Gorakhpur fraud case गोरखपुर ठगी कांड: व्यापारिक साझेदारी के नाम पर 14 लाख की जालसाज़ी, पुलिस जांच में जुटी

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Gorakhpur fraud case गोरखपुर ठगी कांड: व्यापारिक साझेदारी के नाम पर 14 लाख की जालसाज़ी, पुलिस जांच में जुटी

Gorakhpur fraud case गोरखपुर के गुलरिहा इलाके में व्यापारी साझेदारी का झांसा देकर युवक से 14 लाख की ठगी, आरोपी पर धोखाधड़ी और धमकी का मुकदमा दर्ज, पुलिस जांच में जुटी।

गोरखपुर। अपराध की दुनिया हर दिन नए-नए रूपों में सामने आ रही है। कभी गैंगस्टर और माफिया के जरिए शहर का नाम बदनाम होता है, तो कभी सफेदपोश ठग भोले-भाले लोगों की गाढ़ी कमाई हड़पकर फरार हो जाते हैं। ऐसी ही एक सनसनीखेज ठगी का मामला गोरखपुर के गुलरिहा थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां एक युवक को व्यापार में साझेदारी कराने का झांसा देकर 14 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। मामला अब पुलिस की जांच में है,और आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी तथा धमकी का मुकदमा दर्ज किया गया है।

Gorakhpur fraud case ठगी का शिकार कौन?

Gorakhpur fraud case
सोर्स बाय गूगल इमेज

 गुलरिहा थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर हरसेवकपुर नंबर दो निवासी जितेंद्र नारायण मेहनतकश और सीधे-सादे इंसान हैं। जितेंद्र की कमाई का बड़ा हिस्सा उन्होंने वर्षों तक एलआईसी पॉलिसियों में जमा किया था। परिवार की ज़िम्मेदारियों और भविष्य की योजनाओं को देखते हुए उन्होंने पूंजी बचाई थी। उन्हें उम्मीद थी कि किसी सही निवेश से उनका भविष्य सुरक्षित होगा।

आरोपी कौन है?

पुलिस के अनुसार आरोपी का नाम कृष्णकांत शाही है, जो बांसगांव क्षेत्र के कुशमौल गांव का निवासी है। कृष्णकांत ने खुद को एक सफल कारोबारी बताकर जितेंद्र को झांसे में लिया। उसने साझेदारी के नाम पर बड़े मुनाफे का लालच दिखाया और उन्हें भरोसे में ले लिया।

कैसे हुई ठगी?

नवंबर 2022 से जून 2023 के बीच जितेंद्र ने कृष्णकांत पर भरोसा कर लगभग 14 लाख रुपये उसे सौंप दिए। यह पैसा नकद और बैंक ट्रांसफर, दोनों तरीकों से दिया गया। यहां तक कि जितेंद्र ने अपनी एलआईसी पॉलिसी तक तोड़ दी ताकि आरोपी को निवेश के लिए पूंजी मिल सके।

परंतु वक्त बीतने के साथ जब मुनाफे की जगह सन्नाटा मिलने लगा, तो जितेंद्र को शक हुआ। जब उन्होंने बार-बार रकम लौटाने और हिस्सेदारी का हिसाब माँगा, तो आरोपी टालमटोल करने लगा।

लिखित वादा, लेकिन न निभाया

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खबरों के मुताबिक, 17 जून 2023 को आरोपी ने एक कागज पर लिखकर रकम लौटाने का आश्वासन दिया। पीड़ित को उम्मीद जगी कि अब उनका पैसा सुरक्षित वापस आ जाएगा। लेकिन हकीकत बिल्कुल उलट रही। न पैसा लौटा, न ही कोई कारोबार दिखा। इसके उलट आरोपी ने जितेंद्र को जान से मारने की धमकी तक देना शुरू कर दिया।

Gorakhpur fraud case पुलिस की कार्रवाई

थक-हारकर पीड़ित ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करन नय्यर से गुहार लगाई। एसएसपी ने तत्काल मामले को गंभीरता से लिया और गुलरिहा थाने को जांच के आदेश दिए। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी और धमकी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

गुलरिहा थानाध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू हो गई है। आरोपी की तलाश तेज कर दी गई है और जल्द ही गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।

Gorakhpur fraud case आर्थिक अपराध और समाज पर असर

यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की ठगी नहीं है, बल्कि यह दिखाता है, कि कैसे छोटे शहरों में भी आर्थिक अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। लोग सपनों और ऊँची कमाई की उम्मीद में अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई ऐसे लोगों को सौंप देते हैं,जो विश्वास तोड़कर फरार हो जाते हैं।

14 लाख रुपये किसी भी आम नागरिक के लिए बहुत बड़ी रकम है। इस पैसे में वर्षों की मेहनत, बचत और उम्मीदें जुड़ी होती हैं। इस तरह की घटनाएँ न केवल आर्थिक नुकसान पहुँचाती हैं, बल्कि मानसिक आघात भी देती हैं।

Gorakhpur fraud case कानूनी नज़र से

कानून विशेषज्ञ बताते हैं, कि आरोपी पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 406 (आपराधिक न्यास भंग), और धारा 506 (धमकी देना) के तहत मुकदमा बनता है। अगर आरोपी दोषी साबित होता है,तो उसे कई वर्षों की सज़ा और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।

लोगों के लिए सबक

इस घटना से हर नागरिक को सबक लेना चाहिए—

1. किसी भी निवेश से पहले लिखित अनुबंध और वैधानिक दस्तावेज अवश्य बनवाएँ।

2. परिचित या रिश्तेदार पर भी आँख बंद कर भरोसा न करें।

3. बड़ी राशि का लेन-देन बैंकिंग सिस्टम के जरिए करें और सबूत सुरक्षित रखें।

4. अगर ठगी का शक हो, तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें।

गोरखपुर और अपराध की नई तस्वीर

गोरखपुर को अक्सर संगठित अपराध और माफिया गतिविधियों के लिए जाना जाता रहा है। परंतु अब यहाँ के अपराध का चेहरा बदल रहा है। लूट, हत्या और गैंगवार के साथ-साथ आर्थिक अपराध भी लोगों को चपेट में ले रहे हैं। जमीन कब्जाने, फर्जी रजिस्ट्री, नकली आधार कार्ड, और अब व्यापारिक ठगी जैसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यह पुलिस और प्रशासन दोनों के लिए चुनौती है।

Gorakhpur fraud case  निष्कर्ष

गुलरिहा का यह मामला बताता है,कि अपराधियों ने अब भोले-भाले लोगों की पूंजी पर नजर गड़ा ली है। जितेंद्र नारायण की तरह हजारों लोग रोज़ाना मेहनत करके पैसा बचाते हैं,ताकि उनका परिवार सुरक्षित रहे, लेकिन ऐसे सफेदपोश ठग उन्हें खतरनाक जाल में फंसा लेते हैं।

पुलिस की जांच से उम्मीद बंधी है,कि आरोपी पर कड़ी कार्रवाई होगी और पीड़ित को न्याय मिलेगा। साथ ही समाज को जागरूक रहना होगा ताकि कोई और परिवार ऐसी ठगी का शिकार न बने।

 Gorakhpur fraud case लेखक की टिप्पणी:

यह खबर हमें सिखाती है, कि अपराध केवल हथियार और हिंसा तक सीमित नहीं है, बल्कि अब यह धोखे और छल-कपट के जरिए लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित कर रहा है। ज़रूरत है,सतर्कता, जागरूकता और क़ानून का सख़्त पालन कराने की।

 

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