उन्नाव का चौंकाने वाला स्कूल विवाद: शिक्षिका और रसोइयों के बीच जमकर मारपीट, बच्चों के सामने शिक्षा का सम्मान हुआ तार तार

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Unnao School Fight ने पूरे उत्तर प्रदेश को चौंका दिया है। प्राथमिक विद्यालय उचगांव सानी-1 में Assistant Teacher प्रियंका श्रीवास्तव और महिला रसोइयों के बीच झगड़ा हुआ। मामला इतना बढ़ा कि शिक्षिका को बाल पकड़कर गिरा दिया गया। शिक्षा विभाग ने कार्रवाई शुरू की, सवालों के घेरे में आई शिक्षा की गरिमा।

Unnao School Fight उन्नाव स्कूल फाइट: शिक्षिका और रसोइयों के बीच जमकर भिड़ंत, शिक्षा के मंदिर में गूंजी चीखें

शिक्षा का स्थान हमेशा सम्मान, संयम और समझदारी की मिसाल माना जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले में सामने आई Unnao School Fight ने इस छवि को गहरा आघात पहुंचाया है। यह घटना पुरवा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय उचगांव सानी-1 की है, जहां Assistant Teacher प्रियंका श्रीवास्तव और महिला रसोइयों के बीच मामूली कहासुनी इतना बिगड़ गई कि मामला हिंसा तक पहुंच गया। बताया गया कि Assistant Teacher ने किसी विवाद में रसोइयों पर हाथ उठाया, जिसके बाद गुस्साई रसोइयों ने उन्हें बालों से पकड़कर जमीन पर गिरा दिया और डंडों से पीटा। यह Unnao School Fight अब पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है।

Unnao School Fight में बच्चों के सामने हुई इस शर्मनाक घटना ने स्कूल के माहौल को पूरी तरह हिला दिया। स्कूल, जो नैतिक मूल्यों और अनुशासन की शिक्षा देने का स्थान होता है, वहां इस तरह की हिंसा ने शिक्षा व्यवस्था पर गहरा सवाल खड़ा किया है। जब शिक्षिका और रसोइया जैसे दो जिम्मेदार पदों पर आसीन लोग ही संयम खो दें, तो बच्चों को क्या संदेश मिलेगा? यह Unnao School Fight सिर्फ मारपीट की घटना नहीं, बल्कि समाज में गिरती नैतिकता का भी प्रतीक बन गई है।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह Unnao School Fight मिड डे मील की व्यवस्था को लेकर शुरू हुई थी। शिक्षिका और रसोइयों के बीच कई दिनों से कामकाज को लेकर तनाव चल रहा था। जिस दिन यह विवाद हुआ, उस दिन किसी बात पर तकरार इतनी बढ़ी कि दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर चिल्लाना शुरू किया। मिड डे मील के संचालन को लेकर पहले से चल रहे मनमुटाव ने आखिरकार हिंसा का रूप ले लिया। अब शिक्षा विभाग ने इस Unnao School Fight की जांच के आदेश दे दिए हैं।

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ऊपर से देखने पर यह घटना छोटी लग सकती है, लेकिन इसके असर गहरे हैं। Unnao School Fight ने यह साबित किया है, कि स्कूलों में भावनात्मक संवाद और शिकायत निवारण प्रणाली कितनी आवश्यक है। प्रशासन ने कहा है कि वे इस Unnao School Fight में शामिल सभी लोगों से बयान दर्ज कर रहे हैं, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि ऐसे मामले शिक्षा प्रणाली की साख को नुकसान पहुंचाते हैं, और इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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Unnao School Fight जैसी घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं, कि शिक्षा का असली मतलब सिर्फ पढ़ाई लिखाई नहीं, बल्कि व्यवहार में शालीनता और मर्यादा सीखना भी है। यदि पढ़े लिखे लोग ही संयम खो दें तो आने वाली पीढ़ी से हम क्या उम्मीद करें? इस घटना को शिक्षा विभाग के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। प्रशासन अब ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विद्यालयों में संवेदनशीलता प्रशिक्षण (Sensitivity Training) और संवाद कार्यक्रमों पर विचार कर रहा है।

अब सवाल यह उठता है,कि एक शांत, अनुशासित और जिम्मेदार कार्यस्थल में ऐसी Unnao School Fight जैसी घटनाओं को कैसे रोका जाए। इसका जवाब केवल सख्त नियमों में नहीं, बल्कि आपसी सम्मान और बातचीत में छिपा है। जब शिक्षक, रसोइये और प्रशासन मिलकर काम करेंगे तो स्कूल एक सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण बन पाएगा। यह Unnao School Fight हमें याद दिलाती है, कि शिक्षा का असली उद्देश्य इंसान बनना है, लड़ाकू नहीं।

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