Meerut self immolation attempt मेरठ कमिश्नरी गेट पर मां बेटे की आत्मदाह की कोशिश न्याय के लिए तड़पती चीख और व्यवस्था पर बड़े सवाल

Estimated read time 1 min read

 

Meerut self immolation attempt मेरठ कमिश्नरी गेट पर मां बेटे की आत्मदाह की कोशिश न्याय के लिए तड़पती चीख और व्यवस्था पर बड़े सवाल

Meerut self immolation attempt मेरठ में माँ-बेटे ने कमिश्नर ऑफिस के बाहर आत्मदाह की कोशिश की। आरोप है, कि फरियाद नहीं सुनी गई और जातिगत भेदभाव झेलना पड़ा। जानिए पूरी घटना, वजह और प्रशासन की चुप्पी पर उठते सवाल।

Meerut self immolation attempt मेरठ। सोमवार की दोपहर मेरठ कमिश्नरी कार्यालय के मुख्य गेट पर ऐसा नज़ारा देखने को मिला जिसने वहां मौजूद हर शख्स को हिला कर रख दिया। एक मां और उसका बेटा बोतल में भरा मिट्टी का तेल लेकर गेट पर पहुंचे और खुद पर छिड़क कर आत्मदाह की कोशिश करने लगे। पुलिसकर्मियों ने सूझबूझ दिखाते हुए बोतल छीन ली, वरना एक बड़ा हादसा हो सकता था।

युवक लगातार चिल्ला रहा था

क्या पिछड़ी जाति में जन्म लेना गुनाह है? हमारी फरियाद क्यों नहीं सुनी जाती

उसकी यह आवाज गेट पर मौजूद हर व्यक्ति के दिल को चीर गई

आत्मदाह की वजह फरियाद जो नहीं सुनी गई

Meerut self immolation attempt पीड़ित परिवार का आरोप है,कि उनकी कॉलोनी में भारी वाहनों का लगातार आवागमन होता है। ट्रकों और बड़े वाहनों की वजह से आए दिन खतरा बना रहता है। लगभग एक साल पहले उनकी भतीजी की सड़क हादसे में मौत हो गई थी, जिसे परिजन इसी समस्या से जोड़ते हैं। इसके बाद से ही वे लगातार हाइट-गेज लगाने और भारी वाहनों पर प्रतिबंध की मांग कर रहे थे।

Hapur Police Operation Langda ऑपरेशन लंगड़ा: हापुड़ पुलिस ने मेरठ अन्न क्षेत्र में लड़की से छेड़छाड़ करने वाले तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार

परिवार का कहना है, कि उन्होंने दर्जनों बार शिकायतें कीं, अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया गया। उन्हें लगता है, कि व्यापारियों और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते उनकी फरियाद फाइलों में दबाकर रख दी गई।

Meerut self immolation attempt मेरठ कमिश्नरी गेट पर मां बेटे की आत्मदाह की कोशिश न्याय के लिए तड़पती चीख और व्यवस्था पर बड़े सवाल
सोर्स बाय गूगल इमेज

  Meerut self immolation attempt घटना का पूरा घटनाक्रम

मां-बेटा सोमवार को बोतल और माचिस लेकर सीधे कमिश्नरी गेट पहुंचे। युवक ने गेट पर खड़े होकर खुद पर तेल छिड़कना शुरू किया। आसपास खड़े लोग चीखने-चिल्लाने लगे। पुलिसकर्मी दौड़कर आए और युवक के हाथ से बोतल छीन ली। इस दौरान युवक जोर-जोर से नारे लगा रहा था और कह रहा था कि उसकी जाति और गरीबी की वजह से उसकी बात सुनी नहीं जा रही।

  Meerut self immolation attempt जाति और भेदभाव का दर्द

Meerut self immolation attempt मेरठ कमिश्नरी गेट पर मां बेटे की आत्मदाह की कोशिश न्याय के लिए तड़पती चीख और व्यवस्था पर बड़े सवाल

युवक ने बार-बार कहा सिर्फ इसलिए कि मैं पिछड़ी जाति से हूं, कोई अधिकारी हमारी सुनवाई नहीं करता। हमारे पत्र, हमारी शिकायतें सब दबा दी जाती हैं।

यह आरोप सिर्फ उसकी व्यक्तिगत पीड़ा नहीं है, बल्कि समाज की उस गहरी दरार की ओर इशारा करता है,जिसे पाटने की जिम्मेदारी आज भी पूरी तरह निभाई नहीं गई है।

Bihar Gorakhpur Ayodhya sex racket अयोध्या सेक्स रैकेट कांड: बिहार और गोरखपुर से लाई गई लड़कियां, रामनगरी के गेस्ट हाउस से शर्मनाक कारोबार का खुलासा

Meerut self immolation attempt मौके पर मची अफरा-तफरी

घटना के दौरान गेट के बाहर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। जैसे ही युवक ने बोतल से तेल छिड़कना शुरू किया, भीड़ भागकर इकट्ठा हो गई। कुछ लोग उसे रोकने की कोशिश कर रहे थे तो कई लोग उसकी चीखें सुनकर भावुक हो उठे।

