Priyanka Chaturvedi on Aniruddhacharya कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा प्रियंका चतुर्वेदी बोलीं ऐसे बयान समाज को ज़हर देते हैं,
Priyanka Chaturvedi on Aniruddhacharya कथावाचक अनिरुद्धाचार्य पर महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने का आरोप। कोर्ट ने परिवाद दर्ज किया। Priyanka Chaturvedi on Aniruddhacharya समाज को भ्रष्ट करने वाला बताया। पढ़ें पूरा अपडेट।
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के विवादित बयान पर देशभर में जबरदस्त चर्चा जारी है। महिलाओं पर कथित अपमानजनक टिप्पणी के बाद अब पूरा मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है। बीते अक्टूबर 2025 में कथा के दौरान आए इस बयान पर कानूनी प्रक्रिया तेज हो गई है। इसी बीच Priyanka Chaturvedi on Aniruddhacharya बयान के बाद मामला और सुर्खियों में आ गया है, क्योंकि उन्होंने कोर्ट की कार्रवाई को समाज के लिए ज़रूरी बताया है।

कोर्ट ने आधिकारिक रूप से अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ परिवाद दर्ज कर लिया है। अब कथावाचक को कोर्ट में पेश होना होगा और अपने बयान पर स्पष्टीकरण देना होगा। मामले में अगली सुनवाई 1 जनवरी को तय की गई है, जिसमें याचिकाकर्ता का बयान भी दर्ज किया जाएगा। यह पूरा विवाद अब सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में भी तेजी से चर्चा का विषय बना हुआ है।
अक्टूबर में दिए गए विवादित बयान में अनिरुद्धाचार्य ने देश की बेटियों की शादी की उम्र पर टिप्पणी की थी। उनका कथित दावा था कि देर से शादी होने पर लड़कियां कई लड़कों से दोस्ती कर लेती हैं। इसी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने एक बेहद आपत्तिजनक लाइन कही
“इस उम्र तक लड़कियां कई जगह मुंह मार चुकी होती हैं।”
यही बयान पूरे विवाद की जड़ बना। बयान सामने आते ही कई महिला संगठनों ने नाराज़गी जताई, और सोशल प्लेटफॉर्म्स पर विरोध तेज हो गया। इससे पहले भी Priyanka Chaturvedi on Aniruddhacharya को लेकर बहस उठी थी पर इस बार मामले ने कानूनी मोड़ ले लिया।
अपने खिलाफ केस दर्ज होने पर अनिरुद्धाचार्य ने सार्वजनिक रूप से कुछ भी बोलने से मना कर दिया है। बताया गया है,कि वह इस समय अपने वकीलों की टीम के साथ बातचीत कर रहे हैं और कोर्ट में अपना पक्ष कैसे रखा जाए, इस पर रणनीति तैयार की जा रही है। हालांकि विरोध बढ़ता जा रहा है,और धार्मिक प्रवचनों में महिला सम्मान जैसे मुद्दों पर गंभीर चर्चा शुरू हो गई है।
जब मीडिया ने शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी से इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया मांगी, तो उनका जवाब बेहद साफ और कड़ा था। Priyanka Chaturvedi on Aniruddhacharya टिप्पणी देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है, कि कोर्ट ने संज्ञान लिया और कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने कहा एक गुरु की ऐसी सोच समाज को करप्ट करती है। जिनकी बड़ी फॉलोइंग हो, उन्हें अपने शब्दों की ज़िम्मेदारी समझनी चाहिए।
प्रियंका चतुर्वेदी से आगे कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने भी कठोर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपील की कि लोग ऐसे बाबाओं के पास जाना बंद कर दें। उनका कहना था कि देश में कई ऐसे प्रवचनकर्ता हैं, जिन्हें मंच नहीं, बल्कि जेल में होना चाहिए। रंजीत रंजन ने कहा “ऐसे बाबाओं की दुकान बंद करिए, ये खुद ही अपने मुंह पर टेप लगा लेंगे।” इस बयान ने राजनीतिक हलचल को और बढ़ा दिया, जिससे Priyanka Chaturvedi on Aniruddhacharya की प्रतिक्रिया और अधिक चर्चा में आ गई।
अब पूरा मामला कानूनी रूप से मजबूत हो चुका है। कोर्ट ने परिवाद स्वीकार कर लिया है, जिससे अगले चरण में कथावाचक को अदालत में उपस्थित होना होगा। 1 जनवरी की सुनवाई इस केस का अहम हिस्सा मानी जा रही है, क्योंकि इसी दिन याचिकाकर्ता का बयान और केस की दिशा दोनों तय होंगी।
विशेषज्ञों के अनुसार धार्मिक मंचों पर महिलाओं के अपमानजनक चित्रण पर अब कड़ी नजर रखी जा रही है। सोशल प्लेटफॉर्म्स पर लगातार यही मांग उठ रही है,कि ऐसे मामलों में सख्त सजा होनी चाहिए, ताकि समाज में महिला सम्मान मजबूत हो सके।Priyanka Chaturvedi on Aniruddhacharya मुद्दे के बाद यह स्पष्ट है, कि अब ऐसे बयान बिना जवाबदेही के नहीं छोड़े जाएंगे।
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समाज में इस विवाद को लेकर दो तरह के माहौल हैं। एक वर्ग नाराज़ है,कि धार्मिक व्यक्तित्वों के बयान अक्सर महिलाओं को नीचा दिखाते हैं। दूसरे लोग सवाल कर रहे हैं, कि सार्वजनिक मंच पर ऐसे शब्द कैसे निकल जाते हैं। बहुत से सामाजिक संगठनों ने भी मांग की है,कि अध्यात्म और धर्म के मंचों का उपयोग केवल सकारात्मक संदेशों और नैतिक मूल्यों के लिए होना चाहिए। Priyanka Chaturvedi on Aniruddhacharya की प्रतिक्रिया को महिला सुरक्षा और समाजिक चेतना के बड़े संदर्भ में देखा जा रहा है। लोगों का मानना है, कि यह मामला केवल एक कथावाचक का नहीं, बल्कि समाज में बढ़ते महिला विरोधी नैरेटिव का प्रतीक है।
Disclaimer: यह लेख उपलब्ध समाचार स्रोतों और सार्वजनिक बयानों के आधार पर तैयार किया गया है। किसी व्यक्ति की कानूनी दोषसिद्धि का निर्णय अदालत द्वारा ही किया जाएगा। लेख का उद्देश्य केवल सूचनात्मक सामग्री प्रदान करना है।
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