गाजियाबाद में Special Revision Drive के दौरान भारी लापरवाही सामने आई है। 115 BLO पर FIR दर्ज करने का आदेश जारी। जानिए क्यों बढ़ी प्रशासन की सख्ती और कैसे बदलेगी मतदाता सूची की स्थिति।
गाजियाबाद में 115 BLO पर दर्ज होगी FIR: Special Revision Drive में बड़ी लापरवाही, डीएम ने दिए सख्त आदेश
मानव-फ्रेंडली परिचय: आखिर क्या गलती हुई कि DM को देना पड़ा FIR का आदेश?
गाजियाबाद में इन दिनों मतदाता सूची का Special Revision Drive पूरे जोर पर चल रहा है। यह वह प्रक्रिया है, जिसमें हर वोटर तक प्रशासन की पहुंच जरूरी होती है। लेकिन हैरानी की बात यह है, कि कई Booth Level Officers (BLO) अपनी बुनियादी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रहे।
इस लापरवाही का नतीजा यह निकला कि DM रविंद्र कुमार मांदड़ ने 115 BLO पर FIR दर्ज करने का आदेश दे दिया।
यह फैसला न सिर्फ गाजियाबाद, बल्कि पूरे प्रदेश में चुनावी प्रक्रिया की गंभीरता को दिखाता है। प्रशासन का कहना है, कि BLO की सुस्ती से लाखों मतदाताओं की वोटर लिस्ट अपडेटिंग प्रभावित हो सकती थी। और यही वजह है,कि Special Revision Drive को सफल बनाने के लिए अब सख्ती ज़रूरी हो गई है।

FIR क्यों होगी? गाजियाबाद में क्या मिली बड़ी चूक
दरअसल 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चल रहे Special Revision Drive में BLO को घर-घर जाकर गणना प्रपत्र बांटने थे। लेकिन चौंकाने वाली जानकारी यह है,कि 115 BLO ने अभी तक तहसील से फॉर्म ही नहीं उठाए।
मतलब
न फॉर्म उठाए
न घर-घर पहुंचे
न रिवीजन की प्रक्रिया शुरू की
DM ने इसे गंभीर लापरवाही बताकर कहा कि आने वाले चुनावों में एक भी गलती की गुंजाइश नहीं है।
इसलिए इन 115 BLO पर FIR दर्ज होकर ही रहेगी।
गाजियाबाद में कुल 2062 शिक्षकों में से 1200 की ड्यूटी BLO के रूप में लगी है, लेकिन प्रशासन का मानना है, कि कुछ BLO की लापरवाही पूरी व्यवस्था को बिगाड़ सकती है।
Special Revision Drive क्या है? क्यों पूरे देश में इसका महत्व बढ़ गया है
Special Revision Drive को चुनाव आयोग देश की सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में मानता है।
इस प्रक्रिया में:
नए वोटर जोड़े जाते हैं,
गलत प्रविष्टियाँ हटाई जाती हैं,
मृतकों के नाम हटते हैं,
पते में बदलाव अपडेट होते हैं,
और वोटर लिस्ट को पूरी तरह रिफ्रेश किया जाता है,
2025 में यह अभियान 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू किया गया है। इसमें शामिल हैं:
उत्तर प्रदेश, गुजरात, गोवा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, तमिलनाडु, राजस्थान, पश्चिम बंगाल
साथ ही अंडमान निकोबार, लक्षद्वीप और पुडुचेरी।
यह अभियान इतना बड़ा है, कि इसमें
5.3 लाख BLO
7.64 लाख बूथ लेवल एजेंट
10,448 ERO/AERO
और 321 जिला निर्वाचन अधिकारी
लगाए गए हैं।
यह साफ दिखाता है कि Special Revision Drive एक सामान्य प्रक्रिया नहीं, बल्कि देश की लोकतांत्रिक नींव को मजबूत करने का मिशन है।
वोटर्स के लिए जरूरी गाइडलाइन नाम कैसे चेक करें?
अगर आप जानना चाहते हैं, कि आपका नाम वोटर लिस्ट में है, या नहीं, तो यह बेहद आसान है।
चुनाव आयोग ने इसके लिए एक सुविधाजनक पोर्टल उपलब्ध कराया है:
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https://voters.eci.gov.in/
यहां आप:
अपना नाम
परिवार के सदस्य का नाम
पिछली वोटर लिस्ट
सब कुछ आसानी से देख सकते हैं।
Special Revision Drive के दौरान BLO घर-घर जाकर तीन बार सत्यापन करते हैं, लेकिन अगर BLO अपनी जिम्मेदारी न निभाए जैसा कि गाजियाबाद में हुआ तो यह ऑनलाइन सुविधा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
क्या FIR से बदलेगी तस्वीर? जानिए आगे की चुनौतियाँ
गाजियाबाद प्रशासन का यह एक्शन आने वाले समय की तैयारी बताता है।
चुनाव आयोग की मंशा साफ है,
“कोई भी गलती वोटर लिस्ट में नहीं होनी चाहिए।”
विशेषज्ञों का मानना है, कि FIR जैसी सख्ती:
BLO की जवाबदेही बढ़ाएगी
Special Revision Drive को समय पर पूरा कराएगी
और पारदर्शी चुनावों की दिशा में बड़ा कदम होगी
अब चुनौती यह है,कि बाकी जिलों में भी ऐसी लापरवाही न हो और पूरे अभियान को निर्बाध रूप से पूरा किया जाए।
Disclaimer यह लेख सरकारी सूचनाओं, प्रशासनिक बयानों और चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देशों के आधार पर तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य केवल सूचना प्रदान करना है। किसी भी कानूनी अथवा प्रशासनिक बदलाव की स्थिति में आधिकारिक अपडेट को ही अंतिम स्रोत माना जाए।
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