बाबरी विध्वंस की तारीख पर सलीम चिश्ती दरगाह पहुंचने वाले अखिलेश यादव ने चढ़ाई चादर, दिया बड़ा राजनीतिक संदेश | Akhilesh Yadav offered At Salim Chishti Dargah
Akhilesh Yadav offered At Salim Chishti Dargah बाबरी विध्वंस की तारीख पर पहुंचे, चादर चढ़ाई, इंडिगो विवाद पर बोले, यमुना सफाई और टिकट सर्वे की रणनीति पर बड़ा बयान।
बाबरी विध्वंस की 6 दिसंबर की तारीख पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव का फतेहपुर सीकरी स्थित हज़रात शेख सलीम चिश्ती की दरगाह पहुँचना राजनीतिक और भावनात्मक दोनों ही रूपों में बेहद अहम माना जा रहा है। परिवार के साथ की गई यह धार्मिक यात्रा उस समय हुई जब आगामी चुनावों को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति पहले से ज्यादा तेज़ हो चुकी है। इस विशेष दिन पर Akhilesh Yadav offered At Salim Chishti Dargah और उनके साथ डिंपल यादव तथा जया बच्चन की मौजूदगी ने पूरे माहौल को और भी खास बना दिया। दरगाह में चादर चढ़ाते हुए उन्होंने प्रदेश और देश की खुशहाली के लिए दुआ मांगी। दिलचस्प बात यह रही कि यही मन्नत का धागा अखिलेश ने 2012 में भी बांधा था, और इस साल उन्होंने उसी परंपरा को दोहराया।

मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने SIR फॉर्मूले के जरिए वोट कटवाने के प्रयासों पर तीखी टिप्पणी की। उनका कहना था कि विपक्ष डर पैदा करने की राजनीति कर रहा है, जबकि सपा जनता के वोट की रक्षा करने को प्राथमिकता दे रही है। इस बीच Akhilesh Yadav offered At Salim Chishti Dargah बयान देते हुए इंडिगो फ्लाइट विवाद पर केंद्र सरकार को भी घेरते नजर आए। उन्होंने कहा कि जब नीतियों के नाम पर उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया जाएगा तो आम जनता को ऐसे ही संकटों का सामना करना पड़ेगा।
यमुना नदी की स्थिति पर अखिलेश विशेष रूप से भावुक दिखाई दिए। उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि यमुना की हालत इतनी खराब हो चुकी है,कि नदी अब नाले जैसी दिखती है। उन्होंने साफ कहा कि सरकार बनने पर मथुरा से लेकर आगरा तक यमुना को उसी तरह साफ किया जाएगा, जिस तरह लखनऊ में गोमती रीवरफ्रंट को विकसित किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार को जवाब देना चाहिए कि यमुना इतनी गंदी क्यों कर दी गई। इस बीच उन्होंने स्पष्ट किया कि Akhilesh Yadav offered At Salim Chishti Dargah सिर्फ धार्मिक आस्था का मामला नहीं, बल्कि पर्यावरण, आस्था और पर्यटन से जुड़ा बड़ा मुद्दा है।
चुनावी टिकट वितरण को लेकर सपा प्रमुख ने इस बार बेहद साफ संकेत दिए। उन्होंने कहा कि पार्टी अब भाजपा से रणनीति सीखकर, वैज्ञानिक और सर्वे आधारित टिकट चयन करेगी। उनका कहना था कि इस बार किसी भी उम्मीदवार पर बिना जनमत देखे निर्णय नहीं लिया जाएगा। यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने पहली बार सार्वजनिक मंच से यह स्वीकार किया कि भाजपा का प्रबंधन चुनावों में बेहद मजबूत है। इन बातों के बीच भी Akhilesh Yadav offered At Salim Chishti Dargah का जिक्र उनकी जनता से जुड़ाव और धार्मिक यात्रा के राजनीतिक महत्व की ओर संकेत करता है।
अखिलेश ने सुप्रीम कोर्ट में हाल की घटनाओं और वर्चस्ववाद पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उनका कहना था कि संविधान की किताब ही पीडीए और हक अधिकारों की सबसे बड़ी सुरक्षा है। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि कुछ वर्चस्ववादी समूह पीडीए और पिछड़े वर्ग का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने लोगों को आगाह करते हुए कहा कि अगर संविधान कमजोर हुआ तो पीडीए भी कमजोर होगा। बीच बीच में Akhilesh Yadav offered At Salim Chishti Dargah की यात्रा का भावनात्मक प्रभाव भी उनके भाषण में बार बार दिखा।
विकास कार्यों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मेट्रो रेल परियोजना, आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे और कई बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य सपा सरकार की देन हैं। उन्होंने भाजपा की घोषणाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि सिर्फ बातें करने से विकास नहीं होता। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी गंगा को बिहार से बंगाल तक बहाने की बात करती है, लेकिन यमुना उसकी सरकार में उल्टी बहने लगी है। इस चर्चा के बीच भी Akhilesh Yadav offered At Salim Chishti Dargah उनकी यात्रा के आध्यात्मिक और राजनीतिक संतुलन का एक अहम प्रतीक बनी रही।
समापन के रूप में कहा जा सकता है, कि बाबरी विध्वंस की संवेदनशील तारीख पर Akhilesh Yadav offered At Salim Chishti Dargah का यह दौरा एक सोची-समझी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। इस दिन दरगाह में चादर चढ़ाकर उन्होंने न केवल अपनी आस्था जताई, बल्कि चुनावी संदेश भी बेहद संवेदनशील तरीके से दिया। यमुना सफाई, टिकट वितरण, केंद्र पर निशाना और सामाजिक न्याय इन सभी मुद्दों पर उनके बयान साफ संकेत देते हैं कि चुनावी जंग के लिए सपा अब पूरी तरह तैयार है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सार्वजनिक बयानों, समाचार रिपोर्टों और राजनीतिक घटनाओं पर आधारित है। इसका उद्देश्य किसी राजनीतिक दल का समर्थन या विरोध नहीं है। पाठक अपनी समझ के अनुसार जानकारी का मूल्यांकन करें।










