिस की ढिलाई से अगर अपराधियों को संरक्षण मिलता है,तो संबंधित अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी।
कानूनी और सामाजिक असर
यह मामला केवल एक हत्या का नहीं बल्कि न्याय व्यवस्था पर विश्वास का भी है। यदि गोरखपुर पुलिस इस केस की जांच निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से करती है,तो यह परिजनों के साथ-साथ पूरे प्रदेश के लिए एक उदाहरण होगा। वहीं अगर जांच में देरी होती है या आरोपियों को बचाने की कोशिश की जाती है,तो यह राज्य सरकार की छवि पर भी असर डाल सकता है।
आगे की राह
गोरखपुर पुलिस अब परिजनों, ग्रामीणों और गवाहों के बयान दर्ज करने के साथ-साथ आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाने में लगी है। उम्मीद है,कि अगले दस दिनों में रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी और अदालत में चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया तेज होगी।
निष्कर्ष
देवरिया के पूर्व सैनिक की हत्या का मामला उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था की एक बड़ी परीक्षा है। मुख्यमंत्री के सीधे हस्तक्षेप के बाद यह मामला गोरखपुर पुलिस को सौंपा गया है, जो यह साबित करने का मौका है,कि पुलिस सचमुच न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। अब देखना होगा कि गोरखपुर पुलिस अपने दिए गए दस दिनों के समय-सीमा में किस हद तक निष्पक्ष और ठोस जांच करती है।
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