वाराणसी में Cricket Coach Crime का दर्दनाक खुलासा: दो नाबालिगों से कुकर्म, गिरफ्तारी के बाद जमीन पर गिरकर रोया आरोपी
वाराणसी में Cricket Coach Crime का गंभीर मामला सामने आया। दो नाबालिगों से कुकर्म के आरोप में कोच मुरारी लाल गिरफ्तार। गिरफ्तारी के बाद रोता और माफी मांगता दिखा आरोपी। पुलिस जांच और परिवारों का दर्द यहाँ पढ़ें।

वाराणसी से आई यह घटना हर माता पिता को झकझोर देने वाली है। खेल की दुनिया में जहां अनुशासन और भरोसे को सबसे ऊपर माना जाता है, वहीं एक कोच द्वारा ऐसा Cricket Coach Crime सामने आना समाज के लिए गहरी चिंता की बात है। बच्चे सपनों के साथ कोचिंग में जाते हैं, लेकिन भरोसे की यह दीवार टूटने पर जो दर्द पैदा होता है, उसकी भरपाई संभव नहीं। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी लगातार हाथ जोड़कर माफी मांगता रहा, जमीन पर गिरकर दया की गुहार लगाता रहा, लेकिन कानून और परिवार, दोनों के लिए यह एक गंभीर Cricket Coach Crime था, जिसकी कोई माफी नहीं।
परिजनों ने बताया कि बच्चों के व्यवहार में बदलाव देख वे चिंतित हुए। समझाने पर जब बच्चों ने हिम्मत कर सच बताया, तो परिवार का दिल दहल गया। इसके बाद उन्होंने बिना देर किए पुलिस से संपर्क किया। पुलिस का रवैया भी सख्त रहा और तुरंत कार्रवाई करते हुए कोच को हिरासत में ले लिया। यह कदम इसलिए भी जरूरी था ताकि ऐसे Cricket Coach Crime दोबारा न हों और बच्चे सुरक्षित रह सकें।
जांच में सामने आया कि आरोपी मुरारी लाल ने क्रिकेट की कोचिंग का सहारा लेकर बच्चों के साथ गलत हरकतें की थीं। इस घटना ने खेल संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है, कि हर कोचिंग सेंटर में बैकग्राउंड वेरिफिकेशन अनिवार्य होना चाहिए। अभिभावकों को भी बच्चों से खुलकर संवाद रखना चाहिए ताकि वे किसी भी गलत परिस्थिति को बिना डर बताए सकें। अगर समाज जागरूक रहे तो ऐसे Cricket Coach Crime शुरुआत में ही पकड़ लिए जाते हैं।
बच्चों की सुरक्षा पर सरकार और पुलिस पहले से ही कई स्तर पर काम कर रही है, लेकिन यह घटना बताती है,कि अभी भी लंबा रास्ता तय करना बाकी है। वाराणसी पुलिस ने कहा है, कि इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने की कोशिश की जाएगी ताकि पीड़ित परिवार को जल्द न्याय मिले। इसी बीच खेल विभाग ने भी शहर के अन्य कोचिंग सेंटर्स की जांच शुरू कर दी है, ताकि किसी और जगह Cricket Coach Crime जैसी घटना न दोहराई जाए।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी रो रोकर कहता रहा कि उससे गलती हो गई, लेकिन परिवारों के लिए यह कोई ‘गलती’ नहीं, बल्कि एक बड़ा अपराध था। उनका कहना है, कि जिस आदमी पर उन्होंने बच्चों को सुरक्षित सौंपने का भरोसा किया, उसी ने उनकी मासूमियत से खिलवाड़ किया। समाज में भी इस घटना को लेकर नाराजगी है,और लोग चाहते हैं,कि ऐसे Cricket Coach Crime करने वालों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो, ताकि बाकी लोग भी सबक लें।
आज यह मामला सिर्फ दो बच्चों का नहीं है, बल्कि हर खेल केंद्र, स्कूल, कोचिंग और परिवार के लिए चेतावनी है। बच्चों की सुरक्षा किसी एक विभाग की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज का कर्तव्य है। जब तक अभिभावक, संस्थान और पुलिस एक साथ मिलकर प्रयास नहीं करेंगे, तब तक ऐसे Cricket Coach Crime खत्म नहीं होंगे। इस घटना ने यह भी साबित कर दिया कि जब परिवार डरकर चुप नहीं रहते और आवाज उठाते हैं, तभी न्याय की शुरुआत होती है।
Disclaimer यह लेख उपलब्ध प्रारंभिक सूचनाओं, पुलिस बयानों और मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर तैयार किया गया है। किसी भी व्यक्ति को दोषी या निर्दोष ठहराने का अंतिम अधिकार केवल न्यायालय का है। इस रिपोर्ट का उद्देश्य केवल तथ्यात्मक जानकारी देना है, न कि किसी की छवि को नुकसान पहुंचाना।
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