Gorakhpur insurance fraud, Decent Hospital scam गोरखपुर का सबसे बड़ा हेल्थ इंश्योरेंस घोटाला! डिसेंट हॉस्पिटल से ₹1.20 करोड़ की बीमा ठगी का खुलासा, फर्जी डॉक्टर और मैनेजर गिरफ्तार
Gorakhpur insurance fraud, Decent Hospital scam गोरखपुर के डिसेंट हॉस्पिटल में ₹1.20 करोड़ की बीमा ठगी का खुलासा, पुलिस ने डॉ. अफजल अंसारी और मैनेजर ताहीर खान को गिरफ्तार किया। तीन जिलों के आठ अस्पताल जांच के घेरे में, साइबर सेल खातों की छानबीन कर रही है।
Gorakhpur insurance fraud, Decent Hospital scam उत्तर प्रदेश गोरखपुर स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर अब तक का सबसे बड़ा घोटाला गोरखपुर में सामने आया है। रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के डिसेंट हॉस्पिटल में बीमा क्लेम के नाम पर ₹1.20 करोड़ की ठगी का पर्दाफाश हुआ है।
पुलिस ने आयुष डॉक्टर, मैनेजर और अस्पताल संचालकों सहित कई आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। फर्जी डॉक्टर खुद को एमबीबीएस सर्जन बताकर दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करता था और मैनेजर बीमा एजेंटों से मिलकर करोड़ों का क्लेम पास कराता था।
Gorakhpur insurance fraud, Decent Hospital scam घोटाले का खुलासा
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इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ तब हुआ जब बजाज आलियांज जनरल हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने 9 सितंबर 2025 को गोरखपुर पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई। कंपनी की जांच टीम को शक हुआ कि डिसेंट हॉस्पिटल में भर्ती दिखाए गए कई मरीज असली नहीं हैं। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते ही साइबर सेल और विशेष जांच दल को जांच में लगाया।
Gorakhpur insurance fraud, Decent Hospital scam गिरफ्तार आरोपी
पुलिस ने अब तक जिनको गिरफ्तार किया है, उनके नाम हैं –
डॉ. अफजल अंसारी – आयुष डॉक्टर, जिसने खुद को एमबीबीएस सर्जन बताकर बीमा क्लेम दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए।
ताहीर खान – अस्पताल का मैनेजर, बीमा एजेंटों से मिलकर क्लेम पास कराने का जिम्मेदार।
शमशुल कमर – डिसेंट हॉस्पिटल का संचालक, गेंहुआसागर निवासी।
प्रवीन त्रिपाठी उर्फ विकास मणि त्रिपाठी – अस्पताल का पार्टनर, मेवातीपुर निवासी।
ये सभी मिलकर बीमा कंपनियों से करोड़ों की रकम वसूल रहे थे।
Gorakhpur insurance fraud, Decent Hospital scam ठगी का तरीका
1. फर्जी मरीजों को भर्ती दिखाकर इलाज और ऑपरेशन के नकली रिकॉर्ड बनाए गए।
2. डॉ. अफजल अंसारी ने एमबीबीएस सर्जन बनकर उन फाइलों पर हस्ताक्षर किए।
3. मैनेजर ताहीर खान ने एजेंटों से संपर्क साधकर क्लेम कंपनी तक पहुंचाए।
4. रकम मिलने के बाद विभिन्न बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कर बांट लिए गए।
Gorakhpur insurance fraud, Decent Hospital scam संदिग्ध अस्पताल
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जांच में खुलासा हुआ कि यह ठगी केवल डिसेंट हॉस्पिटल तक सीमित नहीं थी। पुलिस ने गोरखपुर, बस्ती और संत कबीरनगर जिलों के कुल 8 अस्पतालों को संदिग्ध सूची में डाला है।
सबसे बड़ा खुलासा यह रहा कि कागजों पर दिखाया गया एपेक्स हॉस्पिटल असल में अस्तित्व में ही नहीं है।
Gorakhpur insurance fraud, Decent Hospital scam पुलिस और साइबर सेल की कार्रवाई
साइबर सेल ने आरोपियों के बैंक खातों और ट्रांजेक्शनों की जांच शुरू कर दी है।
अब तक लगभग 15 फर्जी मरीजों की फाइलें मिली हैं,जिन पर 1.20 करोड़ रुपये क्लेम हुए।
पुलिस को शक है, कि रकम ₹1.80 करोड़ तक पहुंच सकती है क्योंकि जांच अभी शुरुआती स्तर पर है।
पुलिस अधीक्षक ने साफ कहा कि इस नेटवर्क से जुड़े और लोग भी निशाने पर हैं, और आगे और गिरफ्तारियां होंगी।
समाज पर असर
बीमा घोटाले ने गरीब और मध्यमवर्गीय मरीजों के भरोसे को हिला दिया है। जब फर्जी मरीजों पर करोड़ों की राशि निकाली जा सकती है, तो असली मरीजों को बीमा क्लेम मिलने में दिक्कत क्यों? इस घटना ने बीमा प्रणाली और अस्पतालों की विश्वसनीयता पर गहरे सवाल खड़े किए हैं।
गोरखपुर का यह घोटाला दिखाता है,कि किस तरह संगठित गिरोह स्वास्थ्य और बीमा व्यवस्था को निशाना बना रहे हैं। फर्जी डॉक्टर, नकली मरीज, झूठे अस्पताल और मैनेजर – सब मिलकर करोड़ों की ठगी कर रहे थे। पुलिस और साइबर सेल की कार्रवाई ने इस पर बड़ा पर्दा उठाया है, लेकिन आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे होने की संभावना है।
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