SIR NRC यूपी में SIR बनाम NRC विवाद पर अखिलेश यादव का बड़ा हमला, डिटेंशन सेंटर और EVM पर उठाए सवाल के बहाने यूपी में NRC अखिलेश यादव का सबसे बड़ा राजनीतिक हमला डिटेंशन सेंटर से EVM तक पूरे सिस्टम पर उठाए सवाल
SIR NRC यूपी में SIR बनाम NRC विवाद पर अखिलेश यादव का बड़ा हमला, डिटेंशन सेंटर और EVM पर उठाए सवाल यूपी में SIR vs NRC Issue पर अखिलेश यादव का गंभीर आरोप, कहा SIR नहीं अंदरखाने NRC चल रहा है। डिटेंशन सेंटर, आधार, EVM और चुनाव आयोग पर कड़े सवाल।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में उस वक्त हलचल तेज हो गई, जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चल रहा विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान (SIR) असल में SIR vs NRC Issue” की शुरुआत है। अखिलेश यादव ने लोकसभा में बोलते हुए दावा किया कि सरकार SIR के नाम पर वही काम कर रही है, जिसे वह खुले तौर पर NRC के रूप में लागू नहीं कर पा रही। उनकी इस टिप्पणी ने पूरे सियासी माहौल में हलचल पैदा कर दी।
अखिलेश यादव ने कहा कि SIR प्रक्रिया में आधार कार्ड को मानने से इनकार किया जा रहा है, जबकि आधार में फोटो, फिंगरप्रिंट, आंखों की रेटिना स्कैन से लेकर पूरा डिजिटल रिकॉर्ड मौजूद रहता है। उन्होंने इसे SIR vs NRC Issue को और गहरा करने वाला कदम” बताया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब आधार सबसे वैध पहचान पत्र है, तो इसे SIR में क्यों अस्वीकार किया जा रहा है? इससे सरकारी नीयत पर संदेह होता है, कि कहीं यह NRC का बैकडोर एंट्री तो नहीं।
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उस घोषणा पर भी सवाल उठाया, जिसमें डिटेंशन सेंटर बनाने की बात कही गई थी। अखिलेश यादव ने कहा अगर SIR में किसी का नाम नहीं है, तो डिटेंशन सेंटर की क्या जरूरत है, इसका मतलब साफ है कि यह सिर्फ SIR नहीं बल्कि पूरा ‘SIR vs NRC Issue’ है, जिसे धीरे-धीरे लागू किया जा रहा है। अखिलेश ने कहा कि यह कदम समाज में डर और असुरक्षा का माहौल बना सकता है, खासकर उन लोगों के बीच जिन्हें अधिकारों और पहचान को लेकर पहले ही परेशानियां हैं।
अखिलेश यादव यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि चुनावों में सुधार सबसे जरूरी है, लेकिन सुधार से पहले विश्वास जरूरी है। उन्होंने आरोप लगाया कि आज चुनाव आयोग से निष्पक्षता की उम्मीद करना कठिन हो गया है। उनके मुताबिक आयोग ‘एक विचारधारा आधारित समूह’ बन गया है। उन्होंने कहा कि यदि चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं रहेगा, तो लोकतंत्र कमजोर होता जाएगा। उन्होंने आगाह किया कि आयोग की एक गलती आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को प्रभावित कर सकती है।
SIR vs NRC Issue को उठाते हुए उन्होंने कहा कि यह सिर्फ मतदाता सूची का मसला नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई है। उन्होंने उदाहरण दिया कि रामपुर लोकसभा उपचुनाव में पुलिस और प्रशासन ने किस तरह माहौल बनाया था ताकि समाजवादी पार्टी का वोटर बाहर न निकल सके। अखिलेश ने कहा हमने एक एक घटना की जानकारी दी, कौन अधिकारी किस जगह था, कौन सी बैरिकेडिंग लगाई गई, किसे रोका गया सब बताया। फिर भी चुनाव आयोग ने एक भी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने EVM पर भी बड़ा सवाल उठाया। कहा कि दुनिया के कई विकसित देश जर्मनी, जापान, अमेरिका जो तकनीक में भारत से कई दशक आगे हैं, वे आज भी बैलेट पेपर से चुनाव कराते हैं। अखिलेश ने कहा कि अगर इतनी विकसित तकनीकी क्षमता वाले देशों को EVM पर भरोसा नहीं, तो भारत में क्यों EVM को एकमात्र विकल्प बनाया जा रहा है, उन्होंने इसे लोकतंत्र की पारदर्शिता पर बड़ा खतरा बताया।
उन्होंने कहा कि जब जर्मनी जैसे उच्च तकनीक वाले देश में EVM को ‘‘अनकॉन्स्टिट्यूशनल’’ माना जाता है, तो भारत में इसे लेकर उंगली उठना स्वाभाविक है। यह समय है, कि भारत के चुनाव आयोग को जनता की आवाज सुननी चाहिए और साफ सुथरे तरीके से चुनाव कराना चाहिए। यही वह सुधार है, जो SIR vs NRC Issue जैसे विवादों को खत्म कर सकता है और लोकतंत्र को मजबूत बना सकता है।
अखिलेश यादव ने अंत में कहा कि चुनाव आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से काम करना चाहिए। यदि आयोग सत्ता के दबाव में आकर काम करेगा, तो यह लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा“लोकतंत्र का भरोसा तभी लौटेगा, जब चुनाव आयोग अपनी भूमिका समझे और सच्चे मायने में लोकतंत्र की रक्षा करे।”
उनके बयान ने SIR NRC Issue को लेकर पूरे देश में नई बहस पैदा कर दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और चुनाव आयोग इस पर क्या जवाब देते हैं,और आगे आने वाले दिनों में SIR और NRC से संबंधित माहौल किस दिशा में जाता है।
Disclaimer यह लेख उपलब्ध बयानों, संसदीय चर्चा और सार्वजनिक जानकारियों के आधार पर पत्रकारिता शैली में तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य किसी राजनैतिक दल, संस्था या व्यक्ति के प्रति पक्षपात नहीं है। पाठक किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले आधिकारिक स्रोतों से भी जानकारी अवश्य प्राप्त करें।
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