पुलिसकर्मियों ने किसी तरह मां-बेटे को काबू में किया और सुरक्षित स्थान पर ले गए।

female criminal encounter in UP यूपी का इतिहास बदलने वाला पहला महिला एनकाउंटर गाजियाबाद में शेरनी जैसी बहादुरी, हिस्ट्रीशीटर ढेर

Meerut self immolation attempt  प्रशासन के खिलाफ आक्रोश

पीड़ित परिवार का आरोप है, कि नगर निगम और स्थानीय प्रशासन उनकी समस्या का समाधान जानबूझकर नहीं कर रहा। उनका कहना है, कि इलाके में बड़े वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए हाइट-गेज की ज़रूरत है, लेकिन अधिकारियों ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

युवक ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी व्यापारियों के दबाव में काम कर रहे हैं,और इसलिए आम जनता की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।

GST कट का फायदा! TVS Apache RR 310 Price Cut – जानें नई कीमतें

Meerut self immolation attempt प्रशासन की सफाई

घटना के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने मां-बेटे को शांत कराया और भरोसा दिलाया कि उनकी शिकायत को गंभीरता से सुना जाएगा। प्रशासन की ओर से कहा गया कि आत्मदाह की कोशिश कानूनन गलत है,और इससे समस्या का समाधान नहीं निकलता, लेकिन साथ ही यह भी स्वीकार किया गया कि शिकायत की जांच कराई जाएगी और ज़रूरी कदम उठाए जाएंगे।

लोगों की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों का कहना है,कि अगर अधिकारियों ने पहले ही कॉलोनी की समस्याओं पर ध्यान दिया होता तो मां-बेटे को यह कदम उठाने की ज़रूरत नहीं पड़ती।

एक व्यक्ति ने कहा  जब इंसाफ समय पर नहीं मिलता, तो लोग जान देने पर मजबूर हो जाते हैं। प्रशासन की सुस्ती लोगों को खतरनाक फैसले लेने के लिए उकसाती है।

कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस घटना को प्रशासन की संवेदनहीनता का नतीजा बताया और कहा कि इस तरह की घटनाएं तब तक होती रहेंगी जब तक जनता की आवाज को गंभीरता से नहीं लिया जाएगा।

क्यों बढ़ रही हैं आत्मदाह की कोशिशें?

देशभर में ऐसी कई घटनाएं सामने आती हैं, जहाँ लोग अपनी फरियाद को सुनवाने के लिए आत्मदाह जैसी कोशिश करते हैं। इसका कारण है व्यवस्था पर भरोसे का टूटना। जब लोग देखते हैं,कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद कुछ नहीं हो रहा, तो उन्हें लगता है, कि शायद अपनी जान दांव पर लगाकर ही वे व्यवस्था को हिला पाएंगे।

Meerut self immolation attempt समाज और प्रशासन के लिए सबक

मेरठ की यह घटना केवल एक मां-बेटे की पीड़ा नहीं है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है।

प्रशासन को चाहिए कि किसी भी शिकायत को जाति या आर्थिक हैसियत देखकर न आंका जाए।

हर नागरिक की समस्या को बराबरी से सुना जाए और त्वरित कार्रवाई हो।

समाज को भी चाहिए कि पीड़ितों का साथ दे, ताकि वे अकेले और बेबस महसूस न करें।

कमिश्नरी गेट पर हुई आत्मदाह की कोशिश इस बात का सबूत है, कि जब इंसाफ की डगर कठिन और लंबी हो जाती है, तो पीड़ित खुद को असहाय महसूस करने लगता है। यह घटना प्रशासन और समाज दोनों के लिए आईना है।

जब तक हर नागरिक को उसके अधिकारों और सुरक्षा के साथ न्याय नहीं मिलेगा, तब तक ऐसे हादसे हमें बार-बार यह सोचने पर मजबूर करते रहेंगे क्या हम सच में उस बराबरी वाले समाज की ओर बढ़ रहे हैं जिसकी नींव हमारे संविधान ने रखी थी

 डिस्क्लेमर

यह लेख उपलब्ध तथ्यों और प्रत्यक्षदर्शियों की जानकारी पर आधारित है। इसका उद्देश्य किसी संस्था या व्यक्ति की छवि को ठेस पहुँचाना नहीं, बल्कि समाज और प्रशासन को संवेदनशील बनाने का है।

 

akhtar husain https://newsdilsebharat.net

न्यूज़ दिल से भारत के पाठकों से अनुरोध है कि अगर आप सच्ची और अच्छी ख़बरें पढ़ना चाहते हैं तो न्यूज़ दिल से भारत को सहयोग करें ताकि निष्पक्ष पत्रकारिता करने में हमारे सामने जो बाधाये आती है हम उनको पार कर सके सच्ची और अच्छी खबरें आप तक पहुंचा सके

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours