Lucknow Police ने करोड़ों की NEET Admission Fraud रैकिट का भंडाफोड़ किया। B.Tech स्टूडेंट मास्टरमाइंड समेत दो गिरफ्तार। छात्रों से पास कराने और एडमिशन दिलाने के नाम पर बड़े पैमाने पर ठगी।
देश को चौंकाने वाला खुलासा B.Tech स्टूडेंट निकला NEET Admission Fraud का मास्टरमाइंड
कई परिवार अपने बच्चों को डॉक्टर बनते देखना चाहते हैं, लेकिन जब कोई इसी सपने का गलत फायदा उठाकर करोड़ों की ठगी कर ले, तो यह सिर्फ अपराध नहीं बल्कि भावनाओं पर चोट भी बन जाता है। लखनऊ पुलिस ने एक बड़े NEET Admission Fraud मामले का पर्दाफाश किया है। पुलिस के अनुसार, 2011 बैच का एक B.Tech पास युवक अपना दिमाग गलत दिशा में इस्तेमाल कर रहा था और देशभर के छात्रों एवं अभिभावकों को मेडिकल एडमिशन के नाम पर ठग रहा था।
साइबर क्राइम सेल ने इस गिरोह को तोड़ते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य मास्टरमाइंड भी शामिल है। यह मामला दिखाता है, कि कैसे टेक्नोलॉजी और डेटा चोरी की मदद से NEET Admission Fraud जैसे अपराध लगातार बढ़ रहे हैं।
OMR शीट में सही उत्तर भरवाने का झांसा NEET Admission Fraud का सबसे बड़ा हथकंडा
पुलिस की जांच में सामने आया कि यह गिरोह छात्रों को यह विश्वास दिलाता था कि वे NEET परीक्षा की OMR शीट में उनके सही उत्तर खुद भर देंगे। इसके बदले उनसे लाखों रुपये लिए जाते थे। इतना ही नहीं, वे प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में management quota seats उपलब्ध कराने का भरोसा भी दिलाते थे।
पीड़ितों से मिली जानकारी के अनुसार, कुछ छात्रों से ₹45 लाख, ₹38 लाख, ₹20 लाख, और ₹23 लाख तक की रकम वसूली गई। यह पूरी ठगी एक संगठित नेटवर्क की तरह की जाती थी, जिसमें डेटा चोरी से लेकर फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार करने तक हर चरण शामिल था।
NEET रिजल्ट के बाद low-merit स्टूडेंट्स का डेटा ऑनलाइन खरीदा जाता था और फिर उन्हें “सीट सुनिश्चित कराने” का लालच देकर वित्तीय जाल में फँसाया जाता था। यह पूरा मॉडल NEET Admission Fraud के बड़े पैमाने पर चल रहे नेटवर्क का संकेत देता है।

गिरोह की गिरफ्तारी कैश, फर्जी डॉक्यूमेंट और डिजिटल सबूत बरामद
लखनऊ साइबर क्राइम पुलिस की टीम ने आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की। पुलिस के बयान के अनुसार, गिरफ्तारी के दौरान ₹5 लाख कैश, कई फर्जी दस्तावेज, मोबाइल फोन, लैपटॉप सहित कई डिजिटल सबूत मिले।
इन डिवाइसों में OMR मैनिपुलेशन से जुड़े मैसेज, चैट, संदिग्ध लिस्ट और एडमिशन से संबंधित डेटा मिलने की बात भी सामने आई है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों पर यूपी, दिल्ली, बिहार और गुजरात में 18 से अधिक फ्रॉड केस पहले से दर्ज हैं।
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अधिकारियों का कहना है,कि यह सिर्फ एक गिरोह नहीं बल्कि एक इंटर-स्टेट नेटवर्क है,जो लंबे समय से NEET Admission Fraud को अंजाम दे रहा था। अब पुलिस इसके बाकी सदस्यों की तलाश कर रही है।
छात्रों और अभिभावकों के लिए जरूरी चेतावनी NEET Admission Fraud से कैसे बचें

NTA और MCC दोनों ही बार-बार स्पष्ट कर चुके हैं, कि NEET परीक्षा और मेडिकल काउंसलिंग का प्रोसेस पूर्ण रूप से पारदर्शी है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति अगर OMR बदलने, पेपर सेट करने या मैनेजमेंट सीट दिलाने की “गारंटी” देता है, तो वह 100% ठगी है।
विशेषज्ञों की मानें तो आजकल cyber fraud, online admission scam और NEET Admission Fraud तेजी से बढ़ रहे हैं, क्योंकि परिवार तनाव में रहते हैं, और ऐसे लोगों के झांसे में आसानी से आ जाते हैं।
सलाह:
केवल आधिकारिक वेबसाइटों पर भरोसा करें
किसी भी अनजान एजेंट, ब्रोकर या “गैर-सरकारी गारंटी” देने वाले से दूरी रखें
सीट दिलाने के बदले पैसे मांगने वाला हर व्यक्ति धोखेबाज है,
सभी शिकायतें तुरंत पुलिस या साइबर सेल में दर्ज कराएँ
यह जरूरी है कि परिवार जागरूक रहें ताकि कोई भी उनके सपनों का गलत फायदा न उठा सके।
Disclaimer:यह आर्टिकल पुलिस व जांच एजेंसियों द्वारा जारी प्रारंभिक जानकारी पर आधारित है। किसी भी आरोपी को अदालत द्वारा दोषी सिद्ध होने से पहले अपराधी नहीं माना जाता। यह लेख केवल जागरूकता और सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है।













